Explainer: PM मोदी ने किया Z-Morh टनल का उद्घाटन, ये क्यों है खास? जनता और सेना दोनों को बड़ा फायदा
PM नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में Z-Morh टनल का उद्घाटन कर दिया है। इस सुरंग को जम्मू-कश्मीर समेत पूरे भारत के लिए पर्यटन और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग परियोजना का उद्घाटन कर दिया है। इस सुरंग को जम्मू-कश्मीर समेत पूरे भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सुरंग के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी के साथ में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे। जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन के बाद इस क्षेत्र के आम लोगों और भारतीय सेना को भी बड़े स्तर पर फायदा होने जा रहा है। आइए जानते हैं इस सुरंग की अहमियत के बारे में कुछ खास बातें।
कहां पर स्थित है जेड-मोड़ सुरंग?
जेड-मोड़ सुरंग परियोजना मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच बनाई गई है। ये सुरंग समुद्र तल से 8,650 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। सुरंग को दोनों दिशाओं के यातायात के लिए तैयार किया गया है। ये सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन वाले रास्तों से अलग लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी।
क्या है सुरंग का फायदा?
6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग की मदद से लोगों के लिए पर्यटक स्थल तक पूरे साल पहुंचना सुलभ हो जाएगा। जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण पर 2,717 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस सुरंग की मदद से श्रीनगर और लद्दाख के बीच साल भर निर्बाध यातायात सुनिश्चित होगा। हिमस्खलन-संभावित क्षेत्रों को दरकिनार करते हुए जेड-मोड़ सुरंग यात्रियों के लिए एक सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराएगी। इस टनल की मदद से यात्रा के समय में काफी कमी आएगी।
जनता और सेना दोनों का फायदा
जेड-मोड़ सुरंग की मदद से जम्मू-कश्मीर में शीतकालीन और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा तो मिलेगा ही इसके साथ ही स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। सुरंग श्रीनगर से लेह तक स्थानीय कृषि वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही की सुविधा प्रदान करता है। पहले बर्फबारी के सीजन में इस क्षेत्र में सड़कें बंद हो जाती थीं और केवल 6 महीने तक ही पर्यटन हो पाता था। हालांकि, सुरंग बनने से अब सालभर पर्यटक आयेंगे। इसके साथ ही जेड-मोड़ सुरंग जरूरी सैन्य साजों-सामान की भी बिना रुकावट आपूर्ति के लिए अहमियत रखता है। इस सुरंग की मदद से हिमस्खलन के जोखिमों को कम करके जवानों को सुरक्षा भी मिलेगी।
प्रति घंटे 1000 वाहन गुजर सकते हैं
जोजिला सुरंग जिसका निर्माण साल 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है, उसके साथ, जेड-मोड़ सुरंग कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच की दूरी को 49 किलोमीटर से घटाकर 43 किलोमीटर कर देगी। इस सुरंग में वाहन 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की जगह 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। बता दें कि इस सुरंग से प्रति घंटे 1000 वाहन गुजर सकते हैं।
सुरंग में ये बड़ी सुविधाएं भी
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि इस 6.4 किलोमीटर लंबी सुरंग में बेहतर सुरक्षा के लिए एक समानांतर एस्केप सुरंग की सुविधा भी दी गई है। सुरंग में भारी वाहनों के लिए 3.7 किमी लंबी क्रीपर लेन, 4.6 किलोमीटर पश्चिमी पहुंच की सड़क, 0.9 किलोमीटर पूर्वी पहुंच की सड़क, 2 प्रमुख पुल और 1 छोटा पुल शामिल है।
सुरंग पर हुआ था आतंकी हमला
जेड-मोड़ सुरंग पर आतंकी हमले की भी घटना सामने आई थी। सोमवार को सुरंग के उद्घाटन के दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जेड-मोड़ सुरंग पर आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने परियोजना, जम्मू-कश्मीर और देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कठिन परिस्थितियों में सुरंग का निर्माण करने वाले श्रमिकों से भी मुलाकात की।
कब हुई थी परियोजना की शुरुआत?
जेड-मोड़ सुरंग परियोजना की आधारशिला अक्टूबर 2012 में रखी गई थी। हालांकि, इस परियोजना पर काम 2015 में शुरू हुआ था। इस परियोजना के 2016-17 तक पूरा होने की उम्मीद थी लेकिन कई समस्याओं के कारण इस सुरंग का काम लगभग एक दशक में पूरा हो पाया। ये सुरंग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और इसकी मदद से जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में आर्थिक विकास और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
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