Heart attack: बच्चों से लेकर बड़ों तक क्यों आम बनती जा रही है ये जानलेवा बीमारी, हर कोई हो रहा है शिकार!
अभिनेता श्रेयस तलपड़े को बीती रात हार्ट अटैक आया जिसके बाद उनकी एंजियोप्लास्टी हुई। वो सिर्फ 47 साल के हैं। इसके अलावा कई सितारे ऐसे भी हैं जिनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। लेकिन, यहां समझने वाली बात ये है कि ये बीमारी इतनी आम क्यों होती जा रही है। इसका कारण क्या है। आइए, समझते हैं।
अभिनेता श्रेयस तलपड़े को बीती रात हार्ट अटैक आया। इससे पहले सुष्मिता सेन और सैफ अली खान तक को हार्ट अटैक आ चुका है। इतना ही नहीं कई ऐसे फिल्मी सितारे रहे हैं जिनकी मौत हार्ट अटैक के चलते हुई है। इसके अलावा बच्चों में भी ये स्थिति आम होती जा रही है। कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य मंत्रालय का भी एक बयान आया था कि कोविड के बाद लोगों के दिल कमजोर हो गए हैं जिसकी वजह से किसी भी मेहनत वाले काम को करने में हार्ट अटैक का खतरा है। इतना ही नहीं छोटी-छोटी उम्र के बच्चों में भी ये समस्या देखी जा रही है। इसलिए अब जरूरी हो गया है कि इस बीमारी को व्यापक तौर पर समझा जाए, इसके बारे में बात किया जाए और इस स्थिति से बचा जाए। तो, आज विस्तार से समझते हैं हार्ट अटैक को (Heart attack in hindi)
हार्ट अटैक क्या है-What is heart attack
दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह बहुत कम या ब्लॉक हो जाता है। रुकावट आमतौर पर हृदय (कोरोनरी) धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण होती है। कोलेस्ट्रॉल युक्त जमाव को प्लाक कहा जाता है। प्लाक बनने की प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) कहा जाता है। कभी-कभी, प्लाक फट सकता है और थक्का बन सकता है जो ब्लड सर्कुलेशन को ब्लॉक कर देता है। ब्लड सर्कुलेशन की कमी हृदय की मांसपेशियों के हिस्से को नुकसान पहुंचा सकती है या नष्ट कर सकती है। इससे अचानक से किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ सकता है और उसकी मौत हो सकती है।
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हार्ट अटैक का कारण-Heart attack causes
1. कोरोनरी हृदय रोग-Coronary heart disease
कोरोनरी हृदय रोग दिल के दौरे का प्रमुख कारण है। सीएचडी एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोरोनरी धमनियां कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों जैसे वसा के जमाव से अवरुद्ध हो जाती हैं। इन जमावों को प्लाक कहा जाता है। दिल का दौरा पड़ने से पहले, प्लाक में से एक टूट जाता है जिससे टूटने वाले स्थान पर खून का थक्का बन जाता है जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और दिल का दौरा पड़ जाता है। कोरोनरी हृदय रोग के कई कारण हैं। जैसे
-धूम्रपान
-हाई फैट फूड्स
-डायबिटीज
-स्ट्रेस
-नशीली दवाओं का सेवन
-हाई बीपी
-मोटापा होना
-बच्चों में हार्ट अटैक जन्मजात दिल की बीमारी के कारण हो सकता है।
2. ऑक्सीजन की कमी-Lack of oxygen
दिल के दौरे का दूसरा कारण ऑक्सीजन की कमी भी है। ये असल में हाइपोक्सिया है। अगर कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता या फेफड़ों की सामान्य कार्यप्रणाली में कमी के कारण खून में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, तो दिल तक खून के जरिए ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है जिसकी वजह से हार्ट अटैक हो सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षण-Heart attack symptoms
दिल के दौरे के लक्षण अलग-अलग होते हैं। जैसे पुरुषों में अलग और महिलाओं में अलग। लेकिन, कुछ लक्षण दोनों में ही एक जैसे हो सकते हैं। जैसे कि
-सीने में दर्द जो दबाव, जकड़न, दर्द, निचोड़ने या दर्द जैसा महसूस हो सकता है
-दर्द या बेचैनी जो कंधे, बांह, पीठ, गर्दन, जबड़े, दांत या कभी-कभी ऊपरी पेट तक फैल जाती है
-ठंडा पसीना
-थकान
-सीने में जलन या अपच
-चक्कर आना
-जी मिचलाना
-सांस लेने में कठिनाई
महिलाओं में असामान्य लक्षण हो सकते हैं जैसे गर्दन, बांह या पीठ में हल्का या तेज दर्द महसूस होना। कभी-कभी, दिल का दौरा पड़ने का पहला लक्षण अचानक कार्डियक अरेस्ट होता है।
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कुछ दिल के दौरे अचानक आते हैं। लेकिन कई लोगों को चेतावनी के संकेत और लक्षण घंटों, दिनों या हफ्तों पहले ही दिखने लगते हैं। सीने में दर्द या दबाव (एनजाइना) जो होता रहता है और आराम करने पर भी दूर नहीं होता, एक प्रारंभिक चेतावनी संकेत हो सकता है।
किन लोगों में है हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा-Who are at risk
कुछ लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बुत ज्यादा होता है। जैसे कि
-45 और उससे अधिक उम्र के पुरुषों और 55 से ज्यादा उम्र की महिलाओं में।
-लंबे समय तक धूम्रपान करवे वालों में।
-मोटापा , हाई कोलेस्ट्रॉल या डायबिटीज वाले लोगों में
- मेटाबोलिक सिंड्रोम के कारण
-दिल के दौरे का पारिवारिक इतिहास होने पर।
-अवैध नशीली दवाओं को लेने वालों में
-प्रीक्लेम्पसिया का इतिहास रहा हो तो
-रुमेटीइड गठिया या ल्यूपस जैसी स्थिति होने से भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
हार्ट अटैक से बचाव का उपाय यही है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों को करें। जैसे कि
-पहले तो धूम्रपान करना बंद करें।
-अच्छी डाइट का चुनाव करें।
-फैट से भरपूर फूड्स का सेवन कम करें।
-हाई बीपी को कंट्रोल में रखें और डॉक्टर के सुझावों को मानें।
-शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और रोजाना 40 मिनट वॉक या एक्सरसाइज करें।
-वजन संतुलित रखें।
-डायबिटीज कंट्रोल में रखें।
-पर्याप्त नींद लें।'
तो, इन तमाम बातों का ख्याल रखें। स्ट्रेस कंट्रोल करें और खुश रहें। इसका आपकी सेहत पर अलग से असर होता है। साथ ही ये आपको दिल से जुड़ी तमाम बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं।