Explainer: क्या ओला इलेक्ट्रिक को भुगतना पड़ेगा शिकायतों की अनदेखी का बड़ा खामियाजा?
सीसीपीए ने कंपनी को 7 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया और जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। ओला की कार्यशैली का ही नतीजा है कि सीसीपीए ने अब इलेक्ट्रिक स्कूटरों से जुड़ी शिकायतों के बाद अब ओला कैब्स को भी आड़े हाथों ले लिया है।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक इन दिनों कई तरह की मुसीबतों का सामना कर रही है। दरअसल, इन मुसीबतों को खुद ओला इलेक्ट्रिक ने ही दावत दी थी। ओला का इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने वाले ग्राहक पिछले लंबे समय से कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे थे। ग्राहकों ने जब ओला से शिकायत की तो कंपनी ने उनकी शिकायतों पर ज्यादा गौर नहीं किया। पिछले एक साल में नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) ने 10,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कीं, जिन्हें लेकर ओला इलेक्ट्रिक ने काफी अनदेखी की। ओला इलेक्ट्रिक की यही अनदेखी अब कंपनी को काफी भारी पड़ रही है।
सीसीपीए को उठाना पड़ा सख्त कदम
ग्राहकों द्वारा दर्ज कराई जा रही शिकायतों की अनदेखी करने की वजह से ही केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) को कंपनी के खिलाफ सख्त कदम उठाना पड़ा। सीसीपीए ने कंपनी को 7 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया और जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। ओला की कार्यशैली का ही नतीजा है कि सीसीपीए ने अब इलेक्ट्रिक स्कूटरों से जुड़ी शिकायतों के बाद अब ओला कैब्स को भी आड़े हाथों ले लिया है। CCPA ने कैब सर्विस देने वाली कंपनी ओला को कंज्यूमर फ्रेंडली बदलाव लागू करने का निर्देश दिया है। इसमें रिफंड के ऑप्शन देना और ‘ऑटो राइड’ के लिए रसीदें देना शामिल है।
ओला इलेक्ट्रिक के मार्केट शेयर में लगातार गिरावट
चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में ओला इलेक्ट्रिक की 49 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो कंपनी का सर्वश्रेष्ठ था। लेकिन इसके बाद कंपनी के मार्केट शेयर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। जुलाई 2024 में कंपनी का मार्केट शेयर 39 प्रतिशत हो गया, फिर अगस्त में ओला इलेक्ट्रिक का मार्केट शेयर घटकर 31 प्रतिशत पर पहुंच गया। मार्केट शेयर में गिरावट का ये सिलसिला सितंबर में भी जारी रहा और सितंबर 2024 में कंपनी का मार्केट शेयर 31 प्रतिशत से घटकर 27 प्रतिशत पर आ गया। ऐसे में ओला इलेक्ट्रिक की राइवल कंपनियों जैसे- एथर, टीवीएस, बजाज और हीरो को भरपूर फायदा मिल रहा है।
नहीं मिल रहा त्योहारी मांग का फायदा
ओला इलेक्ट्रिक के ये आंकड़े इसलिए भी काफी चिंताजनक हैं क्योंकि 31 अक्टूबर को दीपावली है और मौजूदा अक्टूबर का महीना किसी भी ऑटोमोबाइल कंपनी के लिए काफी अहम है क्योंकि ये वही समय होता है जब किसी ऑटोमोबाइल कंपनी की सालाना बिक्री की 40 प्रतिशत बिक्री इस समय होती है। यानी जब ओला की बिक्री बढ़नी चाहिए थी, तब कंपनी की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। जिसकी वजह से न सिर्फ कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ेगा बल्कि इसके स्टेकहोल्डरों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
157 से 90 रुपये पर आया शेयरों का भाव
बताते चलें कि ओला इलेक्ट्रिक अभी हाल ही में शेयर बाजार में लिस्ट हुई है। ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ 2 अगस्त को खुला था और 6 अगस्त को बंद हुआ था। कंपनी ने अपने आईपीओ के तहत 76 रुपये के भाव पर शेयर अलॉट किए थे। कंपनी की लिस्टिंग 9 अगस्त को हुई थी और पहले ही दिन कंपनी के शेयरों में भारी-भरकम बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। एनएसई पर ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों ने 20 अगस्त को 157.40 रुपये का भाव टच कर लिया था। लेकिन उसके बाद से ही कंपनी के शेयरों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले शुक्रवार, 11 अक्टूबर को कंपनी के शेयर गिरावट के साथ 90.28 रुपये के भाव पर बंद हुए थे।
अब आगे क्या होगा
ओला इलेक्ट्रिक के लिए आने वाला समय काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जिस तरह कंपनी ने अभी तक अपने ग्राहकों की शिकायतों की अनदेखी की है, उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि कंपनी ने अपने मौजूदा ग्राहकों का भरोसा तो गंवाया ही है, इसके साथ ही इससे नए ग्राहकों के भरोसे पर भी बुरा असर पड़ेगा। ओला स्कूटरों को लेकर आ रही शिकायतों की वजह से नए ग्राहक, जो नया इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने का मन बना रहे हैं वे अब ओला के बजाए किसी दूसरी कंपनी के स्कूटर का रुख कर सकते हैं। ऐसे में कंपनी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ओला इलेक्ट्रिक को ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। कंपनी को न सिर्फ बेहतर प्रोडक्ट बनाने होंगे बल्कि ग्राहकों की शिकायत को गंभीरता से लेने के साथ ही तुरंत कार्यवाही भी शुरू करनी पड़ेगी।