Explainer: विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस में क्या अंतर है? जानें हिंदी का इतिहास
आज विश्व हिंदी दिवस है। दुनिया भर में आज इस दिवस को मनाया जा रहा है। लोग विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस में अंतर नहीं समझ पाते। आज इस बारे में हम जानेंगे।
Vishwa Hindi Day 2025: भारत विविधताओं का देश है। वैसे तो यहां कई सारी भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन हिंदी भाषा का यहां अलग ही महत्व है। यही वजह है कि हिंदी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि भारत के अलावा भी कई अन्य देशों में बोली जानी वाली प्रमुख भाषा है। वर्तमान में दुनियाभर में करीब 61 करोड़ लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, फिजी जैसे अन्य देशों में हिंदी बोलने और समझने वाले लोग अच्छी संख्या में हैं। हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस के अलावा देश में राष्ट्रीय हिंदी दिवस भी मनाया जाता है। दोनों दिवस अलग-अलग दिन मनाए जाते हैं। ऐसे में लोग इस बात को लेकर काफी दुविधा में होते हैं कि दोनों के बीच क्या अंतर है। आज हम इसी बारे में जानेंगे।
10 जनवरी- विश्व हिंदी दिवस
भारत के अलााव कई अन्य देश हैं जहां पर लोग हिंदी भाषा बोलते हैं। इसके बावजूद विश्व भर में हिंदी भाषा का प्रचार आवश्यक है। यही वजह है कि हिंदी भाषा के दुनिया भर में प्रचार प्रसार के लिए विश्व हिंदी दिवस मनाने की पहल शुरु की गई। विश्व हिंदी दिवस की बात करें तो पहली बार 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में विश्व हिंदी दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस महासम्मेलन में 30 देशों के करीब 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस सम्मेलन का उद्देश्य विश्वभर में हिंदी का प्रचार करना था। इसके बाद यूरोपिय देश नॉर्वे में पहली बार भारतीय दूतावास ने विश्व हिंदी दिवस मनाया था। इसके बाद दूसरा और तीसरा हिंदी दिवस भारतीय नॉर्वे सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वाधान में लेखक सुरेश चंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में मनाया गया था। इसके बाद साल 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घोषणा की कि हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाएगा। तब से हर साल 10 जनवरी को जो हिंदी दिवस मनाया जाता है।
14 सितंबर- राष्ट्रीय हिंदी दिवस
जिस तरह से 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है, उसी प्रकार 14 सिंतबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। दरअसल, 14 सितंबर 1946 के दिन हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया था। इसी दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार कर लिया। इसके बाद जब पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने हर साल हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया। इसके बाद 14 सितंबर 1953 से हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर को मनाए जाने वाले हिंदी दिवस को राष्ट्रीय हिंदी दिवस भी कहा जाता है। राष्ट्रीय हिंदी दिवस का भी अलग ही महत्व है। राष्ट्रीय हिंदी दिवस के दिन देशभर में हिंदी को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है।
कैसे हुआ हिंदी का उदय
हिंदी भाषा की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है। 1500 ईसा पूर्व से 1000 ईसा पूर्व के बीच भारत में वैदिक संस्कृत का इस्तेमाल होता था। चारों वेद और उपनिषद इसी भाषा में लिखे गए हैं। इसके बाद लौकिक संस्कृत का उदय हुआ। लौकिक संस्कृत से पालि भाषा निकली। गौतम बुद्ध के संदेश पालि भाषा में ही मिलते हैं। पालि से प्राकृत भाषा निकली। पालि के ही अपभ्रंश (भाषा का बिगड़ा हुआ रूप) अवहट्ठ से हिंदी का निर्माण हुआ। हिंदी का इतिहास करीब एक हजार साल पुराना माना जाता है। अपभ्रंश भाषाओं का इस्तेमाल साहित्य में 1000 ईस्वी के आस-पास होने लगा था। भाषा वैज्ञानिक भोलेनाथ तिवारी ने क्षेत्रीय आधार पर पांच तरह की अपभ्रंश का जिक्र किया है। शौरसेनी (मध्यवर्ती), मागधी (पूर्वीय), अर्धमागधी (मध्यपूर्वीय), महाराष्ट्री (दक्षिणी), व्राचड-पैशाची (पश्चिमोत्तरी)। भोलानाथ तिवारी के अनुसार अपभ्रंश के तीन रूपों शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी से हिंदी का विकास हुआ।
हिंदी इतिहास के तीन काल
हिन्दी भाषा के विकास को तीन कालों में बांटा गया है। आदिकाल, मध्यकाल, और आधुनिक काल। आदिकाल का समय 1000 ईस्वी से 1500 ईस्वी तक माना जाता है। इस दौरान कविताओं की रचना हुई और रासो ग्रंथ लिखे गए। इसके बाद 1500 ईस्वी से 1900 ईस्वी के बीच मध्यकाल माना जाता है। इसे भक्तिकाल भी कहते हैं। इस दौरान क्षेत्रीय बोलियों में भगवान की भक्ति को लेकर काफी कुछ लिखा गया। 19वीं सदी में आधुनिक काल की शुरुआत हुई, जिसमें भरपूर मात्रा में गद्य लिखे गए। अंग्रेजों के समय हिंदी ने देश के लोगों को एकजुट करने में अहम योगदान दिया और संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा घोषित किया था। इसी वजह से 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं, 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।
विश्व हिंदी दिवस 2025 का थीम
"उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्। वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्तति।" इस श्लोक का मतलब है जो समुद्र के उत्तर व हिमालय पर्वत के दक्षिण में स्थित है वह भारतवर्ष है और हम उसकी संतान हैं। भारतवर्ष की एक भाषा है हिंदी। करोड़ों लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं। यह हमारी राजभाषा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने साल 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राजभाषा बनाने पर जोर दिया था और कहा था कि यह जनमानस की भाषा भी कहा था। बता दें कि हर साल विश्व हिंदी दिवस विशेष थीम पर आधारित होती है। साल 2025 में मनाए जाने वाले हिंदी दिवस की थीम 'हिंदी एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज' है।
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