Explainer: क्या है JPNIC? अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट पर सपाइयों की एंट्री बैन, पिछली साल गेट फांदकर अंदर गए थे पूर्व CM
लखनऊ का जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) एक बार फिर चर्चा में है। इस जेपीएनआईसी को सपा सरकार में बनाया गया था। वहीं, अब योगी सरकार अखिलेश यादव और उनके नेताओं को इस सेंटर में जाने नहीं दे रही है।
लोकनायक जयप्रकाश नारायाण की आज (11 अक्टबूर) जयंती है। जयप्रकाश नारायाण भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। इन्हें आज भी पूरा देश जेपी के नाम से जानता है। जेपी की जयंती के मौके पर अखिलेश यादव हर साल जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) जाकर उनकी प्रतिमा पर माला चढ़ा कर श्रद्धांजलि देते हैं। इस बार लखनऊ में जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर गहमागहमी हो रही है।
JPNIC का मेन गेट सील
लखनऊ पुलिस ने जेपी सेंटर की तरफ जाने वाले रास्ते पर बैरकेंडिंग कर दी है। इसके साथ ही रात को JPNIC का मेन गेट भी सील कर दिया गया है। इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव JPNIC तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। पिछली बार भी जयप्रकाश नरायण की जयंती पर JPNIC में जमकर हंगामा हुआ था।
छावनी में तब्दील JPNIC
इस बार भी लखनऊ का जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) चर्चा में आ गया है। JPNIC को लेकर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के बाकी नेता इतना उतावले क्यों हो जाते हैं? इस बार लखनऊ का JPNIC छावनी में तब्दील हो गया है। आइये जानते हैं कि आखिर ये JPNIC क्या है?
अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट
उत्तर प्रदेश में साल 2012 में जब अखिलेश यादव की सरकार बनी थी। तब अखिलेश ने लखनऊ के गोमती नगर में ताज होटल के पीछे जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) बनवाना शुरू किया था। ये अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था। इस प्रोजेक्ट में करीब 850 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
17 मंजिल की इमारत में दी जानी थीं ये सुविधाएं
अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में जानी मानी रियल एस्टेट कंपनी शालीमार ने इसका निर्माण किया। 17 मंजिल की इस इमारत में पार्किंग बनाई गई। इसके एक अंदर एक म्यूजियम, बड़ा सा कन्वेंशन सेंटर, कॉन्फ्रेंस हॉल, गेस्ट हाउस, ओपन एयर रेस्टोरेंट, स्विमिंग पूल बनाया जाना था।
टॉप फ्लोर पर बनाया जा रहा था हेलीपैड
साथ में मल्टीपर्पज स्पोर्ट्स सेंटर बनाया गया था। इसमें टेनिस कोर्ट और बैडमिंटन कोर्ट बनाया जाना था। जेपीएनआईसी के 17वें यानी टॉप फ्लोर पर हेलीपैड भी बनाया जा रहा था। अखिलेश यादव नई दिल्ली के इंडिया हैबिटैट सेन्टर की तरह लखनऊ में JPNIC बनवा रहे थे। तब इस प्रोजेक्ट में साल 2017 तक करीब 850 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे।
योगी सरकार ने अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट पर बैठाई जांच
साल 2017 तक JPNIC का करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया था। इसके बाद योगी की सरकार आने पर इसका निर्माण कार्य रुक गया। अखिलेश के सकरार में निर्माणाधीन जेपीएनआईसी में गड़बड़ी मिलने पर योगी सरकार ने जांच बैठा दी। जांच के चलते इसका पूरा निर्माण नहीं हो सका। अब जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर वीरान सा हो गया है। यहां बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं।
LDA ने कहा- अंदर फैली पड़ी हैं निर्माण सामग्री
वहीं, अब लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पत्र लिख कर कहा कि JPNIC एक निर्माण स्थल है। जहां इधर-उधर निर्माण सामग्री पड़ी हैं। बारिश के कारण कई कीड़े होने की संभावना है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। इस लिए सुरक्षा कारणों से जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना और JPNIC का दौरा करना सुरक्षित और उचित नहीं है।
गेट फांदकर अंदर गए थे अखिलेश यादव
पिछले साल भी जयप्रकाश की जयंती पर अखिलेश यादव को प्रतिमा पर माल्यार्पण की अनुमति नहीं दी थी। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया था। प्राधिकरण का कहना था कि सेंटर पर साफ-सफाई का काम होने के कारण वहां ताला लगाया गया था। इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जेपीएनआईसी का गेट फांदकर अंदर पहुंचे थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल हुआ था।