Explainer: ऑल टाइम हाई पर पहुंचा Gold, जानें उछाल की असली वजह? साथ ही समझें फायदे और नुकसान
सोने को मुश्किल समय का साथी कहा जाता है। सोने को सबसे सुरक्षित इंश्योरेंस भी कहा जाता है। यह किसी भी समय कैश होने वाली कमोडिटी है। इसलिए लोगों के बीच सोना पहली पसंद है।
दुनियाभर में धन और समृद्धि का प्रतीक सोना, प्राचीन काल से ही लोगों को लुभाता रहा है। भारत में तो इसका विशेष महत्व है। कोई भी प्रमुख त्योहार या शादी हो, उपहार के रूप में सोने और सोने के आभूषणों के बिना पूरा नहीं होता है। इतना ही नहीं, 'सुरक्षित संपत्ति' के रूप में सोने की अलग पहचान है। कोरोना महामारी के समय लाखों लोगों को बुरे वक्त में सोने ने ही सहारा दिया था।
हालांकि, पिछले कुछ साल में सोने की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल आया है। बीते 7 साल में ही सोने का भाव डबल से अधिक बढ़ गया है। आगे भी कीमत में तेजी जारी रहने की संभावना जताई जा रही है। सोने की कीमत रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने से कई लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि ऐसा क्या हुआ की कीमत इस तेजी बढ़ रही है। आइए, हम आपको बताते हैं कि क्यों कीमत इतनी तेजी से बढ़ रही है? साथ ही इसके फायदे और नुकसान क्या होंगे?
इस साल कहां तक जा सकता है सोना
गोल्ड एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिस तेजी से सोने का भाव चढ़ रहा है, वैसे में इस साल दिवाली तक इसकी कीमत 72000 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच सकता है। ग्लोबल एक्सपर्ट का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना जल्द ही 2350-2400 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाएगा। चांदी में और तेजी आ सकती है। इसका असर भारत में भी निश्चित तौर पर होगा। यहां भी कीमत बढ़ेगी।
सोने की कीमत बढ़ने के फायदे
सोने की कीमत बढ़ने के फायदे लाखों लोगों को मिला है, जिनके पास पहले से सोना पड़ा हुआ है। अगर किसी ने 5 साल पहले सोने में निवेश किया था जो उसका पैसा करीब दोगुना हो गया है। वहीं, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड ईटीएफ, सोने के सिक्के या गहने खरीदने वालों को भी इस बढ़ी कीमत का फायदा हुआ है। एक जो और फायदा मिला है कि अब सोने पर गोल्ड लोन अधिक मिल पाएगा। कीमत बढ़ने से बैंक या एनबीएफसी अधिक लोन देने में सक्षम होंगे।
पीली धातु की कीमत में उछाल से नुकसान
नुकसान की बात करें तो बहुत सारे लोग चाह कर भी सोना नहीं खरीद पा रहे हैं। शादियों के सीजन होने के कारण जो लोग सोना खरीदेंगे उनका बजट बढ़ जाएगा। यह आर्थिक बोझ बढ़ाएगा। सोने की कीमत में उछाल से ज्वैलरी कारोबार भी प्रभावित होगा। यह ज्वैलरी की मांग कम करने का काम करेगा।
2020 के बाद सोने ने पकड़ी रफ्तार
सोने की कीमत में अगर तेजी का दौर देखें तो वह 2020 या कोरोना के समय शुरू हुआ। 2020 में कोरोना महामारी के कारण गोल्ड नई ऊंचाई पर पहुंच गया था। लॉकडाउन से अनिश्चितता और मंदी की आशंका ने सोने की चमक बढ़ाई। वह जो सिलसिला चल अब रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दुनियाभर में टेंशन बढ़ने से केंद्रीय बैंक भी बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी कर रहे हैं। इससे भी मांग तेजी से बढ़ी है, जिससे कीमत बढ़ रही है।
भारत में सोने से क्यों खास लगाव?
भारत में सोने के प्रति खास लगाव देखने को मिलता है। भारत में सोने को निवेश के माध्यम के रूप में भी अत्यधिक महत्व दिया जाता है। प्रत्येक परिवार अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा आभूषणों के अलावा सोने के सिक्कों या किसी न किसी रूप में रखता है। हालांकि, ऐसा नहीं कि सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सोने की ज्वेलरी काफी पंसद की जाती है। जून के महीने तक भारत में शादियों का सीजन है। इस दौरान जबरदस्त खरीदारी होगी। इसके चलते इस तीमाही में सोने की मांग में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।
संकट के समय क्यों पहली पसंद?
सोने को मुश्किल समय का साथी कहा जाता है। सोने को सबसे सुरक्षित इंश्योरेंस भी कहा जाता है। यह किसी भी समय कैश होने वाली कमोडिटी है। इसलिए लोगों के बीच सोना पहली पसंद है। आपको बता दें कि दुनियाभर में जब मंदी का माहौल रहता है तो सोने-चांदी की कीमतों में तेजी आती है। सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। इसके चलते लोग सोना में निवेश करते हैं।वहीं अर्थव्यवस्था में तेजी होने पर सोने के दाम में गिरावट आती है। लोग सोने के बजाए म्यूचुअल फंड, शेयर मार्केट, बॉन्ड्स आदि में पैसा लगाते हैं।