Explainer: दिल्ली में अब आतिशी की सरकार, केजरीवाल के कार्यकाल से कितना अलग है ये सियासी बदलाव?
दिल्ली में आतिशी की सरकार है। जो साल 2020 में बनी केजरीवाल की सरकार से काफी मायनों में अलग है। यहां जानिए कि इस सरकार और केजरीवाल की साल 2020 की सरकार में क्या अंतर है।
नई दिल्ली: दिल्ली की सियासत बदल चुकी हैं। केजरीवाल इस्तीफा दे चुके हैं और उन्हीं की पार्टी की नेता आतिशी, दिल्ली की सीएम बन चुकी हैं। आतिशी ने 5 मंत्रियों के साथ रविवार को दिल्ली के सीएम पद की शपथ ली थी। ऐसे में ये समझना जरूरी है कि आतिशी की सरकार और पूर्व में केजरीवाल सरकार में क्या बदल गया है। ये बदलाव क्षेत्र, जाति और अनुभव समेत तमाम चीजों से जुड़ा हुआ है।
बड़े नेता मंत्रिमंडल से गायब
केजरीवाल सरकार में आप के बड़े चेहरे (केजरीवाल, सिसोदिया और सत्येंद्र जैन) हर जगह दिखते थे। फिर चाहें वो पार्टी का कार्यक्रम हो या सरकारी, इन नेताओं के बिना आप अधूरी मानी जाती थी। लेकिन आतिशी की सरकार में ये तीनों ही चेहरे गायब हैं। इन चर्चित चेहरों की जगह सौरभ भारद्वाज और मुकेश अहलावत जैसे नेताओं ने ले ली है।
विधायकों को मंत्री पद जल्दी मिला
आतिशी की कैबिनेट में कुल 5 मंत्रियों में से 4 ऐसे हैं, जो एक से ज्यादा बार विधायक रहे हैं। अगर आतिशी को भी जोड़ें तो वह भी पहली बार की विधायक हैं और सीएम भी हैं। वहीं साल 2020 की केजरीवाल की सरकार में एक भी मंत्री ऐसा नहीं था, जो पहली बार का विधायक हो।
जातिवार आंकड़ा भी बदला
2020 में केजरीवाल सरकार में एक सीएम और 6 मंत्री थे, जिसमें केजरीवाल वैश्य, सत्येंद्र जैन वैश्य, मनीष सिसोदिया राजपूत, राजेंद्र पाल गौतम दलित, गोपाय राय भूमिहार, कैलाश गहलोत जाट और इमरान हुसैन मुस्लिम थे। वहीं आतिशी सरकार में राजपूत सीएम है। सौरभ भारद्वाज ब्राह्मण, मुकेश अहलावत दलित, कैलाश गहलोत जाट, गोपाल राय भूमिहार और इमरान हुसैन मुस्लिम हैं।
2020 और 2024 में मंत्रियों की संख्या घटी, क्षेत्र भी बदले
केजरीवाल जब साल 2020 में सीएम बने थे तो उन्होंने 6 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। इन मंत्रियों में मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोत, राजेंद्र पाल गौतम और इमरान हुसैन थे। वहीं जब आतिशी ने सीएम पद की शपथ ली तो उनके साथ 5 मंत्रियों ने शपथ ली। आतिशी ने गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत के साथ शपथ ली।
पिछली सरकार में शहादरा से 2 विधायक (राजेंद्र पाल गौतम और गोपाल राय) मंत्री थे, जबकि आतिशी सरकार में शहादरा से सिर्फ एक मंत्री है। ईस्ट और नॉर्थ दिल्ली से आतिशी की सरकार में कोई मंत्री नहीं है, जबकि केजरीवाल सरकार में नॉर्थ दिल्ली से सत्येंद्र जैन थे।