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जिनपिंग-पुतिन की दोस्ती दिखाने लगी असर! ताइवान के इलाके में घुसे रूसी जंगी जहाज, फिर क्या हुआ?

रूस और चीन की दोस्ती से दुनिया परेशान है। हाल ही में ताइवान की समुद्री सीमा में जब रूसी जंगी जहाज दिखे, तो ताइवान सकते में आ गया। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दादागिरी और अब रूस के जंगी जहाज के दिखाई देने से ताइवान सहित दक्षिण चीन सागर के देशों की नींद उड़ गई है।

जिनपिंग-पुतिन की दोस्ती दिखाने लगी असर! ताइवान के इलाके में घुसे रूसी जंगी जहाज, फिर क्या हुआ?- India TV Hindi Image Source : FILE जिनपिंग-पुतिन की दोस्ती दिखाने लगी असर! ताइवान के इलाके में घुसे रूसी जंगी जहाज, फिर क्या हुआ?

China-Russia: चीन और रूस की दोस्ती अब दुनिया के लिए टेंशन बन गई है। इस बात को अमेरिका और यूरोपीय देश भी जान गए हैं। कोई बड़ी अनहोनी दोनों देश मिलकर न कर दें, इसे लेकर दुनियाभर में सजगता है। रूस और चीन की दोस्ती का असर ताइवान पर भी पड़ने लगा है। मंगलवार को ताइवान की समुद्री सीमा में रूसी जंगी जहाज दिखाई दिए। इन पर नजर बनाए रखने के लिए ताइवान ने अपने विमानों और युद्धपोतों को तैनात कर दिया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि रूसी युद्धपोतों को स्थानीय समयानुसार रात 11 बजे हमारे पूर्वी तट के पानी में दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हुए देखा गया था। बयान में कहा गया है कि रूसी युद्धपोत ताइवान के बंदरगाह शहर सुआओ से दक्षिण पूर्वी दिशा में हमारे प्रतिक्रिया क्षेत्र से चले गए। सुआओ में ताइवान का बड़ा नौसैनिक अड्डा भी है।

चीनी जंगी जहाजों की निगरानी करता रहता है ताइवान

ताइवान ने यह नहीं बताया कि रूसी युद्धपोत उसके तट से कितनी दूरी पर थे। ताइवान अक्सर अपने आसपास चीनी जहाजों और युद्धपोतों की मौजूदगी का पता लगाता रहता है। चीन शुरू से ही ताइवान पर अपना दावा करता है और उसके लिए बल प्रयोग की संभावना से भी इनकार नहीं करता है। हालांकि इस क्षेत्र में रूसी युद्धपोतों की उपस्थिति अधिक असामान्य है। इसे चीन के साथ रूस की दोस्ती से भी जोड़कर देखा जा रहा है। अमेरिका और बाकी पश्चिमी देशों के खिलाफ चीन और रूस ने अपनी दोस्ती को काफी ज्यादा मजबूत किया है।

मिसाइल हमले का अभ्यास कर रहे थे रूसी युद्धपोत

रूस की इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने मंगलवार को बताया कि रूसी प्रशांत बेड़े के जहाजों की एक टुकड़ी दक्षिण चीन सागर को पार करने के बाद फिलीपीन सागर के दक्षिणी हिस्सों में प्रवेश कर गई थी। इंटरफैक्स ने कहा कि ये युद्धपोत लंबी दूरी की समुद्री क्रॉसिंग के हिस्से के रूप में कार्य कर रहे थे, जिसमें समुद्र से एक नकली दुश्मन के मिसाइल हमले को विफल करने के लिए एक नकली नौसैनिक युद्ध शामिल था।

रूस और चीन की दोस्ती से दुनियाभर में टेंशन

रूस और चीन के संबंध लगातार तेजी के साथ प्रगाढ़ होते जा रहे हैं। रूस और यूक्रेन की जंग के बीच जिनपिंग की रूस यात्रा ने कई समीकरण बदले। रूस और चीन की दोस्ती के साथ उत्तर कोरिया भी जुड़ा हुआ है। दरअसल, चीन की शह पर ही वह मिसाइल परीक्षण करता रहता है। दबे छिपे उत्तर कोरिया को चीन मदद करता रहा है। ऐसे में उत्तर कोरिया, चीन और रूस का मजबूत संगठन मिलकर आने वाले समय में यूरोप और अमेरिका या कहें नाटो संगठन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। 

हालांकि शी जिनपिंग ने हाल के समय में ईरान और अरब की दोस्ती कराई। दो बड़े शिया और सुन्नी देशों की दोस्ती के साथ ही रूस और यूक्रेन की जंग को लेकर एक शांति प्रस्ताव भी पेश किया था। लेकिन इससे परे, हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन और रूस के जंगी जहाजों की मौजूदगी ताइवान ही नहीं, इस इलाके के देशों के लिए भी खतरे का सबब है।