मुंबई: मुंबई के मौसम और महाराष्ट्र की राजनीति का कोई भरोसा नहीं है। मुंबई में कब बारिश होने लगे और राज्य की राजनीतिक समीकरण कब बदल जाएं, इसकी कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता है। राज्य ने पिछले 4 वर्षों में 4 शपथ ग्रहण समारोह देख लिए हैं। इन चार में से 2 बार तो अजित पवार बतौर उपमुख्यमंत्री शपथ ले चुके हैं। पिछले बार वह चंद दिनों ही डिप्टी सीएम रह सके, लेकिन इस बार वह लंबी छलांग लगाकर NDA सरकार में शामिल हुए हैं और अपनी इस छलांग में वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी ले आए हैं। इस प्रकरण के बीच साल 1999 में हुआ कुछ ऐसे ही खेल की यादें ताजा हो गईं।
कांग्रेस पार्टी से शरद पवार ने शुरू किया था राजनीतिक जीवन
महाराष्ट्र की राजनीति में अपना अलग ही रुतबा रखने वाले और राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके शरद पवार ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से ही की थी, लेकिन दो बार उसी के खिलाफ हो गए। पहली बार बगावत 1978 में और दूसरी बार 1999 में उन्होंने बगावत करके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का निर्माण किया और उस पार्टी को आज रविवार को उनके ही भतीजे अजित पवार ले उड़े। साल 1999 में शरद पवार ने कांग्रेस पार्टी से अलग होकर एनसीपी का निर्माण किया था और अब वही पार्टी अपनी राजनीतिक विरासत को बेटी सुप्रिया सुले को सौंपना चाहते थे। यह सब हो पाता उससे पहले ही अजित पवार ने बड़ा खेल कर दिया।
Image Source : INDIA TVसुप्रिया सुले, शरद पवार और अजित पवार
साल 1999 में बनी थी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
बता दें कि साल 1999 में शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का विरोध किया था। तीनों का कहना था कि प्रधानमंत्री देश का ही व्यक्ति बने। कांग्रेस पार्टी को उनका यह बगावती तेवर नागवार गुजरा और इस वजह से तीनों नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया। कांग्रेस पार्टी से निकालने जाने के बाद तीनों ने मिलकर 25 मई 1999 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठन किया और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को तोड़कर एनसीपी में शामिल कराया था।
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