Explainer: PM मोदी की ‘10 फीसदी’ वाली रणनीति से 2024 का रण जीतेगी BJP? जानें क्या है यह स्ट्रैटिजी
बीजेपी की तैयारियों को देखकर लगता है कि पार्टी के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने के लक्ष्य को गंभीरता से ले रहे हैं।
नई दिल्ली: लोकसभा का चुनाव होने में अब कुछ ही महीने बाकी हैं और सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। तमाम तरह के ओपिनियन पोल तो अब तक बीजेपी को ही 2024 का सबसे प्रबल दावेदार बता रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि पार्टी जरा भी रिलैक्स करने के मूड में नहीं है। BJP की नजरें 2024 के लोकसभा चुनाव में 'भारी' जीत हासिल करने पर टिकी हैं और इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संगठन के प्रमुख नेताओं से पार्टी का वोट प्रतिशत 10 प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में काम करने को कहा है।
...कि विपक्ष स्तब्ध हो जाए: अमित शाह
सूत्रों ने बताया कि शनिवार को 2 दिन तक चले मंथन बैठक के समापन के दिन बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों और प्रदेश अध्यक्षों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पार्टी का प्रदर्शन ऐसा होना चाहिए कि विपक्ष 'स्तब्ध' हो जाए। वहीं, विपक्षी गठबंधन 'I.N.D.I.A.' और BJP के बीच सीधी लड़ाई की संभावना को देखते हुए PM मोदी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से आगामी लोकसभा चुनाव में 2019 के चुनावों की तुलना में BJP के वोट प्रतिशत में 10 फीसदी की वृद्धि करने का आह्वान किया। अगर ऐसा होता है तो BJP को रोकना विपक्षी दलों के लिए नामुमकिन हो जाएगा।
10 फीसदी ज्यादा वोट क्यों बना देंगे अजेय?
दरअसल, साल 2019 के चुनाव में BJP को 37 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे जबकि उसके नेतृत्व वाले NDA को करीब 45 प्रतिशत वोट मिले थे। ऐसे में अगर BJP 10 फीसदी के आसपास वोट जोड़ने में कामयाब हुई तो पार्टी खुद 45-47 फीसदी के वोट शेयर तक पहुंच जाएगी जबकि गठबंधन आसानी से 50 फीसदी का आंकड़ा पार कर लेगा। ऐसे में विपक्ष के लिए BJP की चुनौती से पार पाना असंभव हो जाएगा। साल 2014 में केंद्र में सत्ता में आने के बाद से BJP ने विधानसभा चुनावों में अपने वोट प्रतिशत को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश की है और कुछ चुनावों में उसे कामयाबी भी मिली है।
अमित शाह ने किया एमपी के चुनावों का जिक्र
मंथन बैठक में शाह ने हाल ही में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में BJP के प्रदर्शन का जिक्र किया था और 50 फीसदी वोट हासिल करने के लक्ष्य के लिए राज्य संगठन की सराहना की। सूत्रों ने बताया कि मोदी की तरह शाह ने भी चुनावों में संगठन की प्रमुखता को रेखांकित किया और कहा कि पार्टी को इतनी 'भारी' जीत मिलनी चाहिए कि विपक्ष उसे चुनौती देने से पहले कई बार सोचे। बता दें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस से राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सत्ता छीन ली थी जबकि मध्य प्रदेश में अपना वर्चस्व जारी रखा था।
‘चार जातियों’ के बीच पैठ बनाने की कोशिश
प्रधानमंत्री ने मंथन बैठक में महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों तक पहुंचने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिन्हें वह अक्सर 4 सबसे बड़ी 'जातियां' बताते रहे हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि वे अधिक से अधिक संख्या में इन लोगों को 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' से जोड़ें, जिसका उद्देश्य उनकी सरकार की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं को शत प्रतिशत पूरा करना है। यानी कि बीजेपी की रणनीति इन 4 ‘जातियों’ में पैठ बनाने की भी है, और यदि वह इसमें कामयाब हो गई तो विपक्ष के लिए चुनौती गंभीर होने वाली है। माना जा रहा है कि पार्टी आने वाले दिनों में इन वर्गों को जोड़ने के लिए और कड़ी मेहनत करेगी।
2019 से भी बड़ी जीत चाहती है बीजेपी
सूत्रों का कहना है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने जीत के लिए सीट संख्या का कोई विशेष लक्ष्य तो निर्धारित नहीं किया है, लेकिन ऐसी जीत सुनिश्चित करने पर जोर दिया है जो 2019 के प्रदर्शन से बड़ी हो। BJP ने पिछले आम चुनावों में 543 सदस्यीय लोकसभा की 303 सीटें जीती थीं और 1984 के चुनावों के बाद ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी एक पार्टी ने खुद के दम पर 300 से ज्यादा सीटें जुटाई हों। पार्टी की तैयारी और नेतृत्व के बयानों को देखकर लग रहा है कि BJP पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। (भाषा से इनपुट्स के साथ)