Explainer: हिजबुल्लाह कब और क्यों बना? इजरायल के मुकाबले यह कितना ताकतवर है? जानें पूरी कहानी
हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच लड़ाई का एक लंबा इतिहास रहा है और समय के साथ-साथ ये लड़ाई और भी भीषण होती दिखाई दे रही है।
Israel Vs Hezbollah: लेबनान में सोमवार को इजरायल के हमले में 490 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जिनमें 90 से अधिक महिलाएं एवं बच्चे हैं। 2006 में इजरायल-हिज्बुल्ला युद्ध के बाद यह सबसे भीषण हमला है। इजराइल की सेना ने हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने व्यापक हवाई हमले के तहत दक्षिणी एवं पूर्वी लेबनान के निवासियों को जगह खाली करने की चेतावनी दी थी। बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में इजरायल पर हमास के हमले और 1200 से ज्यादा इजरायलियो की मौत के बाद से ही पूरे इलाके में तनाव है। हिजबुल्लाह ने इजरायल पर रॉकेट भी दागे जिसके जवाब में अब इजरायल ने लेबनान पर खुलकर हमला बोल दिया है।
हिजबुल्लाह की उत्पत्ति कैसे हुई?
लेबनान के 1975 से 1990 तक चले गृहयुद्ध के दौरान ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने 1982 में हिजबुल्लाह की स्थापना की थी। इसको बनाने का मकसद ईरान की 1979 की इस्लामी क्रांति को आगे बढ़ाना और 1982 में लेबनान पर हमला करने वाली इजरायली सेना को कड़ी टक्कर देना था। आज हिजबुल्लाह काफी हद तक लेबनान की सरकार को कंट्रोल करता है और पूरे मिडिल ईस्ट में एक बड़ी मिलिट्री ताकत है। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों और सऊदी अरब सहित अन्य अरब देशों ने हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है। हिजबुल्लाह एक शिया समूह है और इस्लामी गणराज्य ईरान की विचारधारा को साझा करता है।
इजरायल के साथ ताजा लड़ाई कैसे शुरू हुई?
हिजबुल्लाह ईरान समर्थित 'Axis of Resistance' यानी कि प्रतिरोध की धुरी नाम के संगठन का हिस्सा है। इस संगठन में हमास भी है जिसने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला किया था और गाजा की लड़ाई शुरू हुई। फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए हिजबुल्लाह ने भी 8 अक्टूबर को इजरायल के बॉर्डर पर गोलीबारी की। आग में घी तब पड़ा जब हिजबुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कई वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइसेज में ब्लास्ट हो गया और इसका इल्जाम इजरायल पर आया। इजरायल के हमले में हिजबुल्लाह के एक कमांडर की मौत के बाद हालात और खराब हो गए और ताजा लड़ाई शुरू हो गई।
हिजबुल्लाह की सेना कितनी शक्तिशाली है?
लेबनान के गृहयुद्ध के बाद बाकी सबने तो हथियार रख दिए, लेकिन हिजबुल्लाह ने इजरायल से लोहा लेना जारी रखा। सालों तक चली जंग के बाद 2000 में इजरायल ने अपने कदम पीछे खींच लिए, जबकि हिजबुल्लाह अपने हथियारों के साथ डटा रहा। 2006 में इजरायल के साथ 5 हफ्ते तक चली लड़ाई के दौरान हिजबुल्लाह ने अपनी मिलिट्री ताकत खुलकर दिखाई। उस जंग में हिजबुल्लाह ने इजरायल पर हजारों रॉकेट छोड़े जिसमें 158 इजरायलियों की मौत हुई। वहीं, लेबनान में 1200 लोग मारे गए थे।
2006 के बाद हिजबुल्लाह की सैन्य शक्ति काफी तेजी से बढ़ी है और उसका कहना है कि उसके रॉकेट इजरायल के सभी हिस्सों पर हमला कर सकते हैं। आतंकी संगठन ने यह भी कहा है कि उसके पास सटीक लक्ष्य पर हमला करने वाली मिसाइलें भी हैं। गाजा की लड़ाई के दौरान हिजबुल्लाह ने यह भी कहा कि उसने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया। यह एक ऐसा हथियार है जिसके बारे में माना जाता था कि ये हिजबुल्लाह के पास है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी।
इजरायल के साथ लड़ाई में हिजबुल्लाह ने अपने दुश्मन पर विस्फोटक ड्रोन से भी हमला किया है। हिजबुल्लाह के नेता सैय्यद हसन नसरल्लाह ने कहा है कि ग्रुप में एक लाख लड़ाके हैं। यू.एस. सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी की वर्ल्ड फैक्टबुक के मुताबिक, 2022 में हिजबुल्लाह के पास 45,000 लड़ाके होने का अनुमान है, जिनमें से लगभग 20,000 परमानेंट हैं जबकि बाकी के 25,000 रिजर्व में रहते हैं।
इजरायल भी मानता है हिजबुल्लाह की ताकत
इजराइल का भी अनुमान है कि हिजबुल्लाह के पास लगभग 1.5 लाख रॉकेट और मिसाइलें हैं, जिनमें ‘गाइडेड मिसाइलें’ और लंबी दूरी के प्रक्षेपास्त्र शामिल हैं। ये मिसाइलें इजराइल में कहीं भी हमला करने में सक्षम हैं। हालांकि इजरायल के सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि सेना इजरायल के साथ लेबनान की सीमा से हिज्बुल्ला को खदेड़ने के लिए ‘जो भी जरूरी होगा’ वह करेगी। उन्होंने कहा कि वह युद्ध नहीं चाहते हैं लेकिन साथ ही यह भी कहा कि हिजबुल्लाह ने पिछले अक्टूबर से इजरायल को निशाना बनाकर लगभग 9,000 रॉकेट और ड्रोन से हमले किए हैं, जिनमें अकेले सोमवार को 250 रॉकेट और ड्रोन दागे गए।