Fact Check: दलित महिला के मंदिर में जाने की वजह से पंडित द्वारा पिटाई करने का दावा भ्रामक, कोरोना गाइडलाइन से जुड़ा है मामला
India TV Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है, जिसमें एक पुजारी महिला को पीटते हुए दिखाई दे रहा है। आइए पड़ताल में इसके पीछे की पूरी हकीकत जानते हैं।
India TV Fact Check: सोशल मीडिया पर इन दिनों पुराने वीडियो शेयर करने का ट्रेंड काफी अधिक देखने को मिल रहा है। वह चाहें किसी मुद्दे को पहले से जोड़कर दिखाना हो या कोई भ्रामक जानकारी फैलानी हो। कभी किसी दूसरे जगह के वीडियो को किसी अन्य क्षेत्र का बता दिया जाता है तो किसी दिन कोई पुराना वीडियो अपने हिसाब से वायरल कर दिया जाता है। ऐसा ही एक वीडियो मंदिर में पुजारी द्वारा महिला की पिटाई करने से जुड़ा हुआ वायरल हो रहा है। उसमें दावा किया गया है कि महिला को दलित होने के चलते पुजारी द्वारा पीटा गया है। इसमें कितनी सच्चाई है, आज की स्टोरी में हम जानेंगे।
क्या है दावा?
ट्विटर(जो अब एक्स हो गया है) पर अमन सिंह (@amansxcodes) नाम के यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया है। जिसमें उसने लिखा है कि एक महिला जिसने एक हिंदू मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, उसे मुख्य पुजारी द्वारा बेरहमी से पीटा गया। उसमें वह पूछता है कि वह औरत थी इसलिए या फिर एक नीची जाति की स्त्री थी इसलिए। गरीब हिंदुओं को हिंदू मंदिरों से एक अलग तरह का प्रसाद मिलता है। यही वीडियो मायंक नाम के यूजर द्वारा डाला जाता है और वह लिखता है, "ऐसा देश है मेरा! एक महिला ने एक हिंदू मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की। आरोप है कि दलित महिला होने के कारण मुख्य पुजारी द्वारा उसे बेरहमी से पीटा गया। वीडियो पता नहीं कब का और कहाँ की है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।"
दावे में कितना दम?
जब हमें इस वीडियो के बारे में पता चला तो सबसे पहले हमने इस वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। जहां हमें दो आर्टिकल मिले। एक दैनिक भास्कर द्वारा दो साल पहले की गई थी, जिसमें हेडिंग थी- दरभंगा में श्माया माई के मंदिर में महिला को पीटा:स्त्री ने कहा- मुझ पर देवी आती हैं, मंदिर का दरवाजा खोल; पुजारी ने पिटाई की- 'सारा माता आना छुड़ा दूंगा, माई तो अपने गांव गयीं'। एक खबर न्यूज-18 गुजराती द्वारा भी की गई थी। मैंने जब दैनिक भास्कर की खबर पढ़ी तो पता चला कि पुजारी और उस महिला के बीच पहले विवाद हुआ फिर हाथापाई हुई। दलित होने की वजह से मंदिर में घूसने ना देने का कारण पूरी तरह से गलत है। दो साल पहले जब यह वीडियो वायरल हुआ था तब मंदिर प्रशासन ने पुजारी पर कार्रवाई करते हुए उसे काम से हटा दिया था।
जब हमने 'दरभंगा पुजारी महिला पिटाई' कीवर्ड के साथ गूगल पर सर्च किया तो 7 अगस्त 2021 को अपलोड की हुई कई कॉपियां मिली। यानि कि यह वीडियो दो साला पुराना है। आज तक और हिंदूस्तान में छपी खबर के मुताबिक, पुजारी ने कोरोना गाइडलाइन के चलते उस महिला को मंदिर में जाने से रोका था। कुल मिलाकर देखें तो जिस कैप्शन के साथ यह वीडियो शेयर की जा रही है, वह भ्रामक है। पुजारी ने महिला की पिटाई जरूर की है, लेकिन वह दलित और नीची जाति की होने के चलते नहीं। पुजारी और महिला के बीच हुए विवाद के चलते यह झगड़ा हुआ था। तब पुजारी के ऊपर कार्रवाई भी हुई थी। अत: यह वीडियो भ्रामक है।
ये भी पढ़ें: Fact Check: बिहार के वीडियो को मेवात दंगे से जोड़कर किया जा रहा शेयर, पड़ताल में खुली पोल