32 साल होती थी भारतीयों की औसत उम्र, हर तरफ गरीबी और अकाल, जानें 1947 से 2023 तक कितना बदल गया देश
भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर आज देश में चारों ओर उत्सव का माहौल है। आजादी के बाद भारत ने अनेक मुसीबतें झेलीं और सभी बाधाओं को पार कर अपना परचम दुनिया में लहराया है।
आज भारत अपनी आजादी का 77वां साल मना रहा है। पूरा देश आज तिरंगे के रंग में लिपटा 77 साल के सफर पर गर्व कर रहा है। 1947 से लेकर 2023 तक भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अनगिनत कीर्तिमान स्थापित किए हैं। चाहे अर्थव्यवस्था हो या अनाज उत्पादन या फिर तकनीक, हर क्षेत्र में भारत दुनिया के विकसित देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। आइए इस खबर में जानते हैं कि 1947 के मुकाबले आज कैसा है 2023 का भारत...
32 वर्ष थी औसत उम्र
यह बात जान कर आपको आश्चर्य होगा की भारत जब अंग्रेजों से आजाद हुआ तब यहां लोगों की औसत उम्र केवल 32 वर्ष हुआ करती थी। यानी की भारतीय लोग औसतन सिर्फ 32 साल तक ही जी पाते थे। गरीबी, अनाज की कमी और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बदतर हालात इसके मुख्य कारण थे। वहीं, वर्ल्ड बैंक के अनुसार, आज 2023 में भारत की औसत आयु 70.42 साल हो चुकी है। देश में आजादी के मुकाबले आज स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो चुकी हैं। देश भर में खुल रहे नए अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और बढ़ती जागरूकता के कारण भविष्य में हालात और बेहतर होने की उम्मीद है।
आर्थिक महाशक्ति बना देश
भारत की आजादी के बाद 1950 में यहां के लोगों की प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 265 रुपए हुआ करती थी। आज 2023 में ये आंकड़ा बढ़कर 1 लाख 70 हजार रुपए के पार पहुंच चुका है। SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, आजादी के 100वें वर्ष आने तक भारतीय लोगो की प्रति व्यक्ति आय 15 लाख रुपए तक हो जाएगी। देश की आजादी के वक्त भारत की जीडीपी केवल 2.7 लाख करोड़ की हुआ करती थी। वहीं, 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था 3.75 ट्रिलियन डॉलर के पार जा चुकी है। आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हाल ही में आई Goldman Sachs की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2075 तक अमेरिका को पीछे कर के दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
साक्षरता दर में बढ़ोतरी
अपने शासन में भारत को काफी कुछ देने वाले अंग्रेजों के दावे के उलट भारत जब आजाद हुआ तब अशिक्षा चरम पर थी। देश की साक्षरता दर 1947 में 12 प्रतिशत हुआ करती थी। वहीं, आज 2023 में भारत की साक्षरता दर 74 प्रतिशत पहुंच चुकी है। देशभर में आईआईटी, आईआईएम और शिक्षा क्षेत्रों में आई क्रांति के कारण आज भारत के छात्र दुनिया भर में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रहे है। गूगल समेत दुनिया की विभिन्न दिग्गज कंपनियों में भारतीय मूल के लोग लीडरशीप संभाल रहे हैं। अब अन्य देश भी भारत से अपने यहां आईआईटी की ब्रांच खोलने का अनुरोध कर रहे है।
अनाज उत्पादन में अव्वल
भारत जब आजाद हुआ तब देश में अकाल एक भीषण समस्या थी। एक कृषि प्रधान देश ही अनाज की समस्या से जूझ रहा था। स्थिति ऐसी थी की विदेशों में जानवरों को खिलाया जाने वाला गेंहू भारत को निर्यात किया जाता था। हालांकि, 1970-80 दशक में हरित क्रांति के आगमन ने देश के हालात को बदल के रख दिया। आज भारत गेंहू, चावल, और मोटे अनाज के उत्पादन में दुनिया के सबसे अग्रणी देशों में शामिल है। हमारे यहां अनाज हमेशा सरप्लस में तो होता ही है साथ ही हम निर्यात के अलावा अफगानिस्तान, सीरिया जैसे संकटग्रस्त देशों के लोगों की मदद भी कर रहे हैं।
भारत सैन्य महाशक्ति
कभी अंग्रेजों का गुलाम रहा भारत आज सैन्य मोर्चे पर दुनिया की महाशक्ति बन चुका है। ग्लोबल फायर पॉवर इंडेक्स के मुताबिक, भारत की सेना अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना मानी जाती है। ब्रिटेन-फ्रांस जैसे देश आज भारत से कहीं पीछे छूट चुके हैं। देश सैन्य बेड़े में तमाम आधुनिक मिसाइल और विमान से लेकर हथियार तक मौजूद है। 21वीं सदी शुरू होने से पहले ही भारत परमाणु शक्ति संपन्न देश भी बन गया था। इसके अलावा आज बंदूक, टैंक और लड़ाकू विमान जैसे अनेक युद्धक सामान देश में ही बनाए जा रहे हैं।
ये भी पढ़ें- Independence Day 2023: कब अपनाया गया देश का तिरंगा? हर रंग का एक खास अर्थ, यहां जानें सबकुछ
ये भी पढ़ें- 'पूरे विश्व को प्रकाश देने के लिए भारत स्वतंत्र हुआ', बेंगलुरु में झंडा फहराने के बाद बोले मोहन भागवत