उज्जैन में बनी दुनिया की पहली वैदिक घड़ी, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, सनातन धर्म से कैसे जुड़ा है यह
उज्जैन में दुनिया की पहली वैदिक घड़ी को तैयार किया गया है। इस घड़ी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं। यह घड़ी बेहद खास है क्योंकि इसमें 24 घंटे नहीं बल्कि 30 घंटों की गणना की जाएगी। साथ ही यह घड़ी पंचांग की तरह भी काम करेगा।
Vikramaditya Vedic Watch Features: 29 जनवरी 2024 ये दिन बेहद खास है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि इस दिन पीएम मोदी उज्जैन में 85 फीट ऊंचे एक टावर पर लगे एक घड़ी का उद्घाटन करने वाले हैं। सुनकर अजीब लगा होगा कि एक घड़ी का उद्घाटन पीएम मोदी क्यों करने जा रहे हैं। दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि यह घड़ी कोई मामूली घड़ी नहीं बल्कि यह वैदिक घड़ी है। पीएम मोदी गुरुवार को उज्जैन में इस घड़ी का और उसके डिजिटल ऐप का उद्घाटन करने वाले हैं। इस दौरान पीएम मोदी के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि मोहन यादव जब 2022 में उच्च शिक्षा मंत्री थे, तब उन्होंने 22 मार्च 2022 को इस वैदिक घड़ी के 85 फीट टावर की नींव रखी थी। इस घड़ी के बारे में इतना जानने के बाद आपके मन में भी कई सवाल होंगे कि आखिर इस घड़ी की खासियत क्या होगी और यह घड़ी काम कैसे करेगी?
उज्जैन में ही क्यों बना वैदिक घड़ी?
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है महाकालेश्वर, जो उज्जैन में बसा हुआ है। उज्जैन हमेशा से काल गणना का केंद्र रही है। यहां से कर्क रेखा गुजरती है और मंगलग्रह का जन्म स्थान भी इसे ही माना जाता है। साथ ही यहीं से विक्रम संवत की शुरुआत भी मानी जाती है, जो कि राजा विक्रमादित्य के नाम पर बना था। सनातन धर्म में तारीख और दिन की गणना विक्रम संवत के आधार पर होती है। इसलिए दुनिया की पहली ऐसी वैदिक घड़ी जीवाजीराव वेधशाला में 80 फीट ऊंचे टावर पर लगाई गई है। इस घड़ी की एक नहीं बल्कि कई खासियतें हैं।
वैदिक घड़ी की क्या है खासियत?
उज्जैन में बने इस वैदिक घड़ी की खासियत की अगर बात करें तो यह इसलिए खास है क्योंकि ये एख सूर्य उदय से दूसरे सूर्य उदय के बीच 30 घंटे का समय दिखाएगी। साथ ही इसमें भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के आधार पर 60 मिनट नहीं बल्कि 48 मिनट का एक घंटा तय किया गया है। साथ ही वैदिक समय के आधार पर ही यह घड़ी अलग-अलग मुहूर्त भी दिखाएगी। इस घड़ी के टेक्नीशियन सुनील गुप्ता की मानें तो यह घड़ी पुराने समय में जैसे काल और समय की गणना होती थी, उसी आधार पर गणना करेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए वैदिक घड़ी को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि 30 घंटे के वैदिक घड़ी वैदिक गणित के आधार पर काम करती है और घड़ी से मुहूर्त भी देख सकेंगे। इस घड़ी को मोबाइल ऐप से भी संचालित किया जा सकता है।
पंचांग और मुहूर्त देखने की सुविधा?
इस घड़ी का पूरा नाम विक्रमादित्य वैदिक घड़ी है। वैदिक घड़ी दुनिया की पहली ऐसी घड़ी है जो डिजिटल होगी, जिसमें भारतीय कालगणना वैदिक समय, इंडियन स्टैंडर्ड टाइम और ग्रीमवीच मीन टाइन के साथ भारतीय कालगणना वाले विक्रम संवत पंचांग, 30 मुहूर्त, योग, भद्रा, चंद्रमा की स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्य उदय, सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण, चंद्रग्रहण इत्यादि की जानकारी ली जा सकेगी। सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर यह घड़ी समय बताएगी। बता दें कि इसे बोलचाल की भाषा में अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त और अमृत काल कहा जाता है। इस घड़ी में 24 घंटों को 30 मुहूर्तो में बांटा गया है। हर मुहूर्त का एक धार्मिक नाम होता है। इस घड़ी में आम घड़ियों की तरह घंटे, मिनट और सेकेंड की सुई भी रहेगी। साथ ही इसके जरिए मौसम और त्योहार इत्यादि की भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
खगोलीय घटनाओं पर होगी नजर
वैदिक घड़ी की एक नहीं बल्कि कई खासियतें हैं। इस घड़ी में ग्राफिक्स का भी इस्तेमाल किया गया है। हर घंटे में अलग-अलग तस्वीरें इस घड़ी में दिखाई देंगी। साथ ही देश व दुनिया भर में सूर्यास्त और सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण को भी इसमें दर्ज किया जाएगा और लोगों तक उसकी जानकारी पहुंचेगी। बता दें कि यह घड़ी जीपीएस से भी जुड़ा हुआ है। साथ ही ऐसा कहा जा रहा है कि इसके पास टेलिस्कोप भी लगाया जाएगा, जिसके जरिए स्पेस की घटना यानी खगोलीय घटनाओं पर भी नजर रखी जा सकेगी। बता दें कि इस घड़ी का उपयोग मोबाइल ऐप के जरिए लोग अपने फोन में भी कर सकते हैं। साथ ही अगर घड़ी में किसी तरह का बदलाव होता है तो वो आपके मोबाइल ऐप पर भी देखने को मिलेगा।