Explainer: भारत में पहली बार बनेंगे C-295 मिलिट्री एयरक्राफ्ट, खासियत ऐसी कि खौफ खाएंगे चीन-पाक
C-295 विमान के निर्माण के तहत कुल 56 एयरक्राफ्ट बनाने की योजना हैं जिनमें से 16 स्पेन से सीधे एयरबस द्वारा डिलीवर किए जा रहे हैं। वहीं, बाकी 40 का निर्माण भारत में किया जाना है। वडोदरा में टाटा के एयरक्राफ्ट कॉम्पलेक्स में सी-295 एयरक्राफ्ट तैयार किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) परिसर में C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज भी मौजूद रहे। बता दें कि साल 2022 में पीएम मोदी ने C-295 एयरक्राफ्ट मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी कॉम्लेक्स के निर्माण की आधारशिला रखी थी। वडोदरा में टाटा के इस एयरक्राफ्ट कॉम्पलेक्स में कुल 40 सी-295 एयरक्राफ्ट तैयार किए जाएंगे।
यह देश में निजी क्षेत्र की पहली एयरक्राफ्ट मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी है। C-295 विमान के निर्माण के तहत कुल 56 एयरक्राफ्ट बनाने की योजना हैं जिनमें से 16 स्पेन से सीधे एयरबस द्वारा डिलीवर किए जा रहे हैं। वहीं, बाकी 40 का निर्माण भारत में किया जाना है। इसके साथ ही पीएम मोदी 4800 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे जिसमें रेल, हाईवे और नदियों से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं।
सबसे कम है टेकऑफ टाइम
साल 2021 में 56 C-295 एयरक्राफ्ट के लिए 21हजार 935 करोड़ रुपये की टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के तहत डील हुई थी। इस डील के तहत भारत को पिछले साल सितंबर के पहला C-295 एयरक्राफ्ट मिल गया था। डील में 56 विमानों में से पहले 16 विमान स्पेन और बाकी भारत में बनाए जाएंगे। 40 C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए वडोदरा में टाटा ने एयरबस के साथ मिलकर मैनुफैक्चरिंग कॉम्लेक्स बनाया है। सी-295 एक मीडियम साइज का विमान जो किसी भी तरह की हवाई पट्टी पर उतारा जा सकता है। यह विमान सैनिकों को ध्यान में रखकर खास डिजाइन किया गया है। बाकी कार्गो विमानों की तुलना में इस विमान का टेकऑफ टाइम कम है। सैनिकों की आवाजाही के लिए यह सबसे बेहतर है।
C-295 एयरक्राफ्ट की खासियत-
- C-295 एयरक्राफ्ट ढेरों खूबियों से लैस है। यह एयरक्राफ्ट 844 मीटर के रनवे से उड़ान भर सकता है जबकि लैंड करने के लिए सिर्फ 420 मीटर लंबे रनवे की जरूरत पड़ती है। इस विमान में हवा में रिफ्यूलिंग की सुविधा है और यह लगाातर 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है। C-295 पहाड़ी इलाकों के लिए पूरी तरह कारगर है।
- C-295 एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग क्षमता के साथ नौ टन तक पेलोड ले जा सकता है। ये एक बार में 71 सैनिकों को ले जाया जा सकता है। यह विमान अधिकतम 9250 किलोग्राम तक वजन उठाकर उड़ सकता है।
- 482 km/hr की स्पीड- इस विमान में दो इंजन हैं यह 482 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। सी-295 एक इंजन के सहारे 13 हजार 533 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और दोनों इंजन काम करे तो यह 30 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकेगा।
- 800 kg के हथियार लगाए जा सकते हैं- इसे उड़ान भरने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे चाहिए होता है। उतरने के लिए मात्र 420 मीटर का रनवे चाहिए होता है। इसमें छह हार्डप्वाइंट्स होते हैं यानी हथियार और बचाव प्रणाली लगाने की जगह। दोनों विंग्स के नीचे तीन-तीन। या फिर इनबोर्ड पाइलॉन्स हो सकते हैं जिसमें 800 kg के हथियार लगाए जा सकते हैं।
वड़ोदरा सेंटर देगा प्लेन को फाइनल टच
टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 सी295 विमानों के लिए मेटल कटिंग का काम शुरू कर दिया है। हैदराबाद फिलहाल इसकी मेन कॉन्स्टीट्यूंट एसेंबली है। वहां पर कई पार्ट्स को जमाएंगे। टाटा की हैदराबाद फैसिलिटी एयरक्राफ्ट के प्रमुख हिस्सों को फैब्रिकेट करेगी। इसके बाद उसे वडोदरा भेजा जाएगा।
सच हुआ देश का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के तहत देश के लोगों ने यह सपना बुना था कि भारत में भी ऐसे अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट का निर्माण हो। स्पेन के सहयोग से वडोदरा वायुसेना के लिए पावर सेंटर बनने जा रहा है। देश में फाइटर प्लेन, टैक और सबमरीन के बाद ट्रांसपोर्ट प्लेन भी बनेंगे। पीएम मोदी के मेक इन इंडिया मंत्र के साथ यह प्लांट मेक फॉर द ग्लोब के मंत्र को भी साकार करेगा।
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