Fact Check: जलमग्न हुई द्वारका नगरी का नहीं है ये वीडियो, गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर
सोशल मीडिया पर इन दिनों जलमग्न हुई द्वारका नगरी का एक वीडियो साझा किया जा रहा है। लेकिन इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में वीडियो की सच्चाई कुछ और ही निकली।
Fact Check: पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने समुद्र में समा चुकी द्वारका नगरी के भी दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपने विचार भी प्रकट किए थे। प्रधानमंत्री ने द्वारका नगरी के दर्शन का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया था, जो वायरल हो गया। प्रधानमंत्री के इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर द्वारका नगरी से जुड़े हुए कई वीडियो वायरल होने लगे।
द्वारका नगरी से जुड़े हुए कई एनीमेटेड वीडियो भी तरह-तरह के दावों के साथ साझा किए गए। इनमें से एक वीडियो भी साझा किया गया, जिसमें कहा गया कि यह जलमग्न हुई द्वारका का दुर्लभ वीडियो है। इसे एक मंदिर बताया गया। 15 सेकेंड का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया।
सोशल मीडिया किस दावे के साथ किया गया साझा?
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म फेसबुक पर प्रियंका हिंदुस्तानी नामक एक यूजर ने इस वीडियो को साझा किया है। इसके साथ ही इसके कैप्शन में लिखा गया, "समुद्र तल मे भगवान श्री कृष्ण की नगरी के दर्शन करियेगा। अदभुत अलौकिक।” यह वीडियो फेसबुक पर जमकर वायरल हो रहा है। खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को एक लाख 78 हजार लोगों ने लाइक किया था और इस पर 4.5 हजार से ज्यादा लोगों ने शेयर भी किया था।
इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में सामने आई सच्चाई
इस वायरल वीडियो का जब इंडिया टीवी ने फैक्ट चेक किया तो मामला कुछ अलग ही निकला। फैक्ट चेक में सामने आया कि यह वीडियो रियल ही नहीं है। इसे कंप्यूटर पर एडिटिंग टूल्स की मदद से बनाया गया है। इसी तरह की वीडियो बनाने वाले एक जानकार से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस वीडियो को 3D एनिमेशन की मदद से बनाया गया है। इसे कंप्यूटर पर कुछ सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया है।
फैक्ट चेक टूल्स की मदद से हम इस वीडियो की तह में पहुंचे। हमें जानकारी मिली कि यह वीडियो @artz_by_ram नामक एक इंस्टाग्राम यूजर ने सबसे पहले पोस्ट किया है। यह वीडियो 20 मार्च 2023 को शेयर किया हुआ मिला। वीडियो के कैप्शन में भी बताया गया है कि यह वीडियो 3डी के इस्तेमाल से बनाया गया है। इस प्रक्रिया के दौरान हमें इस यूजर के पेज पर ऐसे अन्य कई वीडियो भी मिले। जिसमें इसी तकनीक की मदद से ऐसी कलाकारियां की गई हैं।
पड़ताल में क्या निकला?
इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में यह साबित हो गया कि यह वीडियो गलत दावे और जानकारी के साथ सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है। इस वीडियो को एक 3डी कलाकार के द्वारा बनाया गया है और इसे साल 2023 में पहली बार साझा किया गया था। इसे अब गलत जानकारी के साथ साझा किया जा रहा है।