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Hindi News Explainers Explainer: महाकुंभ या 'डिजिटल महाकुंभ'? तकनीक और संस्कृति का अद्भुत संगम

Explainer: महाकुंभ या 'डिजिटल महाकुंभ'? तकनीक और संस्कृति का अद्भुत संगम

Mahakumbh 2025: इस बार संगमनगरी प्रयागराज में लगने वाला महाकुंभ मेला कई मायनों में खास होने वाला है। इसमें आपको संस्कृति के साथ-साथ टेक्नोलॉजी का भी समागम देखने को मिलेगा। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए AI बेस्ड सर्विलांस से लेकर एडवांस तकनीक से लैस पार्किंग सॉल्यूशन लगाया है।

महाकुंभ 2025- India TV Hindi Image Source : FILE महाकुंभ 2025

Mahakumbh 2025: 13 जनवरी 2025 से संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ मेला की शुरुआत हो रही है। इस बार प्रशासन ने टेक्नोलॉजी के जरिए महाकुंभ को 'डिजिटल महाकुंभ' में बदल दिया है। आपको QR बेस्ड रेलवे टिकट से लेकर ड्रोन के जरिए निगरानी और AI पार्किंग जैसी टेक्नोलॉजी इस महाकुंभ मेले में देखने को मिलेंगे। 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी 2025 तक चलने वाले इस महाकुंभ में आपको सनातन संस्कृति के साथ-साथ टेक्नोलॉजी का भी दम देखने को मिलेगा। प्रशासन को उम्मीद है कि इस बार संगम नगरी में महाकुंभ के दौरान रिकॉर्ड 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आ सकते हैं। ऐसे में टेक्नोलॉजी के जरिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा से लेकर उनकी सहूलियत तक का ध्यान रखा जाएगा।

डिजिटल महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अब तक किसी कुंभ में नहीं किया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कुंभ मेला क्षेत्र में ड्रोन के जरिए निगरानी रखी जाएगी। यही नहीं, स्नान के दौरान अगर कोई श्रद्धालु पानी में डूब रहा होगा तो उसे ड्रोन वाले लाइफ सेवर बोट के जरिए बाहर निकाला जाएगा। हाल ही में इसका एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामने आया है। इसके अलावा मेला क्षेत्र में फ्री Wi-Fi समेत कई हाई टेक सुविधाएं मौजूद रहेंगी।

Image Source : FILEएआई पार्किंग सॉल्यूशन, पार्क प्लस

QR रेलवे टिकट

प्रयागराज महाकुंभ में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचेंगे। इसके लिए रेलवे 3 हजार से ज्यादा ट्रेन चलाएगा। साथ ही, प्रयागराज जिले के रेलवे स्टेशन पर डिजिटल रेलवे टिकटिंग की व्यवस्था होगी। प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशन पर स्पेशल ड्यूटी में तैनात रेलवे के कर्मचारी QR कोड वाले जैकेट के साथ मिलेंगे। श्रद्धालुओं को अपने मोबाइल फोन के कैमरे से QR कोड को स्कैन करना है। इसके बाद वो फोन में UTS ऐप डाउनलोड करके डिजिटल टिकट बुक कर सकते हैं। रेलवे ने प्रयागराज में अलग-अलग दिशाओं से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कलर कोडिंग वाले टिकट जारी करने का फैसला किया है।

Image Source : FILEक्यूआर बेस्ड रेलवे टिकट, प्रयागराज रेलवे डिवीजन

स्मार्ट कैमरा सर्विलांस सिस्टम

महाकुंभ मेला में 50 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी डिप्लॉय किए जाएंगे। इन सुरक्षाकर्मियों को टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा। इसके लिए AI बेस्ड टूल प्रदान किया जाएगा ताकि प्रयागराज महाकुंभ के दौरान चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा सकेगी। इसके लिए संगम नगरी में कुंभ मेला क्षेत्र में AI पावर्ड इंटिग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर (ICCC) बनाया गया है। पूरे कुंभ मेला क्षेत्र में CCTV कैमरा लगाया गया है। इसके अलावा अलग-अलग सेक्टर की निगरानी के लिए AI बेस्ड ड्रोन और वाटर सर्विलांस सिस्टम भी तैनात किया गया है।

आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और इमरजेंसी के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम भी तैनात रहेगी। इमरजेंसी की स्थिति में भीड़ बेकाबू न हो इसके लिए क्राउड डेंसिटी के आधार पर अलर्ट सिस्टम लगाया जाएगा। प्रशासन ने गूगल के साथ साझेदारी करते हुए घाट, टॉयलेट, फूड कोर्ट और पीपा पुल आदि को मैप में इंटिग्रेट करा दिया है ताकि श्रद्धालुओं को इन्हें ढूंढ़ने में मशक्कत न करना पड़े। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की गाड़ियों की पार्किंग के लिए Park+ ऐप के साथ साझेदारी की गई है। 30 से ज्यादा सरकारी पार्किंग लॉट में 5 लाख से ज्यादा गाड़ियां AI के जरिए खड़ी की जा सकेंगी। पार्किंग का पेमेंट FASTag के जरिए करने की भी सुविधा मिलेगी।

Image Source : FILEएआई सर्विलांस सिस्टम, महाकुंभ 2025 (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बहुभाषी चैटबॉट

हर 12 साल में लगने वाले इस महाकुंभ मेला में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सहायता के लिए बहुभाषी चैटबॉट की सुविधा मिलेगी, जो उनकी भाषा में ही उनके सवालों के जबाब देगी। इसके लिए यूपी सरकार ने भाषिणी ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप के जरिए मेला क्षेत्र में तैनात अफसर को श्रद्धालुओं की भाषा समझने में दिक्कत नहीं होगी। भाषिणी ऐप 11 अलग-अलग भाषाओं को सपोर्ट करता है।

Image Source : FILEएआई लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर, प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र 

इसके अलावा अगर किसी श्रद्धालु का कोई सामान खो जाता है तो उसके लिए AI बेस्ड लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर बनाया गया है। मेला प्रशासन और पुलिस श्रद्धालुओं के सामान खो जाने पर या मिल जाने पर उनसे आसानी से संपर्क कर सकेंगे। इसे 1920 सेंटर का नाम दिया गया है। साथ ही, पुलिस और मेला प्रशासन के लिए बायोमैट्रिक अटेंडेंस की सुविधा भी महाकुंभ के दौरान मिलेगी।

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