Explainer: सऊदी अरब में बन रही दुनिया की सबसे बड़ी इमारत 'मुकाब', जानिए इसके बारे में सब कुछ
दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग मुकाब का निर्माण सऊदी अरब में हो रहा है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 50 बिलियन डॉलर है।
रियाद: अपने शहरी परिदृश्य को नया आकार देने के लिए सऊदी अरब ने दुनिया की सबसे बड़ी इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है। यह गगनचुंबी इमारत 20 लाख वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र में फैली होगी। यह इतनी बड़ी होगी कि इसमें एम्पायर स्टेट जैसी 20 बिल्डिंग समा सकती है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 50 बिलियन डॉलर है। इस बिल्डिंग का नाम मुकाब दिया गया है। यह बिल्डिंग रियाद में बन रहे नए हाईटेक शहर मुरब्बा का हिस्सा होगी। पूरी तरह से बनकर तैयार होने के बाद यह दुनिया की सबसे बड़ी इमारत होगी। इस इमारत के अंदर होटल, दफ्तर, रेस्टोरेंट समेत अन्य हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इमारत की संरचना घनाकार होगी
मुकाब का अरबी में मतलब घन (Cube) होता है। यह बिल्डिंग एक घनाकार संरचना में होगी। इसकी ऊंचाई 1,300 फीट (लगभग 396 मीटर) होगी और इसकी चौड़ाई 1,200 फीट (लगभग 366 मीटर) होगी। इस इमारत के निर्माण के लिए ग्राउंड वर्क का काम करीब 86 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इस इमारत को न्यू मुरब्बा डेवलपमेंट कंपनी तैयार कर रही है और इसके निर्माण के लिए सऊदी अरब के केंद्रीय सार्वजनिक निवेश कोष (PIF) ने फंडिंग की है। इस परियोजना में कुल 900 मजदूरों को लगाया गया है। 2030 तक इस बिल्डिंग का निर्माण पूरा होगा।
शानदार आकार और अद्वितीय डिजाइन
‘मुकाब’ को अत्याधुनिक तकनीक और शानदार सुविधाओं के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है। द सन की रिपोर्ट के अनुसार, गगनचुंबी इमारत की बाहरी दीवारों में उन्नत वर्चुअल रियलिटी तकनीक होगी, जो निवासियों और आगंतुकों दोनों के लिए इमर्सिव विज़ुअल अनुभव प्रदान करेगी। अंदरूनी हिस्से में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही विशाल होलोग्राफिक प्रोजेक्शन से सजाया जाएगा, जो विभिन्न प्रकार की वास्तविकताओं, समय और स्थानों को प्रदर्शित करेगा।
होटल के 9,000 कमरे
‘मुकाब’ में 104,000 आवासीय यूनिट्स होंगी और होटल के 9,000 कमरे होंगे, जो रहने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करेंगे। परियोजना “मानव-प्रथम” दृष्टिकोण को रेखांकित करती है। इसकी संचरना ऐसी होगी कि इसके अंदर किसी भी बिंदु से 15 मिनट की पैदल दूरी के भीतर ग्रीन एरिया उपलब्ध हों। यह परियोजना आधुनिक नजदी वास्तुकला शैली से प्रेरित है। यह दुनिया का पहला इमर्सिव डेस्टिनेशन होगा। पैदल चलने के लिए हरा-भरा क्षेत्र होगा। साइकिल के लिए अलग रास्ते होंगे। इस शहर में यूनिवर्सिटी, इमर्सिव थिएटर और 80 से ज्यादा एंटरटेनमेंट और कल्चरल प्लेस बनाए जाएंगे। इस शहर का ट्रांसपोर्ट काफी हाईटेक होगा।
परियोजना का उद्देश्य
दरअसल, इस परियोजना का उद्देश्य रियाद शहर को पुनर्जीवित करना और किंगडम के विज़न 2030 पहल में महत्वपूर्ण योगदान देना है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले साल अपने महत्वकांक्षी सऊदी विजन 2030 के एक हिस्से के तौर पर इस परियोजना की घोषणा की थी। सऊदी अरब इस परियोजना के जरिए अपनी अर्थव्यवस्था का तेजी से आगे बढ़ाना चाहता है। इससे सऊदी अरब में रोजगार के नए अवसर बनेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस परियोजन से वर्ष 2030 तक तीन लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
क्यों हो रही है आलोचना?
हालांकि कई लोगों ने इसकी आलोचना भी की है। आलोचना करनेवालों का कहना है कि यह इमारत देखने में मुस्लिमों के पवित्र शहर काबा की तरह है। इसके अलावा मानवाधिकार समूहों ने भी निर्माण के चलते स्थानीय लोगों के विस्थापन और प्रवासी श्रमिकों के शोषण को लेकर चिंताएं जताई हैं।