Explainer: क्या है 'डिप्लोमेटिक पासपोर्ट', जिसका फायदा उठाकर फरार हो गए प्रज्वल रेवन्ना; क्या सरकार कर सकती है कैंसिल
सांसद प्रवज्व रेवन्ना पर यौन शोषण के आरोप लगने और फिर उनके विदेश जाने के बाद डिप्लोमेटिक पासपोर्ट अब चर्चा में है। ऐसे में डिप्लोमेटिक पासपोर्ट क्या होते हैं और कैसे इसका फायदा उठाकर रेवन्ना विदेश फरार हो गए। इसके साथ ही क्या रेवन्ना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द किया जा सकता है?
कर्नाटक की हासन सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना इन दिनों फरार चल रहे हैं। प्रज्वल रेवन्ना पर यौन शोषण का आरोप है। यौन शोषण के आरोप लगने के बाद प्रज्वल रेवन्ना डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के जरिए देश से बाहर जाने में कामयाब हुए। वहीं अब प्रज्वल रेवन्ना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने की बात की जा रही है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस बात की पुष्टि की है। एस. जयशंकर ने कहा है कि कर्नाटक सरकार के अनुरोध के बाद रेवन्ना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बता दें कि लगातार उठ रहे सवालों के बीच कर्नाटक सरकार ने रेवन्ना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने की सिफारिश की थी।
कितने प्रकार के होते हैं पासपोर्ट
यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगने के बाद भी प्रज्वल रेवन्ना के देश से फरार होने के पीछे डिप्लोमेटिक पासपोर्ट एक बड़ा जरिया बना। आइये जानते हैं कि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट क्या होते हैं और इसका लाभ प्रज्वल रेवन्ना को कैसे मिला। दरअसल, भारत में तीन तरह के पासपोर्ट लोगों को दिए जाते हैं। इसमें सामान्य पासपोर्ट, ऑफिशियल पासपोर्ट और डिप्लोमेटिक पासपोर्ट शामिल हैं। सामान्य पासपोर्ट का नीले रंग का होता जो आम नागरिकों के लिए जारी किया जाता। वहीं ऑफिशियल पासपोर्ट सफेद रंग का होता है जो सरकारी कामकाज से विदेश यात्रा करने वाले सरकारी अधिकारियों के लिए जारी किए जाते हैं। इसके अलावा डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कुछ खास लोगों को ही मिलता है।
किसे मिलता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट को ‘टाइप डी पासपोर्ट’ भी कहा जाता है। ये मरून रंग का होता है। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कुल 5 तरह के लोगों को जारी किया जाता है। इसमें राजनयिक दर्जा रखने वाले लोग, भारत सरकार के ऐसे वरिष्ठ अधिकारी जो सरकारी काम से विदेश जा रहे हैं, विदेश सेवा (IFS) के ए और बी ग्रुप के अधिकारी, विदेश मंत्रालय और IFS की फैमिली और सरकार की ओर आधिकारिक यात्रा करने वाले व्यक्ति, जिसमें केंद्रीय मंत्री, सांसद, राजनेता और उनकी पत्नी आते हैं। इस पासपोर्ट की वैधता पांच साल की होती है, जिसे पहले भी रद्द किया जा सकता है। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट को VVIP पासपोर्ट भी कहा जाता है। इसकी खास बात ये है कि इसे रखने वाले व्यक्ति को कोई वीजा फीस नहीं देनी पड़ती। साथ ही विदेश में उन पर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती और उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया जा सकता।
रेवन्ना कैसे हुए फरार
वैसे तो कोई डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर व्यक्ति अपने निजी कामकाज के लिए इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है। वहीं विदेश जाने से पहले सांसद को सदन के सेक्रेटरी जनरल को तीन हफ्ते पहले इसकी सूचना भी देनी पड़ती है। इसके साथ ही उसे अपनी विदेश यात्रा के उद्देश्य की जानकारी भी देनी पड़ती है। ऐसे में सवाल उठता है कि रेवन्ना अचानक से कैसे फरार हो गए। दरअसल भारत का 34 देश के साथ वीजा वेवर एग्रीमेंट है, जिसके तहत डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर को इन 34 देशों में जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती। साथ ही अगर कोई इससे बाहर जाता है को वह दूसरे देश में 30 से 90 दिनों तक रुक सकता है। इसी एग्रीमेंट का फायदा उठाकर प्रज्वल रेवन्ना अप्रैल में ही जर्मनी भाग गए।
क्या रद्द हो सकता है रेवन्ना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
नियमों के अनुसार सरकार विभिन्न परिस्थितियों में डिप्लोमेटिक पासपोर्ट वापस ले सकती है। पासपोर्ट एक्ट 1967 के सेक्शन 10(3) में पासपोर्ट रद्द करने से जुड़े प्रावधान किए गए हैं। इसमें साफ-साफ कहा गया है कि कोई भी पासपोर्ट होल्डर अगर गलत सूचना देता है या फिर अगर अधिकारियों को लगता है कि उसका पासपोर्ट किसी भी तरीके से देश की संप्रभुता, एकता और गरिमा के खिलाफ है तो डिप्लोमेटिक पासपोर्ट वापस लिया जा सकता है। इसके अलावा अगर डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर अगर किसी आपराधिक मामले का सामना कर रहा है, किसी केस में सजा होती है तो भी उसका पासपोर्ट रद्द किया जा सकता है। ऐसे में प्रज्वल रेवन्ना मामले की बात करें तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है और एसआईटी की जांच भी पेंडिंग है। इस आधार पर रेवन्ना का पासपोर्ट रद्द किया जा सकता है।
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