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Hindi News Explainers Explainer: दुनियाभर के ज्यादातर देशों ने जिस खतरनाक बम पर लगाया बैन, वह यूक्रेन को देने जा रहा अमेरिका, जानें क्यों है घातक?

Explainer: दुनियाभर के ज्यादातर देशों ने जिस खतरनाक बम पर लगाया बैन, वह यूक्रेन को देने जा रहा अमेरिका, जानें क्यों है घातक?

रूस और यूक्रेन की जंग जारी है। इस जंग में अमेरिका अहम रोल निभा रहा है। वह यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहयोग कर रहा है। अब अमेरिका यूक्रेन को ऐसा घातक बम देने जा रहा है, ​जिस पर ज्यादातर देशों ने बैन लगा रखा है। जानें क्या है क्यों लगा है बैन। कितना घातक है यह बम?

दुनियाभर के ज्यादातर देशों ने जिस खतरनाक बम पर लगाया बैन, वह यूक्रेन को देने जा रहा अमेरिका- India TV Hindi Image Source : AP दुनियाभर के ज्यादातर देशों ने जिस खतरनाक बम पर लगाया बैन, वह यूक्रेन को देने जा रहा अमेरिका

Russia Ukraine War News: रूस और यूक्रेन की जंग को 500 दिन पूरे होने वाले हैं। इसके बावजूद यह जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल शक्तिशाली रूस इसे जितनी आसान लड़ाई समझ रहा था, उतनी आसान यह रही नहीं। इसका कारण यह है कि यूक्रेन अकेला नहीं है। उसके साथ 'नाटो' सैन्य संगठन और अमेरिका खड़े हैं, जो उसे हथियार और आर्थिक मदद कर रहे हैं। यही कारण है कि यूक्रेन भी पलटवार कर रहा है। इसी बीच अमेरिका अब यूक्रेन को एक ऐसा खतरनाक क्लस्टर बम देने जा रहा है, जिसे दुनिया के 120 के करीब देशों ने प्रतिबंधित कर रखा है। 

रूस और यूक्रेन की जंग के बीच यूक्रेन अब ड्रोन अटैक कर रहा है। रूस की सीमा में जाकर हो रहे ड्रोन अटैक के पीछे 'नाटो' और अमेरिका का बैक सपोर्ट है। इसी बीच अमेरिका अब ऐसा खतरनाक क्लस्टर बम यूक्रेन को देगा, जिसे 155 मिमी की तोप से भी दागा जा सकता है। अमेरिका के अधिकारियों ने इस बम को यूक्रेन को देने की खबर की पुष्टि की है। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने खुद क्‍लस्‍टर बम को यूक्रेन को देने की सिफारिश की है। दरअसल, इस क्लस्टर बम को इंसानियत के खिलाफ माना जाता है। यही कारण है कि अब अमेरिका के इस फैसले पर प्रश्न खड़े होने लगे हैं। 

क्यों इतना खतरनाक होता है क्लस्टर बम?

क्लस्टर बम, जैसा नाम से ही पता चल रहा है कि इस बम के ब्लास्ट होने के बाद इसमें से हजारों की संख्या में छोटे छोटे बम निकलते हैं और बड़े इलाके में फैल जाते हैं। ये छोटे छोटे बम एक कनस्तर के अंदर समाए रहते हैं। जब भी ब्लास्ट होता है तब ये बड़े दायरे में विनाश फैलाते हैं। इनमें से कई ऐसे होते हैं जो फटते नहीं हैं। इससे वहां रहने वाले या वहां से गुजरने वाले लोग अक्‍सर इसकी चपेट में आ जाते हैं। यही नहीं यह आम नागरिकों के शिकार होने का सिलसिला युद्ध और उसके बाद भी जारी रहता है। इसका बड़ा उदाहरण अफगानिस्‍तान है जो क्‍लस्‍टर बम से पटा पड़ा है। यूएन और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इन क्लस्टर बमों को हटाने पर करोड़ों रुपए खर्च कर डाले हैं। 

वो समझौता, जिससे बच गए अमेरिका, रूस और यूक्रेन

यह बम इतना घातक है कि साल 2008 में 120 से भी अधिक देशों ने इस क्लस्टर बम पर प्रतिबंध लगाने वाले एक मसौदे पर साइन किए थे। इनमें ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देश भी शामिल हैं। अब बात यह है कि इस समय रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई चल रही है और अमेरिका यह क्लस्टर बम यूक्रेन को दे रहा है। इसके पीछे पेंच यह है कि यूक्रेन, रूस और अमेरिका, तीनों देशों ने ही इस समझौते पर साइन नहीं किए हैं। 

यूक्रेन के ल्वीव पर रूस का बड़ा हमला

इसी बीच यूक्रेन पर रूस के ताजा हमले जारी हैं। यूक्रेन के पश्चिमी शहर ल्वीव में रूस ने घातक मिसाइल हमले किए हैं। इससे 6 लोगों की मौत की खबर है। वहीं पिछले साल यूक्रेन के ल्वीव के असैन्य इलाकों में रूस ने हमला किया था। यह सबसे भीषण हमलों में से एक था। ल्वीव में मारे गए लोगों में सबसे कम उम्र का 21 वर्षीय व्यक्ति और सबसे बुजुर्ग 95 साल की एक महिला शामिल थी।