Explainer:इजरायल-ईरान युद्ध हुआ तो दुनिया पर होगा क्या-क्या विपरीत असर, मध्य-पूर्व के देशों पर जानें मंडरा रहा कौन सा बड़ा खतरा?
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की आशंका ने तीसरे विश्वयुद्ध समेत कई अन्य खतरों को भी बढ़ा दिया है। इससे दुनिया में खाद्य, ऊर्जा का भारी संकट पैदा हो सकता है। महंगाई, मंदी और भुखमरी से कई देशों के हालात बिगड़ सकते हैं। अर्थव्यवस्था डगमग हो सकती है। तेल की कीमतें बेकाबू हो सकती हैं।
Explainer: इजरायल-हमास युद्ध के बीच इजरायल और ईरान के बीच भी जंग की आशंका काफी बढ़ गई है। इसे लेकर अमेरिका से रूस, जर्मनी और भारत जैसे देश अभी से सतर्क हो गए हैं। भारत और समेत सभी देश मिडिल ईस्ट के देशों को लेकर एडवाइजरी जारी कर रहे हैं। रूस और जर्मनी ने ईरान और इजरायल के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। साथ ही मध्य-पूर्व के देशों से संयम बरतने को कहा है। इजरायल और ईरान से भी धैर्य बनाने रखने की अपील की है। मगर हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं।
मध्य-पूर्व के देशों में भीषण वार छिनने की आशंका से भारत भी सतर्क हो गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को ईरान और इजरायल की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। साथ ही इन दोनों देशों में रह रहे नागरिकों को भारतीय दूतावास से संपर्क कर अपना पंजीकरण कराने की सलाह दी है। इससे मध्य-पूर्व के देशों में भंयकर अशांति, असुरक्षा, महंगाई और कीमतों में बढ़ोत्तरी के साथ आम नागरिकों के जीवन पर खतरा भी बढ़ गया है।
इजरायल-ईरान में दुश्मनी की क्या है वजह
इजरायल और ईरान में दुश्मनी 1979 के समय की है, जब ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई थी। ईरान में पश्चिम को चुनौती देने वाले नेतृत्व का उदय हुआ। इसके बाद से ही ईरान ने इजरायल को मिटाने की बात करने लगा। ईरान का आरोप है कि इजरायल ने मुसलमानों की जमीन पर अवैध कब्जा किया है। ईरान इजरायल को देश के तौर पर मान्यता भी नहीं देता। इजरायल-युद्ध में तनाव की जड़ें तभी से जम चुकी थीं। मगर इस बीच इजरायल-हमास वार ने इसको और चिंगारी दे दी। ईरान गाजा पर इजरायली हमले के खिलाफ है। उसने कई बार गाजा हमला बंद करने या फिर ईरानी हमला झेलने के लिए तैयार रहने की चुनौती भी दी थी। मगर अब इजरायल ने सीरिया में दमिश्क स्थित ईरानी दूतावास पर हमला किया तो ईरान को सीधे जंग में कूदने का मौका मिल गया।
1 अप्रैल को इजरायल ने किया था ईरान के दूतावास पर हमला
बीते 1 अप्रैल को दमिश्क में इजरायल ने ईरानी दूतावास परिसर पर हवाई हमला किया था। इसके बाद से ईरान ने इजरायल से बदला लेने की कसम खाई है। इस इजरायली हमले में एक शीर्ष ईरानी जनरल और छह अन्य ईरानी सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी। इससे गाजा युद्ध से पहले से ही तनावग्रस्त क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। हालांकि इज़रायल ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को कहा कि इज़रायल को "दंडित किया जाना चाहिए। क्योंकि यह ईरानी धरती पर हमले के समान था। इसलिए उसे दंड दिया ही जाएगा।
ईरान का इजरायल पर हमला बन सकता है तीसरे विश्व युद्ध की वजह
यूरोप से लेकर मध्य-पूर्व तक अशांति और अस्थिरता का दौर पहले से ही चल रहा है। ऐसे में यदि वाकई ईरान ने इजरायल पर हमला किया तो यह तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका को और बढ़ा सकता है। अभी रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास युद्ध चरम पर है। इससे पहले आर्मीनिया-अजरबैजान युद्ध भी हो चुका है। इधर पाकिस्तान-ईरान, पाकिस्तान-अफगानिस्तान, चीन-ताईवान, चीन-फिलिपींस और भारत-चीन व भारत-पाकिस्तान के साथ उत्तर कोरिया व दक्षिण कोरिया के बीच भी तनाव चरम पर है। ऐसे में इजरायल पर ईरानी हमले से पूरे मध्य-पूर्व में संघर्ष बढ़ सकता है। इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन पहले से युद्ध में है। अब ईरान, लेबनान और मिस्र जैसे देश भी जंग में कूद सकते हैं। ऐसे में अमेरिका, रूस, चीन की भी एंट्री हो जाएगी। यह तीसरे विश्वयुद्ध की वजह बन सकता है। उधर इस्लामिक देश ईरान पर हमला होने की स्थिति में लामबंद हो सकते हैं।
तेल की कीमतें हो सकती हैं बेकाबू
इज़रायल के खिलाफ ईरान की संभावित जवाबी कार्रवाई से मध्य पूर्व समेत पूरी दुनिया में तेल की कीमतों पर गंभीर असर पड़ सकता है। मध्य-पूर्व में युद्ध क्षेत्र का विस्तार हो सकता है। इसमें कई और देशों के कूदने से तेल की कीमतों में आग लगने के साथ महंगाई चरम पर पहुंच सकती है। ऊर्जा, खाद्य का भारी संकट दुनिया में हो सकता है। कई देशों में हजारों लोगों को भुखमरी जैसी स्थिति का लोगों को सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। तेल बाजार डवांडोल हो सकता है। इज़रायल-हमास युद्ध ने गत 6 महीनों से पहले ही मध्य-पूर्व में अशांति और अस्थिरता फैला दी है। गाजा पट्टी में मौतें, विनाश और तबाही ने मानवता के लिए भी बड़ा संकट पैदा कर दिया है।