भारत से लेकर यूएन तक, मोदी सरकार ने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए क्या-क्या किया? यहां जानें
देश और दुनिया में लोकप्रिय हिंदी भाषा के सम्मान के रूप हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
दुनियाभर में लोकप्रिय और लोगों के दिल की भाषा 'हिंदी' के लिए आज काफी खास दिन है। हिंदी के सम्मान के रूप हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। बता दें कि हिंदी केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रमुखता से बोली जाने वाली भाषा। इसे भारत की राजकीय भाषा का दर्जा प्राप्त है। देश-दुनिया की प्रमुख भाषा होने के कारण केंद्र सरकार भी हिंदी को प्रमुखता से बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कई कदम उठाते रहती है। आइए इस खबर के माध्यम से जानते हैं केंद्र की मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए क्या सब काम किए हैं।
कितने लोग बोलते हैं हिंदी?
साल 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में हिंदी समझने और बोलने वालों की संख्या करीब 60 करोड़ है। वहीं, भारत से बाहर भी करोड़ों की संख्या में लोग हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं। हालांकि, आजादी के इतने वर्षों बाद भी अबतक हिंदी को अपना उचित स्थान पूरी तरह से नहीं मिल पाया है। इसलिए सरकार की ओर से हिंदी को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्य किए जाते रहे हैं।
हिंदी में मिल रहा सरकारी कामकाज को बढ़ावा
भारत के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर हिंदी को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र सरकार ने अपने सभी विभागों या मंत्रालयों को हिंदी भाषा का प्रयोग करने की सलाह दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने कहा कि नई सरकार सभी विभागों एवं सार्वजनिक जीवन में हिंदी मे कामकाज को बढ़ावा देगी। बता दें कि मोदी सरकार भी राजभाषा विभाग को हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हर साल करोड़ों रुपये का बजट भी आवंटित कर रही है।
नई शिक्षा नीति में हिंदी
केंद्र सरकार की ओर से हिंदी को देश की संपर्क भाषा के तौर पर स्थापित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई है। इस नीति में त्रिभाषा फॉर्मूले को जिस तरह बनाया गया है और जिस तरह से तीन में से दो भारतीय भाषा रखने की बात की गई है, उससे हिंदी का दायरा और बढ़ेगा। अब तक गैर हिंदी भाषी राज्य सिर्फ अपने प्रदेश की भाषा और अंग्रेजी का प्रयोग करते थे। हालांकि, अब तीसरी भाषा के होने की अनिवार्यता से हिंदी को ज्यादा जगह मिल सकती है। इसके अलावा विभिन्न प्रोफेशनल कोर्सेज को भी हिंदी भाषा में ही पढ़ाने पर जोर दे रही है। सरकार द्वारा मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी अब हिंदी भाषा में करवाई जा रही है। हाल ही में मध्य प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिंदी भाषा में पढ़ाई की शुरुआत की गई है।
UN में भी हिंदी को बढ़ावा दे रही सरकार
हिंदी दुनिया में बोली जाने वाली पांच प्रमुख भाषाओं में से एक है। ये केवल भारत ही नहीं बल्कि फिजी, मॉरीशस समेत कई अन्य देशों में प्रमुखता से बोली जाती है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा अब तक नहीं मिल पाया है। इसे लेकर केंद्र की मोदी सरकार कई बड़े कदम उठा रही है। पीएम मोदी स्वयं भी यूएन समेत विभिन्न वैश्विक मंचों पर हिंदी भाषा में ही बात करते दिखाई देते हैं। साथ ही यूएन में हिंदी को दर्जा दिलाने के लिए 400 करोड़ रुपये तक खर्च कर रही है।
डिजिटल हिंदी
आज के दौर में किसी भी चीज को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल टूल्स काफी मददगार होते हैं। इसलिए मोदी सरकार के कार्यकाल में राजभाषा विभाग द्वारा सी डैक के सहयोग से तैयार किये गये लर्निंग इंडियन लैंग्वेज विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (लीला) मोबाइल ऐप भी बनाया गया है। इस ऐप पर लोग आसान तरीके से हिंदी भाषा को समझ और सीख सकते हैं। इसके अलावा भी सरकार कई अन्य डिजिटल तरीकों को भी प्रोमोट कर रही है।
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