Fact Check: क्या कर्नाटक पुलिस ने गणेश प्रतिमा को गिरफ्तार किया? जानें क्या है वायरल तस्वीर का सच
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में भगवान गणेश की प्रतिमा को पुलिस की वैन में दिखाया गया है। दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक पुलिस ने भगवान गणेश को भी गिरफ्तार कर लिया। आइये जानते हैं इस वायरल तस्वीर का पूरा सच क्या है?
Fact Check: इन दिनों सोशल मीडिया पर किसी भी खबर को गलत दावे के साथ पेश करना बहुत ही आसान होता है। हालांकि इसका बहुत ज्यादा नुकसान भी होता है और ये खतरनाक है। फेक खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो जाती हैं। इन्हीं फेक न्यूज से आपको सावधान करने के लिए हम लेकर आते हैं India TV फैक्ट चेक। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में भगवान गणेश की प्रतिमा को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं अब ये तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। हालांकि, India TV ने जब इस दावे का फैक्ट चेक किया तो ये पूरी तरह से झूठा साबित हुआ है।
क्या हो रहा है वायरल?
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में पुलिस अधिकारी एक गणेश प्रतिमा को लेकर जाते दिख रहे हैं। एक अन्य तस्वीर में देखा जा सकता है कि वही गणेश प्रतिमा पुलिस वैन में रखी हुई है। इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर तस्वीर को इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि कर्नाटक में भगवान को भी गिरफ्तार किया जा रहा है। ऐसी ही एक पोस्ट के कैप्शन में तस्वीर के साथ लिखा है कि 'ये दशा है हिन्दूओं की अपने ही देश में, अब तो भगवान को भी इसलिए अरेस्ट किया जा रहा है क्यूंकि वो हिंदूओं के भगवान हैं। हमारे प्रथम पूज्य देव श्री गणेश जी को कर्नाटक पुलिस ने अरेस्ट कर घोर अपमान किया है, हिंदूओं की धार्मिक भावनाएं आहत करती कर्नाटक सरकार और उसकी पुलिस गणेश जी को पुलिस वैन में ले जाके क्या साबित करना चाहती है?'
India TV ने की पड़ताल
चूंकि सोशल मीडिया पर ये तस्वीर काफी तेजी से वायरल हो रही थी और इसे भगवान गणेश की गिरफ्तारी से जोड़कर शेयर किया जा रहा था, इसलिए हमने इस दावे की पड़ताल करने की ठानी। सबसे पहले हमने गूगल ओपन सर्च पर खबर से जुड़े कीवर्ड्स की मदद से इस तस्वीर को सर्च किया। इसी क्रम में हमें 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक न्यूज मिली, जो इसी खबर को स्पष्ट कर रही थी। इस खबर के मुताबिक, यह घटना 13 सितंबर को हुई थी, जब एक समूह ने बेंगलुरु टाउन हॉल के पास मांड्या सांप्रदायिक हिंसा की जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची थी। पुलिस को यहां एक प्रदर्शनकारी के हाथ में गणेश जी की मूर्ति दिखी, जिसे पुलिस ने ले जाकर एक खाली वैन में रख दिया, जिस पर मीडिया का ध्यान गया।' बाद में पुलिस ने गणेश प्रतिमा का विधिवत विसर्जन भी कराया।
फैक्ट चेक में क्या निकला?
India TV की ओर से किए गए फैक्ट चेक में सामने आया है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर भगवान गणेश की प्रतिमा की गिरफ्तारी की नहीं है। फैक्ट चेक में पता चला कि ये तस्वीर प्रदर्शन के दौरान की है। गणेश प्रतिमा को बचान के लिए पुलिस ने उसे खाली वैन में रख लिया था और बाद में इसका विसर्जन कराया था। सोशल मीडिया पर इसे गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा था, इसलिए लोगों को ऐसी किसी भी पोस्ट से सावधान रहने की सलाह दी जाती है। India TV के फैक्ट चेक में वायरल तस्वीर में दिख रही गणेश प्रतिमा की गिरफ्तारी का दावा झूठ निकला।
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