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Hindi News Explainers Explainer: अरविंद केजरीवाल को भारी ना पड़ जाए इस्तीफे का ऐलान! ये मुख्यमंत्री भी ले चुके हैं रिस्क

Explainer: अरविंद केजरीवाल को भारी ना पड़ जाए इस्तीफे का ऐलान! ये मुख्यमंत्री भी ले चुके हैं रिस्क

अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद से सियासी गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। सभी के मन में ये जानने की इच्छा है कि आखिर वो कौन होगा, जो दिल्ली का सीएम बनेगा।

Arvind Kejriwal- India TV Hindi Image Source : FILE अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रविवार को सीएम पद छोड़ने की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने रविवार को कहा था कि वह दिल्ली के सीएम पद से 2 दिन बाद इस्तीफा दे देंगे। अगले सीएम का फैसला विधायक दल की बैठक में होगा। केजरीवाल के इस फैसले पर राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। सवाल उठ रहे हैं कि कहीं केजरीवाल को अपना ये फैसला भारी तो नहीं पड़ेगा? हालांकि पहले भी ऐसा देखा गया है कि सीएम बनने के बाद नेताओं के बीच मनमुटाव हुआ था। फिर चाहें वह बिहार में जीतन राम मांझी का मामला हो या फिर झारखंड में चंपई सोरेन का।

केजरीवाल को हो सकता है नुकसान?

केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान करके जनता का विश्वास जीतने की कोशिश की है लेकिन उनका ये कदम खतरे की घंटी भी साबित हो सकता है। दरअसल केजरीवाल ने कहा है कि वह और मनीष सिसोदिया सीएम पद की दौड़ में नहीं हैं। इसका मतलब ये है कि वह किसी और को सीएम बनाएंगे। 

समस्या ये है कि अगर कोई और व्यक्ति सीएम बन जाता है तो फिर वह अपने पद से हटना नहीं चाहता और इसका नतीजा आपसी मनमुटाव और टकराव से होते हुए अलगाव तक जाता है। बिहार और झारखंड इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।

बिहार में मांझी और झारखंड में सोरेन एक उदाहरण

बिहार में नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी के लिए अपनी सीट खाली की थी लेकिन बाद में दोनों के बीच काफी सियासी संघर्ष देखा गया था।  इसी तरह झारखंड में भी हुआ था। यहां पर हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद चंपई सोरेन को दिया तो लेकिन बाद में जब हेमंत सोरेन की वापसी हुई तो झारखंड मुक्ति मोर्चा में खूब उटापटक हुई। इसका नतीजा ये हुआ कि चंपई सोरेन बागी हो गए।

बता दें कि केजरीवाल ने रविवार को कहा था, 'आज से 2 दिन के बाद मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती कि केजरीवाल ईमानदार है। अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है तो मेरे पक्ष में जमकर वोट देना। मेरे इस्तीफा देने के बाद दिल्ली विधानसभा भंग नहीं होगी। आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा।'

केजरीवाल ने कहा, 'मनीष सिसोदिया ने भी कहा है कि वह भी डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री का पद तभी संभालेंगे जब जनता की अदालत से चुनकर आ जाएंगे। मेरी मांग है कि फौरन चुनाव कराए जाएं। नवंबर में महाराष्ट्र के साथ चुनाव करवाए जाएं। नए सीएम का चुनाव अगले एक-दो दिन में कराए जाएं।