Explainer: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में क्या 2.40 लाख फ्लैट की रजिस्ट्री जल्द होगी शुरू? प्रॉपर्टी एक्सपर्ट उठा रहे ये सवाल
करीब चार महीने पहले समिति बनी थी। समिति ने डेवलपर्स की खराब वित्तीय हालत को देखते हुए अपनी संस्तुतियां दी थी। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। सिफारिशें उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई थी। सरकार ने गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को सिफारिशें भेजी था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधूरे पड़े 2.40 लाख घरों की रजिस्ट्रकी की मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले से 10 सालों से इंतजार कर रहे लाखों होम बायर्स के चेहरे खिले हुए हैं। लंबे इंतजार के बाद उम्मीद जगी है कि उनके घर की चाबी जल्द मिल जाएगी। हालांकि, प्रॉपर्टी क्षेत्र के विशेषज्ञों की माने तो अभी भी कई पेच फंसे हुए हैं। जब तक उनके जवाब नहीं मिल जाते हैं, रजिस्ट्री का रास्ता साफ नहीं होगा। घर खरीदारों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
योगी सरकार ने क्या दिया है फैसला
योगी सरकार ने घर खरीदारों के हित को ध्यान में रखते हुए बिल्डरों को बड़ी राहत दी है। यूपी कैबिनेट ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिश मानते हुए 1 अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक कोरोना से प्रभावित कालखंड को जीरो पीरियड मानते हुए बिल्डरों को इस अवधि में ब्याज में छूट देने का फैसला लिया है। इसके साथ कैबिनेट ने अमिताभ कांत समिति की एक और सिफारिश पर मुहर लगाई है। समिति ने सिफारिश की अगर आवंटी ने पूरा पैसा जमा कर दिया है और उसे कब्जा नहीं मिला है तो उसे मकान का कब्जा दिलाकर उसकी रजिस्ट्री कराई जाए। यदि होम बायर्स मकान में रह रहा है और उसकी रजिस्ट्री नहीं हुई है तो उसकी रजिस्ट्री कराई जाए।
अथॉरिटी का बकाया क्लियर हुए OC कैसे मिलेगा
रियल एस्टेट मामलों के विशेषज्ञ और होमेंट प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर प्रदीप के. मिश्रा ने इंडिया टीवी को बताया कि योगी सरकार ने होम बायर्स को राहत देने के लिए बड़ा फैसला किया है। हालांकि, इससे समस्या का फौरी तौर पर सामाधान होता नहीं दिखाई दे रहा है क्योंकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी का बिल्डरों पर हजारों करोड़ का बकाया है। जीरो पीरियड में ब्याज में मिली राहत के चलते बिल्डर पर वित्तीय बोझ थोड़ा कम होगा।
हालांकि, इसके बाद क्या गारंटी है कि बिल्डर बकाया का भुगतान कर देंगे? अथॉरिटी को बिल्डर पैसा कैसे चुकाएंगे। जब तक अथॉरिटी का पैसा नहीं मिलेगा तब तक occupancy certificate (OC) नहीं मिलेगा। अगर बिल्डर एक टावर की रजिस्ट्री कराना चाहता है तो उसके बकाये का भुगतान कैसे करेगा। साथ ही जिस प्रोजेक्ट का काम अधूरा है, उसमें रजिस्ट्री कैसी होगी। इतना ही नहीं, जीरो-पीरियड वेवर को डिफाइन कैसे किया जाएगा। ये तमाम सवाल है, जिसका जवाब अभी आना है। उसके बाद ही इस विकट समस्या का हल निकल सकता है।
चार साल पहने बनाई गई थी समिति
करीब चार महीने पहले समिति बनी थी। समिति ने डेवलपर्स की खराब वित्तीय हालत को देखते हुए अपनी संस्तुतियां दी थी। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। सिफारिशें उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई थी। सरकार ने गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को सिफारिशें भेजी था। प्राधिकरणों के बोर्ड ने सिफारिशों पर आंशिक आपत्तियां लगाकर सरकार को वापस भेजा था। अब योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के फ्लैट खरीदार करीब दस-दस वर्षों से फंसे हुए हैं। हर रोज नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदार प्रदर्शन करते हैं। नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था।
क्या कहते हैं रियल एस्टेट डेवलपर्स
अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि योगी सरकार की ओर से डेवलपर्स को जीरो पीरियड का लाभ देने से रियल एस्टेट और बिल्डरों को बड़ा फायदा मिलेगा। इस फैसले से डेवलपर्स पर अथॉरिटी की देनदारी कम होगी। देनदारी कम होने से वो अथॉरिटी का बकाया पैसा और रुके हुए प्रोजेक्ट का काम पूरा कर पाएंगे। इससे लंबे समय से रुकी हुई फ्लैट की रजिस्ट्री शुरू होगी। इससे न इस सेक्टर में एक और बड़ी तेजी लौटेगी बल्कि फाइनेंशियल प्रेशर भी कम होगा। इससे खरीदारों का विश्वास बढ़ेगा और वे निवेश की ओर कदम बढ़ाएंगे। इससे सीधे तौर पर देश को लाभ होगा और सेक्टर विकास में अपना योगदान देगा।
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने बताया कि साल 2023 रियल एस्टेट सेक्टर के लिए ऊर्जा भरा रहा है। ऐसे में अब अंत में आया सरकार का यह निर्णय न सिर्फ खरीददारों बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर और डेवलपर्स के लिए भी बेहतरीन है। सरकार के इस निर्णय से साबित कर दिया है कि हर आम आदमी के बारे में सोचकर ही निर्णय लिए जा रहे हैं। एनसीआर के दो लाख से अधिक घर खरीददारों को तो इसका लाभ होगा ही, साथ ही रियल एस्टेट में आने वाला समय बूम लेकर आएगा। निश्चित रूप से इस फैसले के बाद अब लाखों लोगों को पजेशन मिलने के साथ-साथ काफी सारे प्रोजेक्ट्स के नेट वर्थ पॉजिटिव होंगे। बैंकिंग संस्थानों से लोन लेना आसान होगा तो इसका लाभ संस्थान व लोगों को भी होगा। खरीददारों को घर मिलेगा और अथॉरिटीज को उनकी बकाया फीस मिलेगी। वहीं, रजिस्ट्री शुरु होने से सरकार को भी लाभ होगा। डेवलपर्स भी समय पर फ्लैट डिलीवरी दे सकेंगे। ऐसे में इस ऑर्डर का लाभ सभी पक्षों को होगा।
मिग्सन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर यश मिगलानी का कहना है कि सरकार का यह कदम पूरी तरह से लाखों लोगों के हित में है। लंबे समय से घर खरीदारों की रजिस्ट्री न होने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही थी। ऐसे में अब यह निर्णय न सिर्फ लोगों के लिए फायदेमंद होगा बल्कि रियल एस्टेट को और भी विश्वसनीय सेक्टर बना देगा। आने वाले समय में रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश बढ़ेगा और यह सेक्टर और तेजी से देश की जीडीपी को बढ़ाने में योगदान देगा।
सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर सेल्स और मार्केटिंग सलिल कुमार ने कहा यूपी कैबिनेट के इस कदम से न सिर्फ लाखों लोगों को इसका लाभ होगा बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी इसका फायदा मिलेगा। 4.12 लाख लोगों की रजिस्ट्री और पजेशन मिलने से उन्हें अपना आशियाना मिलेगा। इससे निवेशकों और खरीदारों का सेक्टर की ओर विश्वास बढ़ेगा और निवेश में तेजी आएगी। आने वाले समय में रियल एस्टेट सेक्टर देश के विकास में और अधिक योगदान देगा।
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ ने कहा कि डेवलपर्स के अनुरोध पर विचार करने और जीरो पीरियड पर ब्याज माफी के सरकार के निर्णय का हम स्वागत करते हैं। इस कदम से एनसीआर में रहने वाले 2.40 लाख घर खरीदारों को सीधा लाभ मिलेगा। जीरो पीरियड में ब्याज की छूट मिलने के बाद अब लोग अपने घरों की रजिस्ट्री करवा सकेंगे। यह निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बेहद पॉजिटिव है। सरकार ने सेक्टर से जुड़ी समस्याओं को पहचानते हुए उनके समाधान की ओर कदम बढ़ाया है इससे न सिर्फ फाइनेंशियल प्रेशर कम होगा बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती भी मिलेगी। इससे खरीदारों का विश्वास बढ़ेगा और वे निवेश की ओर कदम बढ़ाएंगे। इससे सीधे तौर पर देश को लाभ होगा और सेक्टर विकास में अपना योगदान देगा।