Fact Check: भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है RSS चीफ मोहन भागवत का अधूरा क्लिप
सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण को लेकर दिया गया एक कथित बयान वायरल हो रहा है। फैक्ट चेक में भागवत के बयान की वायरल की जा रही क्लिप से जुड़े दावों को भ्रामक पाया गया है।
Originally Fact Check by PTI : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण को लेकर दिया गया एक कथित बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वायरल क्लिप में भागवत मंच से कथित तौर पर कहते हैं कि संघ के लोग अंदर से आरक्षण का विरोध करते हैं, लेकिन बाहर आकर बोल नहीं पाते हैं। लोकसभा चुनाव के बीच इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर संघ पर निशाना साधा जा रहा है।
PTI फैक्ट चेक ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो भ्रामक है। दरअसल, हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण जारी रखने की वकालत की थी। भागवत का यह बयान आरक्षण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रही जुबानी जंग के बीच आया है। यूजर्स भागवत के बयान का अधूरा हिस्सा भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।
दावा:
नरेन्द्र फौजी नाम के फेसबुक यूजर ने बीजेपी और संघ को आरक्षण विरोधी बताते हुए वायरल वीडियो शेयर किया और लिखा, “हम संघ वाले अंदर-अंदर से आरक्षण का विरोध करते हैं, लेकिन बाहर आ के बोल नहीं सकते : संघ प्रमुख (मोहन भागवत) मोदी योगी अमित शाह बीजेपी के सारे नेता संघ के हैं यह सभी आरक्षण विरोधी हैं।” पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
कई अन्य यूजर्स ने भी वायरल वीडियो को समान दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसे यहां, यहां और यहां क्लिक करके देखें।
पड़ताल:
मोहन भागवत के कथित बयान की सच्चाई जानने के लिए PTI डेस्क ने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल लेंस के जरिए रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें न्यूज चैनल भारत समाचार का एक सोशल मीडिया पोस्ट मिला, जिसमें मोहन भागवत के बयान से जुड़ा वीडियो भी था।
28 अप्रैल को साझा किए गए पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, “संविधान सम्मत सभी आरक्षण का समर्थन करते हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हैदराबाद में संघ के कार्यक्रम में यह स्पष्टीकरण दिया है।”
PTI डेस्क ने पूरे वीडियो को ध्यान से सुना, जिसमें संघ प्रमुख कहते हैं, “अभी मैं यहां आया कल तो मैंने सुना.. एक वीडियो घूम रहा है। संघ वाले बाहर से तो बाते अच्छी करते हैं… अंदर जाकर कहते हैं आरक्षण का हमारा विरोध है, बाहर हम बोल नहीं सकते। ये एकदम असत्य बात है.. गलत बात है। जब से आरक्षण आया है, तब से संविधान सम्मत सारे आरक्षण को संघ पूर्ण समर्थन देता है और संघ ये कहता है कि आरक्षण जिनके लिए है, उनको जब तक आवश्यक लगेगा या सामाजिक कारणों से भेदभाव जब तक है, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए…।” पूरा वीडियो यहां क्लिक कर देखें।
पड़ताल के दौरान PTI डेस्क को दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर भागवत के बयान से जुड़ी रिपोर्ट भी मिली। इसमें बताया गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि संघ ने कभी भी किसी खास वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण का विरोध नहीं किया है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि संघ का मानना है कि जब तक जरूरत है आरक्षण जारी रहना चाहिए। उन्होंने वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए इसे गलत बताया। पूरी खबर यहां क्लिक कर पढ़ें।
NDTV की वेबसाइट पर प्रकाशित ‘PTI-भाषा’ की रिपोर्ट में बताया गया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हैदराबाद में विद्या भारती विज्ञान केंद्र के उद्घाटन समारोह में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को फर्जी बताया। कथित वीडियो का उल्लेख करते हुए भागवत ने कहा कि प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से जो नहीं हुआ, उसे भी दिखाया जा सकता है। पूरी खबर यहां क्लिक कर पढ़ें।
इसके अलावा न्यूज18 और टाइम्स नाउ की वेबसाइट पर भी भागवत के बयान से जुड़ी रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसे यहां और यहां क्लिक कर पढ़ें।
हमारी अब तक की पड़ताल से यह साफ है कि सोशल मीडिया पर मोहन भागवत के बयान के अधूरे हिस्से को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
दावा
संघ के लोग अंदर से आरक्षण का विरोध करते हैं, लेकिन बाहर आकर बोल नहीं पाते।
तथ्य
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला।
निष्कर्ष
संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि संघ के लोग अंदर से आरक्षण का विरोध करते हैं, लेकिन बाहर आकर बोल नहीं पाते हैं। PTI फैक्ट चेक डेस्क की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। डेस्क ने अपनी पड़ताल में पाया कि मोहन भागवत के बयान के अधूरे हिस्से को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
(Disclaimer: यह फैक्ट चेक मूल रूप से PTI द्वारा किया गया है, जिसे Shakti Collective की मदद से India TV ने पुन: प्रकाशित किया है)