मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी की 12 जुलाई को राधिका मर्चेंट के साथ शादी हुई। इस शादी में दुनियाभर से मेहमान पहुंचे। राजनीतिक दुनिया हो या फिल्मी दुनिया या फिर आध्यात्मिक दुनिया। सभी क्षेत्रों के लोग इस शादी समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। इस दौरान का पीएम मोदी का एक वीडियो इंटरनेट पर शेयर किया जा रहा है। उस वीडियो को शेयर करते हुए बताया जा रहा है कि द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती का पीएम मोदी ने आशीर्वाद लिया। लेकिन ये दावा भी किया जा रहा है कि पीएम मोदी ने शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती का तो आशीर्वाद लिया लेकिन ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का उन्होंने आशीर्वाद नहीं लिया।
वायरल वीडियो में क्या किया जा रहा दावा
सनातन धर्म नाम के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट शेयर किया गया है। इस पोस्ट में इंडिया टीवी के ही वीडियो को शेयर करते हुए बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का आशीर्वाद नहीं लिया। सनातन धर्म नाम के पेज ने लिखा, "अंबानी के यहां बैठे दो शंकराचार्य में से एक शंकराचार्य के मोदी जी ने पैर छूकर आशीर्वाद लिया। दूसरे शंकराचार्य जो राम मंदिर पर सवाल उठाते रहे और आमंत्रण अस्वीकार किया, राम मंदिर उद्घाटन में भी नहीं गये थे। मोदी जी ने उनकी तरफ पलट कर भी नहीं देखा। घनघोर बेइज्जती, जैसे को तैसा।
Image Source : Facebookफेक पोस्ट
क्या है इस वीडियो की सच्चाई
इंडिया टीवी ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा पूरी तरह फर्जी है। पीएम मोदी द्वारका पठ के और ज्योतिर्मठ के दोनों शंकराचार्यों का आशीर्वाद लिया। जब हमने गूगल में कीवर्ड्स के माध्यम से सर्च करना शुरू किया तो हमारे हाथ "द इकोनॉमिक टाइम्स" का एक वीडियो हाथ लगा। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने द्वारका पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती का आशीर्वाद लिया। बता दें कि इंडिया टीवी में अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा पूरी तरह से फर्जी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों ही शंकराचार्यों के आशीर्वाद लिए।
Image Source : the Economic timesपीएम मोदी ने लिया शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का आशीर्वाद