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Hindi News Explainers EXPLAINER: उत्तराखंड-हिमाचल और कश्मीर के धधक रहे जंगल, पहाड़ों में कैसे लगती है ये आग? जानिए बचाव के उपाय

EXPLAINER: उत्तराखंड-हिमाचल और कश्मीर के धधक रहे जंगल, पहाड़ों में कैसे लगती है ये आग? जानिए बचाव के उपाय

गर्मी का मौसम आते ही पहाड़ों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। कई हेक्टेयर और कई किलोमीटर तक के जंगल हर साल जल कर खाक हो जाते हैं। हर साल सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचता है।

आग से धधक रहे जंगल- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO-PTI आग से धधक रहे जंगल

हर साल गर्मी आते ही जंगलो में आग धधकने लगती है। आग लगने से जंगल का जंगल खाक हो जाते हैं। पिछले दो महीनों से उत्तराखंड के कई जंगलों में आग लग चुकी है। उत्तरांखड के साथ ही अब हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के जंगलों में भी आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। उत्तराखंड में इस बार गर्मी की सीजन में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही कई स्थानीय लोग और वन्य कर्मी भी गंभीर रूप से झुलसे गए। जंगलों में आग लगने से उत्तराखंड को सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है।

गर्मियों में काल बनकर आती है ये आग

उत्तराखंड में सबसे ज्यादा आग लगने की घटनाएं कुमाऊं मंडल के जंगलों की हैं। उत्तराखंड के अकेले अल्मोड़ा जिले में ही जंगलों में आग लगने से 9 लोगों जान चली गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक बारिश नहीं होगी तब तक ये आग उनके लिए काल लेकर आती है। जंगलों में आग लगने से आसपास के खेत भी उसके चपेट में आ जाते हैं। जंगल के जानवरों की भी आग में झुलस कर मौत हो जाती है। आग लगने से तापमान बढ़ जाता है। इससे चिलचिलाती गर्मी के मौसम में स्थानीय लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

सैलानियों के लिए भी मुसीबत बनती है ये आग

जंगलों में आग लगने से जो सैलानी गर्मी के मौसम में पहाड़ों में घूमने के लिए जाते हैं, उनके लिए परेशानी का सबब बन जाता है। आग लगने से हाईवे और सड़क मार्ग बाधित हो जाता है। इससे कई किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। इसके साथ ही जंगलों में आग लगने से धुंआ फैल जाता है, जो कि आंखों में जलन करने लगता है और कार और वाहन चलाते समय दिक्कत करता है। इससे एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता है। 

Image Source : PTIजंगलों में धधक रही आग

जम्मू-कश्मीर के जंगलों में भी लगी आग

पहाड़ों में लगनी वाली आग से सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के जंगल भी जल रहे हैं। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के राजौरी इलाकों मौजूद कई जंगलों में आग लग गई। राजौरी के जंगलों में लगी ये आग कई एकड़ वन भूमि तक फैल गई। इसके चलते बड़ी संख्या में पौधों और जंगली जानवरों को नुकसान पहुंचा है। स्थानीय लोग भी इस आग की घटना से परेशान हैं। 

हिमाचल के जंगल में आग लगने से 1 महिला की मौत

हिमाचल के हमीरपुर जिले के जंगलों में भी आग धधक रही है। यह आग अब जंगलों से होते हुए खेतों की ओर बढ़ रही है। जंगलों के पेड़-पौधों के साथ ही अब ये आग ग्रामीण इलाकों को अपने चपेट में ले सकती है। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने स्थानीय प्रशासन से मदद मांगी है। शुक्रवार को हमीरपुर जिले में एक 75 वर्षीय वृद्ध महिला की आग की चपेट में आने से मौत हो गई। वहीं, कई लोगों ने धुंए के चलते दम घुटने की शिकायत की है। 

Image Source : PTIजंगलों में हर साल लगती है आग

इन वजहों से लगती है जंगलों में आग

अब ऐसे में सवाल उठता है कि जब हर साल हजारों हेक्टेयर जंगल जल कर खाक हो जाते हैं, तो राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन पहले से अलर्ट क्यों नहीं रहता है? तापमान बढ़ने के साथ-साथ जंगलों में आग लगने की संख्याऐं भी हर साल बढ़ रही हैं। ऐसे में आग लगने की एक वजह ये भी सामने आई है कि गर्मी के मौसम में जंगल शुष्क रहते हैं। जब मई-जून के महीने में गर्म हवाएं चलती हैं तो पेड़ों के आपस में रगड़ने से आग लग जाती है। कुछ इलाकों में स्थानीय लोगों की गलतियों से भी आग लग जाती है। जंगल सूखे रहने के कारण आग बढ़ती जाती है और ये धीरे-धीरे कई किलोमीटर और हेक्टेयर में फैल जाती है। 

जंगलों में ऐसे बुझाई जाती है आग

ऊंचाई वाले जंगलों में आग पर काबू पाना बहुत मुश्किल भरा काम है। जंगलों में चलने वाली तेज हवा और सूखे पेड़-पत्तियों की वजह से आग फैलती जाती है। ऐसे में आग को बुझाना काफी जोखिमभरा काम होता है। आग बुझाने के लिए पहले तो फायर कर्मी और वन कर्मियों को लगाया जाता है। जब उनसे आग नहीं बुझती है तो भारतीय सेना की मदद ली जाती है। हेलीकॉप्टर की मदद से जंगलों में पानी का छिड़काव किया जाता है, तब कहीं जाकर धीरे-धीरे आग पर काबू पाया जाता है।