Explainer: ड्राई डे दिल्ली की इकोनॉमी पर कितना डालता है असर, जानें शराब की बिक्री का योगदान और नियम
दिल्ली सरकार के उत्पाद शुल्क विभाग ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 27.6 करोड़ शराब की बोतलों की बिक्री के साथ 3,500 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है।
शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, यह संदेश आप कई जगह देखते हैं और सुनते भी हैं। लेकिन पीने वालों के लिए यह लाइन कोई मायने नहीं रखती हैं। यही वजह है कि शराब की बिक्री भी जोरदार रफ्तार में होती है। राष्ट्रीय राजधानी में शराब का कारोबार बहुत बड़ा है, क्योंकि पीने वालों की यहां तादाद बहुत बड़ी है। दिल्ली में शराब की बिक्री का असर व्यापक है, क्योंकि राजस्व में यह बड़ी भूमिका भी निभाती है। दिल्ली की इकोनॉमी पर शराब की बिक्री से काफी पैसा इनकम के तौर पर सरकार को मिलता है। दिल्ली में एक्साइज डिपार्टमेंट के मुताबिक, 634 दुकानें हैं। एक दिन ड्राई डे बड़ा असर डालता है। जैसे आज दिल्ली में गुरू तेग बहादुर की शहीदी दिवस के मौके पर ड्राई डे है।
ड्राई डे का क्या है मतलब
सरकार या प्रशासन की तरफ से किसी विशेष त्योहार या मौके पर जिस दिन के लिए पूरे शहर या राज्य में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाता है, वह दिन ड्राइ डे कहलाता है। इस दिन किसी भी सूरत में शराब की बिक्री नहीं हो सकती है। इसका पालन नहीं करने पर शराब दुकान के ओनर या वहां काम कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। दुकान का लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है।
दिल्ली में शराब की बिक्री
सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 62 करोड़ से ज्यादा शराब की बोतलें बेचकर 6,821 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था। इससे पहले दिल्ली सरकार ने 2021-22 में शराब की बिक्री पर उत्पाद शुल्क और वैट से 6,762 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था। हाल की बिक्री का ट्रेंड देखें तो हाल में बीती दिवाली के पखवाड़े में दिल्ली में 526 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई। दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के अपने बजट में कुल राज्य उत्पाद शुल्क संग्रह 7365 करोड़ रुपये 53565 करोड़ रुपये के टैक्स रेवेन्यू के राजस्व का लगभग 14 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है।
बिक्री का ट्रेंड
दिल्ली में गर्मियों के दौरान, बीयर, पर तुलनात्मक रूप से कम उत्पाद शुल्क लगता है, यही वजह है कि यह स्पिरिट की तुलना में अधिक बिकती है। यही वजह है कि वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही की तुलना में पहली छमाही में रेवेन्यू कलेक्शन हमेशा अपेक्षाकृत कम होता है, जब व्हिस्की ज्यादा बिकती है।
दिल्ली की इकोनॉमी पर असर कितना
सितंबर में TOI की एक खबर में कहा गया कि दिल्ली में हर दिन लगभग 18 लाख शराब की बोतलें बेची जाती हैं, जिससे 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की डेली इनकम होती है। दिल्ली का वर्ष 2023-24 के लिए कुल बजट 78 हजार 800 करोड़ का है। दिल्ली सरकार के उत्पाद शुल्क विभाग ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 27.6 करोड़ शराब की बोतलों की बिक्री के साथ 3,500 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है। दिल्ली सरकार ने अप्रैल-सितंबर 2023-24 में 3,588 करोड़ रुपये का रेवेन्यू अर्जित किया।
इस दौरान शराब व्यापार से हासिल राजस्व में उत्पाद शुल्क के रूप में 2,457 करोड़ रुपये और 27.6 करोड़ शराब की बोतलों की बिक्री पर मूल्य वर्धित कर यानी वैट के रूप में 1,131 करोड़ रुपये शामिल थे। ऐसे में रेवेन्यू के लिहाज से दिल्ली में शराब बिक्री का कितना महत्व है, इसे सहज ही समझा जा सकता है।