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Hindi News Explainers Explainer: क्या हरियाणा कांग्रेस में खींचतान का फायदा उठा पाएगी बीजेपी? खुद किन मुद्दों से जूझ रही है पार्टी?

Explainer: क्या हरियाणा कांग्रेस में खींचतान का फायदा उठा पाएगी बीजेपी? खुद किन मुद्दों से जूझ रही है पार्टी?

हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी पंडितों का मानना है कि कांग्रेस और बीजेपी अपनी-अपनी चुनौतियों से जूझ रही हैं और जो पार्टी अपनी चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपट लेगी सूबे की सत्ता में उसके आने की संभावना बढ़ जाएगी।

Haryana Assembly Elections, Haryana Elections, Haryana Elections 2024- India TV Hindi Image Source : PTI FILE हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है।

नई दिल्ली: हरियाणा में इस बार के विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने जा रहे हैं। एक तरफ जहां बीजेपी एंटी-इंकम्बैंसी फैक्टर के साथ कई अन्य मुद्दों से जूझ रही है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में गुटबाजी हावी होती नजर आ रही है। कई सियासी पंडितों का मानना है कि बीजेपी के लिए यह चुनाव आसान नहीं होने जा रहा है तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे एक्सपर्ट भी हैं जो हरियाणा कांग्रेस में जारी वर्चस्व की जंग को पार्टी के लिए अच्छा नहीं मान रहे। यही वजह है कि हरियाणा में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।

कांग्रेस नेताओं में खींचतान क्यों?

यह बात अब पर्दे के बाहर आ चुकी है कि हरियाणा कांग्रेस में कम से कम 3 गुटों के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई है। एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूरे दमखम के साथ मैदान में जुटे हैं, तो दूसरी तरफ लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा और पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला भी दावेदारी में पीछे नहीं हैं। इन नेताओं के बीच हरियाणा कांग्रेस पर अपना अधिकार जमाने की होड़ पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में छाई रही है। हालांकि यह भी सच है कि चुनावों से पहले कांग्रेस अच्छी स्थिति में नजर आ रही है और उसके नेता आत्मविश्वास से भरे दिख रहे हैं। 

बीजेपी के सामने क्या हैं चुनौतियां?

भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो उसके लिए चुनौतियों की कमी नहीं है। सबसे पहले तो पार्टी को 10 साल की एंटी-इंकम्बैंसी की काट ढूंढ़नी होगी और उसके बाद भी किसानों से लेकर पहलवानों तक के मुद्दे मुंह बाए खड़े हैं। ‘अग्निवीर’ का मुद्दा भी हरियाणा की सियासत में खूब छाया हुआ है और अगर इस मुद्दे पर वोट पड़े तो बीजेपी को काफी घाटा हो सकता है। इसके अलावा टिकटों के बंटवारे के साथ ही कुछ जगह से अंसतुष्टियों की खबरें भी सामने आने लगी हैं जो कहीं से भी पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

लोकसभा चुनावों में क्या थे हालात?

लोकसभा चुनाव 2024 की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। हालांकि यह भी सच है कि 2019 के चुनावों में 10 की 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली BJP 2024 में 5 सीटों पर सिमट गई थी। वहीं, कांग्रेस की बात करें तो उसने 2019 के शून्य के मुकाबले 5 सीटों तक का सफर तय किया था। हरियाणा में वोट प्रतिशत के मामले में भी कांग्रेस को जबर्दस्त फायदा हुआ था और 2024 के चुनाव में उसे 47.61 फीसदी वोट मिले थे जो कि 2019 के मुकाबले 18.74 फीसदी ज्यादा थे। वहीं, बीजेपी 11.91 फीसदी वोट गंवाकर 46.11 फीसदी वोट शेयर पर सिमट गई थी।

क्या फायदा उठा पाएगी बीजेपी?

अब सवाल यह उठता है कि क्या हरियाणा कांग्रेस में जारी खींचतान का बीजेपी फायदा उठा पाएगी? एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाीजेपी को इसका फायदा जरूर हो सकता है लेकिन सिर्फ यही एक फैक्टर उसको सत्ता में दोबारा लाने में नाकाफी है। बीजेपी को अगर लगातार तीसरी बार हरियाणा की सत्ता में आना है तो उसे अपनी योजनाओं को बेहतर ढंग से जनता तक पहुंचाना होगा, मौजूदा मुद्दों की काट ढूंढ़नी होगी और टिकट बंटवारे में सावधानी बरतनी होगी। यानी कि बीजेपी को सिर्फ कांग्रेस में जारी गुजबाजी के सहारे न रहकर खुद भी कड़ी मेहनत करनी होगी, तभी वह हरियाणा में हैट्रिक लगा सकती है।