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Hindi News Explainers Explainer: जानें भारत और कतर की दोस्ती कितनी गहरी है जो पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी को लगाया गले

Explainer: जानें भारत और कतर की दोस्ती कितनी गहरी है जो पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी को लगाया गले

भारत और कतर व्यापार, ऊर्जा, प्रवासी श्रमिकों और कूटनीतिक सहयोग के कारण एक-दूसरे के लिए खासी अहमियत रखते हैं। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी भारत दौरे पर हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि भारत और कतर के संबंध कितने मजबूत हैं।

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया स्वागत- India TV Hindi Image Source : @NARENDRAMODI कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया स्वागत

Qatar India Relations: कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी भारत दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़ते हुए खुद एयरपोर्ट पहुंचे और गले लगाकर शेख तमीम का स्वागत किया। अब ऐसे में सवाल यह है कि एक छोटा सा देश आखिर भारत के लिए इतना अहम क्यों हैं। ऐसे क्या कारण हैं जिसकी वजह से भारत कतर के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है। इससे पहले इन सवालों के जवाब पर चर्चा करें यहां आपको यह भी बता दें कि कतर की आबादी मात्र 29 लाख है। यहां 8 लाख से अधिक  तो भारतीय ही मौजूद हैं। कतर भले ही एक छोटा देश है लेकिन भारत की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने में इस देश का बड़ा रोल है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर एक नजर

भारत और कतर के बीच संबंध बेहद पुराने हैं। पुराने समय से ही अरब व्यापारियों का भारत के पश्चिमी तटों से गहरा संबंध रहा है। अरब व्यापारी मसाले, रत्न और अन्य सामानों का व्यापार करते थे। कतर की स्वतंत्रता (1971) के बाद भारत ने इसे तुरंत मान्यता दी और राजनयिक संबंध स्थापित किए। 

भारत और कतर के बीच हैं मजबूत संबंध

वैसे देखने वाली बात यह भी है कि भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक रूप से मजबूत संबंध हैं। दोनों देश ना केवल व्यापार और निवेश में भागीदार हैं बल्कि ऊर्जा सुरक्षा, प्रवासी श्रमिकों और कूटनीति के क्षेत्र में भी एक-दूसरे पर निर्भर हैं।

Image Source : @narendramodiकतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी का भारत दौरा

आर्थिक और व्यापारिक संबंध

कतर भारत के लिए ऊर्जा आपूर्ति करने वाला एक प्रमुख देश है। कतर से भारत को तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) और पेट्रोलियम उत्पादों की बड़ी मात्रा में आपूर्ति की जाती है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 18 अरब डॉलर से अधिक का है। कृषि उत्पाद, धातु, रसायन, कपड़ा, मशीनरी जैसी चीजें भारत से कतर को निर्यात की जाती हैं वहीं LNG, पेट्रोलियम उत्पाद, रसायन और प्लास्टिक कतर से भारत आयात करता है।

ऊर्जा सहयोग में कतर की अहम भूमिका

कतर भारत को LNG का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में कतर की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। भारत की पेट्रोलियम कंपनियां जैसे ONGC, GAIL, और Petronet LNG कतर के साथ कई दीर्घकालिक समझौतों में शामिल हैं। तो ऐसे में भारत कतर के साथ अच्छे रिश्ते क्यों चाहता है इसका जवाब समझना मुश्किल नहीं है।

प्रवासी भारतीय और श्रम संबंध

कतर में करीब 8 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी कार्यरत हैं जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 25 फीसदी हैं। भारतीय श्रमिक कतर के बुनियादी ढांचे, निर्माण स्वास्थ्य और सेवा क्षेत्रों में प्रमुख योगदान दे रहे हैं। भारतीय प्रवासियों ने कतर की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है। इतना ही नहीं भारत और कतर के बीच उच्च स्तरीय राजनयिक यात्रा होती रही हैं। दोनों देशों के नेताओं ने कई महत्वपूर्ण समझौते किए हैं, जिनमें रक्षा, आतंकवाद-रोधी सहयोग और व्यापार शामिल हैं।

Image Source : @narendramodiपीएम मोदी ने किया कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी का स्वागत

रक्षा और सुरक्षा सहयोग

भारत और कतर के बीच समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और रक्षा क्षेत्र में साझेदारी बढ़ रही है। भारतीय नौसेना और कतर की नौसेना के बीच संयुक्त अभ्यास होते रहे हैं। समय के साथ रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों ने अहम प्रगति की है। 

भारत पर भरोसा करता है कतर

यहां समझने वाली बात यह भी है कतर भारत पर काफी भरोसा करता है। कतर सबसे ज्यादा तीन देशों को अपना सामान भेजता है। पहले नंबर पर चीन है, दूसरे नंबर पर जापान और तीसरे पर भारत आता है। ऐसे में यह रिश्ता भरोसे का है, दोस्ती का है जो पिछले कई सालों से ऐसे ही चला आ रहा है। जानकार मानते हैं आने वाले सालों में भी यह रिश्ता और ज्यादा मजबूत होगा क्योंकि भारत और कतर का व्यापार इसी गति से बढ़ता रहेगा।

Image Source : @narendramodiकतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी (L) और पीएम नरेंद्र मोदी (R)

भारत ने निभाई दोस्ती

भारत ने कतर के साथ हमेशा दोस्ती निभाई है। साल 2017 कोई कैसे भूल सकता है जब कई देशों ने कतर का बायकॉट कर दिया था। कतर पर आरोप लगा था कि वो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। उसकी जमीन से IS जैसे संगठन ऑपरेट कर रहे हैं। उस समय सऊदी अरब ने कतर के विमानों की अपने देश में एंट्री तक बैन करवा दी थी। लेकिन, ऐसे समय में भारत में ने कतर को बायकॉट करने के बजाय सहारा देने का काम किया था। अब दोनों देशों के बीच दोस्ती कितनी गहरी है इसका अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए अमीर शेख तमीम का स्वागत एयरपोर्ट पहुंचकर किया। शेख और पीएम मोदी गले भी मिले साथ ही अब संबंधों को और गहरा करने के दिशा में दोनों देश आगे ही आगे बढ़ रहे हैं।

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