Fact Check: क्या डीएमके नेता ने की पुलिसवाले की पिटाई, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच
सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया किया गया कि डीएमके नेता ने एक पुलिस वाले को बुरी तरह पीटा है। हमने इसे फैक्ट चेक में फर्जी पाया।
सोशल मीडिया से हम सभी घिरे हुए हैं। आजकल सोशल मीडिया खबरों को अड्डा बनता जा रहा है, ऐसे में ये तय करना कि कौन-सी न्यूज या वीडियो सच्ची है, मुश्किल होता है। ऐसे लोग अक्सर फर्जी खबरों के शिकार बन जाते हैं। ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तैर रहा है, इसमें दावा किया गया कि डीएमके के एक नेता ने पुलिस वाले की जमकर पिटाई की है। पर जब हमने इस वीडियो की जांच-पड़ताल की तो पाया कि ये वीडियो तमिलनाडू का नहीं है बल्कि यूपी का है यानी कि खबर झूठी है।
क्या किया गया दावा?
ये वीडियो फेसबुक पर शेयर किया गया। शेयर करने वाले यूजर ने दावा किया, “तमिलनाडु राज्य के डीएमके विधायक मंसूर मोहम्मद ने ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर की पिटाई की। यह तमिलनाडु राज्य में कानून व्यवस्था और पुलिस की निराशाजनक स्थिति है। ऐसे में, आम आदमी का क्या होगा?”
पड़ताल में क्या मिला?
हमने वायरल वीडियो के एक हिस्से को गूगल लेंस पर सर्च किया और पाया कि यह 20 अक्टूबर, 2018 को न्यूज एजेंसी के आधिकारिक वेबसाइट और एक्स पर साझा किया गया था। एएनआई के खबर की हेडिंग थी "यूपी: बीजेपी पार्षद पुलिसवाले की पिटाई के आरोप में पकड़ा गया"
एएनआई के अनुसार, मेरठ के भारतीय जनता पार्टी के नगर पार्षद मनीष कुमार को एक रेस्तरां में देरी से सर्विस मिलने पर बहस के बाद उप-निरीक्षक सुखपाल सिंह पंवार की पिटाई करने के आरोप में 20 अक्टूबर, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन एएनआई यूपी/उत्तराखंड के आधिकारिक एक्स अकाउंट ने भी उसी दिन वीडियो साझा किया। ये घटना 19 अक्टूबर, 2018 को हुई थी। गौरतलब है कि कुछ न्यूज रिपोर्ट्स ने बीजेपी नेता को "मुनीष चौधरी" कहा है जबकि अन्य ने उन्हें "मनीष कुमार" कहा है।
फैक्ट चेक में क्या निकला?
India Tv की ओर से किए गए फैक्ट चेक में सामने आया है कि यह वीडियो साल 2018 का है और पुलिसकर्मी की पिटाई करने वाला व्यक्ति तमिलनाडू का नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के मेरठ से भारतीय जनता पार्टी का पार्षद है। फैक्ट चेक में ये दावा पूरी तरह से फर्जी पाया गया है।
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