Explainer: 'टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन' क्या हैं, कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं; जानें कैसे परमाणु बम से हैं अलग
रूस ने पहली बार सार्वजनिक रूप से सामरिक परमाणु हथियारों के साथ सैन्य अभ्यास का ऐलान किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि सामरिक परमाणु हथियार कितने शक्तिशाली होते हैं और कितनी तबाही मचा सकते हैं।
Russia Tactical Nuclear Weapons: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। रूस को इस बात की उम्मीद रही होगी कि वह यूक्रेन पर जल्द और आसानी से अपना प्रभुत्व स्थापित कर लेगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। यूक्रेन को अमेरिका समेत कई देशों से मिल रही मदद रूस के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। युद्ध के बीच कई बार इस तरह की खबरें भी आईं कि रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला कर सकता है, लेकिन ऐसी नौबत आई नहीं। मौजूदा वक्त में रूस ने अब जिस तरह का कदम उठाया है उससे दुनियाभर के देशों की धड़कनें जरूर बढ़ने वाली हैं।
रूस की योजना
रूस ने साफ कर दिया है कि वह सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर सैन्य अभ्यास करने की योजना बना रहा है। यह पहली बार है जब रूस ने सार्वजनिक रूप से सामरिक परमाणु हथियारों के साथ सैन्य अभ्यास की घोषणा की है। आखिर रूस ने ऐसा किया क्यों, रूस के इस कदम का यूक्रेन के साथ जंग पर असर क्या पड़ेगा, सामरिक परमाणु हथियार या टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन होते क्या हैं, दुनिया में किस देश के पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। तो चलिए आपके इन्हीं सवालों का जवाब हम इस रिपोर्ट में देते हैं।
सामरिक परमाणु हथियार हैं क्या
सामरिक परमाणु हथियार जंग के मैदान में इस्तेमाल होने वाले दूसरे हथियारों की तरह नही होते हैं। यह परमाणु हथियारों छोटे होते हैं। इन हथियारों को युद्ध के मैदान में उपयोग करने के लिए तैयार किया जाता है। सामरिक परमाणु हथियारों में हवाई बम, कम दूरी की मिसाइलों के लिए हथियार और तोपखाने के हथियार भी शामिल होते हैं। इन्हें सैन्य वाहनों से भी दागा जा सकता है। टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन उन रणनीतिक हथियारों की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं, जो पूरे शहर को नष्ट करने का क्षमता रखते हैं। ये बड़े पैमाने पर रेडियोधर्मी प्रभाव पैदा किए बिना दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। सबसे छोटे सामरिक परमाणु हथियार एक किलोटन या उससे कम हो सकते हैं। सबसे बड़े 100 किलोटन तक बड़े हो सकते हैं। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि हिरोशिमा में जो परमाणु बम गिराया गया था वह 15 किलोटन (15 हजार टन टीएनटी के बराबर ) की क्षमता का था।
रूस ने क्यों उठाया कदम
सामरिक परमाणु हथियारों की बात के बाद अब यह समझना जरूरी है कि आखिर रूस ने यूक्रेन से जंग के बीच क्यों टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के साथ सैन्य अभ्यास की योजना बनाई है। असल में देखने वाली बात यह भी है कि रूस ने इस तरह का कदम तब उठाया है जब कुछ दिन पहले ही पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर मॉस्को के खिलाफ बयानबाजी की थी। इसी को लेकर रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यह अभ्यास ‘‘रूस के संबंध में कुछ पश्चिमी देशों के अधिकारियों के भड़काऊ बयानों और धमकियों’’ के जवाब में है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में कहा था वह यूक्रेन में सेना भेजने के विचार से इनकार नहीं कर रहे हैं। वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने कहा था कि कीव की सेना रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए ब्रिटेन के लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग कर सकेगी।
किसने किया सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण
यहां यह भी बता दें कि, सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण करने का रिकॉर्ड रूस के पास है। रूस ने 30 अक्टूबर 1949 को 50 टन वजनी परमाणु हथियार का परीक्षण किया था। अब तक दुनिया के सभी देशों ने मिलकर करीब 2000 परमाणु परीक्षण किए हैं। इनमें अकेले अमेरिकी ने 1000 से अधिक टेस्ट किए हैं। जबकि रूस करीब 725 परमाणु परीक्षण कर चुका है। अमेरिका ने अपना पहला परमाणु परीक्षण 16 जुलाई 1945 को किया था, यह 20 टन वजनी था। 6 अगस्त 1945 को अमरिका ने जापान के दो शहरों पर परमाणु बम गिराकर उन्हें तहस-नहस कर दिया था।
परमाणु हमला हुआ तो क्या होगा?
परमाणु हथियार कितने खतरनाक होते हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर किसी भी देश ने परमाणु बम का इस्तेमाल किया तो सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। ना सिर्फ इंसान…जानवर, प्रकृति सबकुछ खत्म। दूसरे विश्व युद्ध के जख्म आज भी जापान नहीं भूला है। अब दुनिया के कई देशों के पास जापान में गिराए गए परमाणु बम से भी कई गुना शक्तिशाली बम हैं। अगर किसी ने इनका इस्तेमाल किया तो इसके बाद जो होगा उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है।
किसके पास कितने हथियार
परमाणु हथियारों की संख्या में रूस दुनिया का सबसे ताकतवर देश है। इसके बाद अमेरिका, फ्रांस और चीन का नंबर आता है। रूस के पास 5889, अमेरिका के पास 5244, चीन के पास 500, फ्रांस के पास 290, यूके 225 न्यूक्लियर हथियार हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के पास 170 और भारत के पास 164 परमाणु हथियार हैं। इजराइल के पास 90 और उत्तर कोरिया के पास 30 परमाणु हथियार हैं।
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