राजेंद्र नगर हादसा: देश में कोचिंग सेंटर खोलने के क्या नियम हैं? गलती पर लगता है भारी जुर्माना
राजधानी दिल्ली के राजेंद्र नगर में हुए हादसे ने लोगों को हैरान कर दिया है। आइए जानते हैं कि देश में कोचिंग सेंटर खोलने के क्या नियम हैं और इसके लिए सरकार ने क्या उपाय किए हैं।
देश की राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में बीते दिनों बड़ा हादसा देखने को मिला। यहां एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भर जाने के कारण यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की डूबकर मौत हो गई। सभी सबूत कोचिंग सेंटर की बड़ी लापरवाही की ओर इशारा कर रहे हैं। लेकिन आपने कभी सोचा है कि भारत में कोचिंग सेंटर खोले कैसे जाते हैं? किसी कोचिंग संस्थान को शुरू करने के लिए क्या नियम हैं? क्या इसमें लापरवाही पर कार्रवाई भी होती है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब हमारे इस एक्सप्लेनर के माध्यम से।
सरकार हाल ही में लाई थी नियम
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने इसी साल कोचिंग सेंटर के पंजीकरण और विनियमन के लिए दिशानिर्देश 2024 पेश किया था। इसका मकसद है कोचिंग सेंटर के रेजिस्ट्रेशन व रेगुलेशन के लिए एक फ्रेमवर्क का निर्माण करना। इसके तहत, कोचिंग संचालन के लिए न्यूनतम मानक आवश्यकताओं, छात्रों के हितों की रक्षा, पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों पर ध्यान, कैरियर मार्गदर्शन और छात्रों के मानसिक कल्याण के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श पर ध्यान रखा जाता है।
पहले जानिए कि कोचिंग होता क्या है?
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कोचिंग सेंटर के लिए पेश किए गए रेजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन दिशानिर्देश 2024 के अनुसार, एक 'कोचिंग सेंटर' कि संज्ञा उसे दी गई है जो कि स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल के 50 से ज्यादा छात्रों को शैक्षणिक सहायता देने के लिए स्थापित या संचालित किया जाता हो।
कोचिंग का रेजिस्ट्रेशन कैसे होता है?
किसी कोचिंग सेंटर की स्थापना के लिए सरकार द्वारा बताए गए जरूरी फॉर्म, फीस और दस्तावेजों की आवश्यकताओं का पालन करते हुए अपने स्थानीय क्षेत्र के भीतर सक्षम अधिकारी के पास पंजीकरण के लिए आवेदन जमा करना होता है। अगर किसी कोचिंग सेंटर की कई ब्रांच हैं तो है हर ब्रांच को अलग ईकाई माना जाता है। इनके लिए अलग-अलग रेजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है।
मार्केटिंग के लिए क्या है नियम?
सरकार द्वारा बनाए गए नियम के मुताबिक, कोचिंग सेंटर को छात्रों और अभिवावकों को आकर्षित करने के लिए परीक्षा की रैंक और नंबर के भ्रामक वादों या गारंटी देने से बचना होगा। इसके अलावा कोचिंग सेंटर्स को शिक्षकों की योग्यता, पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम की अवधि, हॉस्टल सुविधा और फीस की जानकारी देने के लिए एक वेबसाइट रखना अनिवार्य किया गया है।
एडमिशन, फीस और एग्जिट
नियमानुसार, किसी कोचिंग सेंटर में 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को एडमिशन देने की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही कोचिंग में एडमिशन की अनुमति, माध्यमिक विद्यालय की परीक्षाओं के पूरा होने के बाद है। इसके अलावा कोचिंग में अनेक पाठ्यक्रमों के लिए ट्यूशन फीस उचित होनी चाहिए, फीस की रसीद मिलनी चाहिए। एक प्रोस्पेक्टस में फीस, संस्थान छोड़ने के नियम और फीस वापसी प्रक्रियाओं की जानकारी होनी चाहिए। अगर कोचिंग बीच में छोड़ने की बात करें तो 10 दिनों के भीतर आनुपातिक धनवापसी अनिवार्य की गई है। पाठ्यक्रम के बीच में फीस में बढ़ोतरी की सख्त मनाही है। ये नियम हॉस्टल और पाठ्यक्रम दोनों पर ही लागू है।
छात्रों के लिए और नियम भी
नियम के अनुसार, अटेंटेंस बनाए रखने के लिए कोचिंग का टाइम स्कूल के घंटों के साथ मेल नहीं खाना चाहिए। छात्रों को आराम करने और स्वस्थ रहने की इजाजत मिलनी चाहिए। छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए वीकली ऑफ अनिवार्य है। कक्षा में शिक्षक-छात्र का अनुपात भी सही होना चाहिए।
इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जरूरी नियम
सरकारी नियम के मुताबिक, कोचिंग सेंटरों को निर्देश है कि उन्हें एक कक्षा में प्रति छात्र कम से कम एक वर्ग मीटर का स्पेस आवंटित करना होगा। कोचिंग के पास फायर और बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट भी होना चाहिए। सेंटर में इलेक्ट्रिसिटी, वेंटिलेशन, लाइट की व्यवस्था और सुरक्षा जरूरी है। इसके साथ ही कोचिंग के पास सीसीटीवी कैमरे, प्राथमिक चिकित्सा किट और चिकित्सा सहायता भी होनी चाहिए।
शिकायत की व्यवस्था और जुर्माने का नियम
छात्र और उनके अभिवावक कोचिंग सेंटर्स, उनके शिक्षक/कर्मचारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके साथ ही कोचिंग सेंटर्स भी छात्र और उसके अभिवावकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत का समाधान सक्षम अधिकारी या सरकार द्वारा स्थापित जांच समिति द्वारा 30 दिनों के भीतर किया जाएगा। वहीं, अगर कोचिंग सेंटर रेजिस्ट्रेशन और आम जरूरतों के किसी भी नियम या शर्तों का उल्लंघन करता है तो उसे पहली गलती पर 25 हजार रुपये जुर्माना, दूसरी गलती पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं, तीसरी गलती पर कोचिंग का रेजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है।
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