Explainer: महाराष्ट्र चुनावों के लिए क्या है RSS की रणनीति? संघ के 36 सहयोगी संगठन क्यों हुए सक्रिय?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन के लिए RSS और उसके सहयोगी संगठनों ने कमर कस ली है और घर-घर जाकर पार्टी की बातों को मतदाताओं के बीच पहुंचा रहे हैं।
Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार BJP के नेतृत्व वाली महायुति और कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है। इन कठिन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की मदद करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कमर कस ली है। RSS ने अपने 36 सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर बीजेपी को जीत दिलाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है और इसलिए लोगों के बीच अहम मुद्दों को लगातार उठा रहा है।
छोटी-छोटी टोलियां कर रहीं लोगों को ‘जागरूक’
RSS ने अपने सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर मैदान में अपनी छोटी-छोटी टोलियां उतार दी हैं। संघ से जुड़े संगठन जैसे कि विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, मजदूर संघ, किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राष्ट्र सेविका समिति, दुर्गा शक्ति जैसे संगठनों के कार्यकर्ता ‘जागरण मंच’ के बैनर के तहत घर-घर प्रचार कर रहे हैं। ये संगठन भूमि जिहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण, पथराव, दंगा, भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर लोगों को जागरूक कर रहे हैं और लोगों से 100 फीसदी मतदान की अपील कर रहे हैं ताकि भूमि जिहाद, लव जिहाद जैसे मुद्दों पर अंकुश लगाने वाली सरकार को चुना जा सके। RSS ने रणनीति के तहत लोगों को ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के मंत्र को याद रखकर मतदान करने को कहा है।
‘बंटेंगे तो कटेंगे के मंत्र को याद रखकर वोट करें’
लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए रोज सुबह और शाम को क्षेत्र के अनुसार एक स्थान पर 10 से 15 कार्यकर्ताओं की टोली एकत्र होती है। यह टोली 2 से 3 भागों में प्रचार अभियान कि बैठकों को गति देती है। बता दें कि लगभग 150 से 175 टोलिया इन दिनों लोक जागरण मंच के तहत कार्य कर रही है। पूरे महाराष्ट्र में इसी तरीके से छोटी-छोटी टोलियों में प्रचार किया जा रहा है। बता दें कि लोकसभा में महाराष्ट्र में बीजेपी एवं महायुती की करारी हार हुई थी जिसके बाद संघ ने लोक जागरण मंच के तहत बड़ी जिम्मेदारी उठाई है। माना जा रहा है कि संघ की इस कवायद से महाराष्ट्र के कई इलाकों में बीजेपी और महायुति को फायदा हो सकता है।
चुनाव प्रचार के पैंफलेट पर लिखी हैं ये बातें
RSS एवं सहयोगी संगठनों की टोलियों के सदस्य अपने हाथों में एक पैंफलेट लिए रहते हैं जो अपने आप में बेहद खास है। इस पैंफलेट पर ‘अपना महाराष्ट्र, श्रेष्ठ महाराष्ट्र’ लिखा है। इस पर एक तरफ महाराष्ट्र की भगवा रंग की तस्वीर बनी है तो दूसरी तरफ शिवाजी महाराज की तस्वीर बनी है। पैंफलेट के ऊपर लिखा है, ‘अपना महाराष्ट्र, श्रेष्ठ महाराष्ट्र। यह राज्य स्थापित हो यह ईश्वर की इच्छा है। छत्रपति शिवाजी महाराज के इस संकल्प को याद करें। आइये मतदान करें और हिंदवी स्वराज्य बनाएं। दुष्प्रचार भ्रम में न पड़कर समग्र विकास, स्वजनों की सुरक्षा और देश हित के लिए 100 फीसदी मतदान करें।’
पैंफलेट पर कुछ अन्य बातें भी लिखी हैं, जैसे:
- वे कौन हैं जो समाज में गुट बनाते हैं। देवी-देवताओं, संतों-महापुरुषों का अपमान करते हैं। उन्हें पहचानें। हम जाति, पंथ, भाषा, विचारधारा से परे महाराष्ट्र की एकता और हितों की रक्षा करें, आओ मतदान करें।
- भूमि जिहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण, पथराव, दंगा, भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न पर अंकुश लगाने वाली सरकार चुनें। आओ मतदान करें।
- आइए, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ इस मंत्र को याद रखें। धुले लोकसभा क्षेत्र के नतीजे से सबक लें। आओ हम सब वोट डालने चलें।
- संविधान, आरक्षण, अनुसूचित जाति, जनजाति के बारे में गलतफहमियां फैलाकर, भ्रम पैदा करनेवालों की पहचान करें। आओ मतदान करें।
- अपनी भारतीय विचारधारा और अपनी अस्मिता को तिलांजलि देने वाले को अच्छा सबक सिखाएं। आओ मतदान करें।
- विश्व पटेल पर भारत की आन, बान, शान बढ़ाने वालों व भारत की बदनामी करने वालों की बीच के अंतर को समझें। आओ मतदान करें।
बता दें कि इन्हीं बिंदुओं को लेकर RSS और उसके सहयोगी संगठन घर-घर जा रहे हैं और लोगों को अपने विषय समझाकर उन्हें वोट देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। लोकसभा में महाराष्ट्र में परिणाम मन-मुताबिक न आने के बाद संघ एवं सहयोगी संगठनों ने अपने स्तर पर भी प्रचार शुरू कर दिया है। वहीं, चुनाव से पहले पूरे महाराष्ट्र में संघ ने बीजेपी के साथ कई समन्व्य बैठक की। सियासी पंडितों का मानना है कि बीजेपी और महायुति को RSS की इस रणनीति से चुनावों में काफी फायदा मिल सकता है।