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Hindi News Explainers Explainer: DeepFake AI टेक्नोलॉजी क्या है? कैसे करें असली-नकली की पहचान, यहां जानें सबकुछ

Explainer: DeepFake AI टेक्नोलॉजी क्या है? कैसे करें असली-नकली की पहचान, यहां जानें सबकुछ

सोशल मीडिया में रश्मिका मंदाना का फेक वीडियो वायरल होते ही डीपफेक टेक्नोलॉजी की जमकर चर्चा हो रही है। एक्टर अमिताभ बच्चन ने भी डीपफेक वीडियो को लेकर चिंता जाहिर की है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर ये डीपफेक वीडियो क्या हैं, कैसे बनते हैं और इनकी पहचान कैसे की जा सकती है।

what is deepfake, deepfake AI, How to make Deepfake Video, Rashmika mandana video, rashmika mandana - India TV Hindi Image Source : फाइल फोटो Deepfake video और Deepfake Photos को आप AI टूल की मदद से पहचान सकते हैं।

What is Deepfake Video: इंटरनेट की दुनिया में सोशल मीडिया में इस समय एक्टर रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandana) का एक वीडियो तेजी से वायरल (Viral Video) हो रहा है। अगर आपने इस वीडियो को देखा होगा तो शायद आपने भी यही सोचा होगा कि यह रश्मिका मंदाना है लेकिन ऐसा नहीं है। यह रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो (Deepfake Viral Video) है यानी यह एक फर्जी वीडियो है। इस वीडियो को एडिट करके तैयार किया गया है। टेक्नोलॉजी की दुनिया में इस तरह के वीडियो को डीपफेक वीडियो कहा जाता है। रश्मिका मंदाना का वीडियो वायरल होने के बाद अब हर तरफ DeepFake की चर्चा हो रही है।

DeepFake वीडियो को लेकर दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन ने भी चिंता जाहिर की है। डीपफेक वीडियो में बॉडी किसी और की होती है और उसमें एडिट करके चेहरा किसी और का लगाया जाता है। रश्मिका मंदाना का वायरल वीडियो भी कुछ इसी तरह से तैयार किया गया है। आइए आपको DeepFake Video Technology के बारे में डिटेल से बताते हैं। 

AI के इस्तेमाल से बढ़े Deepfake Video के मामले

आपको बता दें कि Deepfake कोई नई टेक्नोलॉजी नहीं है। हालांकि इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने और AI टूल का एक्सेस बढ़ने के बाद अब Deepfake वीडियो तेजी से सामने आ रहे हैं। Deepfake Video और deepfake Photo के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है। Deepfake वीडियो को एआई इस तरह से क्रिएट करता है कि इसे पहचान पाना नॉर्मल यूजर के लिए बेहद मुश्किल है। 

Deepfake टेक्नोलॉजी क्या है?

आपको बता दें कि Deepfake टर्म को Deep Learning से लिया गया है। डीपफेक टेक्नोलॉजी मशीन लर्निंग का पार्ट है। डीपफेक में डीप का मतलब मल्टिपल लेयर्स से है। डीपफेक टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क पर बेस्ड है। इसमें कई सारे फेक कंटेंट को असली  कंटेंट की तरह दिखाया जाता है।  आपको बता दें कि Deepfake का सबसे पहले नाम 2017 में सामने आया था। तब एक Reddit यूजर ने कई सारे डीपफेक वीडियो क्रिएट किए थे। 

बता दें कि Deefake Video दो नेटवर्क की मदद से तैयार होता है इसमें एक पार्ट इनकोडर कहलाता है जबकि दूसरा पार्ट डीकोडर होता है। इनकोडर असली कंटेंट को अच्छी तरह से रीड करता है और फिर वह फेक वीडियो को क्रिएट करने के लिए उसे डिकोडर नेटवर्क में ट्रांसफर कर देता है। इसके बाद आपको एक ऐसा वीडियो तैयार होकर  मिल जाता है जिसमें चेहरा तो बदला हुआ होता है लेकिन वीडियो और फोटो किसी और का होता है। 

Deepfake Video बनाने पर हो सकती है कार्रवाई

अगर आप किसी का Deepfake Video या फिर Deepfake Photo क्रिएट करते हैं और सोशल मीडिया में शेयर करते हैं तो आपके खिलाफ IPC की धारा के तहत लीगल एक्शन लिया जा सकता है। आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यदि आपके वीडियो और फोटो से किसी की छवि खराब होती है तो आपके खिलाफ मानहानी का मामला भी दर्ज हो सकता है। 

इस तरह से Deepfake Video को पहचानें

Deepfake Video वैसे तो इतने परफेक्ट होते हैं कि इन्हें पहचान पाना बहेद मुश्किल हैं लेकिन ये नामुमकिन नहीं है। डीपफेक वीडियो या फिर फोटो को पहचानने के लिए आपको इन्हें बेहद बारीकी से देखना होगा। आपको वीडियो पर दिखने वाले शख्स के चेहरे के एक्सप्रेशन, आंखों की बनावट और बॉडी स्टाइल पर गौर करना होगा। आमतौर पर ऐसे वीडियो में बॉडी और चेहरे का कलर मैच नहीं करता जिससे आप इसे पहचान सकते हैं। इसके साथ ही आप लिप सिंकिंग से भी डीपफेक वीडियो को आसानी से पहचान सकते हैं। 

अगर आप खुद से Deepfake Video और फोटो को नहीं पहचान पा रहे हैं तो आप एआई टूल की भी मदद ले सकते हैं। AI or Not और Hive Moderation जैसे कई एआई टूल हैं जो आसानी से एआई जनरेटेड वीडियो को पकड़ लेते हैं आप इ्न्हें पहचानने के लिए इनकी भी मदद ले सकते हैं। 

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