Explainer: UPS और NPS में किसे चुनें को लेकर है कन्फ्यूजन? यहां जानें किसे चुनना ज्यादा फायदेमंद
यूपीएस में रिटायरमेंट पर एकमुश्त (ग्रेच्युटी से अलग) राशि भी दी जाएगी। इसकी गणना कर्मचारी के हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के तौर पर किया जाएगा। यूपीएस में रिटायरमेंट के बाद पेंशन बढ़ने का भी प्रावधान है, जिसे इंडेक्सेशन से जोड़ा गया है। कुल मिलाकर सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस से कह
मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लेकर आई है। इसमें सरकार ने रिटायरमेंट पर फिक्स पेंशन का प्रावधान किया है। हालांकि, इस नई स्कीम को आने के बाद कर्मचारियों में इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि उनको नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बने रहना चाहिए यूपीएस में शिफ्ट होना चाहिए। वो इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि किस पेंशन स्कीम में ज्यादा फायदा मिलेगा। गौरतलब है कि सरकारी कर्मचारियों को पेंशन पाने के लिए यूपीएस और न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) में से किसी एक विकल्प को चुनना होगा। इस नई पेंशन स्कीम को 1 अप्रैल, 2025 से लागू किया जाएगा। ऐसे में अगर आप भी सरकारी कर्मचारी हैं और स्कीम को चुनने को लेकर कन्फ्यूजन में हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि किसे चुनना ज्यादा फायदेमंद होगा।
UPS, NPS, और OPS में क्या अंतर?
- UPS केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है। वहीं, एनपीएस सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए है। OPS भी सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए थी।
- UPSमें पिछले 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में दिया जाएगा। एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद कोई गारंटीड पेंशन का प्रावधान नहीं था, जबकि OPS में आखिरी बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाता था।
- UPS और OPS एक सुरक्षित स्कीम है। वहीं, NPS शेयर बाजार से लिंक है।
- UPS में एनपीएस की तरह ही वेतन का 10 प्रतिशत (बेसिक+डीए) कटेगा। हालांकि, इसमें सरकार का योगदान 18.5 प्रतिशत का होगा, जो कि पहले पहले 14 प्रतिशत था। ओपीएस में कोई कटौती नहीं होती थी।
- UPS में रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि का प्रावधान किया है, जिसका कैलकुलेशन कर्मचारी के हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के तौर पर किया जाएगा। वहीं, एनपीएस में कुल जमा राशि में से 60 प्रतिशत रिटायरमेंट पर एकमुश्त निकाली जा सकती थी और 40 प्रतिशत एन्युटी के लिए रखी जाती थी।
- UPS और OPS में पेंशन पाने के लिए कोई निवेश नहीं करना होता है, जबकि एनपीएस में फंड का 40 प्रतिशत पैसा निवेश करना पड़ता है।
- यूपीएस और OPS में पेंशन में इंडेक्सेशन का फायदा मिलता है, जबकि एनपीएस में ऐसा नहीं था।
- UPS में 10 साल नौकरी करने पर 10 हजार रुपये प्रति महीने की पेंशन का प्रावधान है। एनपीएस में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जबकि ओपीएस में 40 प्रतिशत पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए UPS चुनना ज्यादा फायदेमंद
जानकारों का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए अब UPS चुनना ज्यादा फायदेमंद हो गया है। इसमें केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों को फिक्स पेंशन दी जाएगी। सरकारी कर्मचारी के 25 साल नौकरी करने पर रिटायर होने के बाद उसकी पिछले 12 महीने की बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप दिया जाएगा। इसी स्कीम की खास बात यह है कि इसमें एश्योर्ड पेंशन का प्रावधान है। अगर कोई व्यक्ति 10 साल नौकरी करता है तो उसे कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन दी जाएगी। इसमें फैमिली पेंशन का भी प्रावधान है। अगर रिटायर के बाद कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत हिस्सा परिवारजनों को मिलेगा। यूपीएस में रिटायरमेंट पर एकमुश्त (ग्रेच्युटी से अलग) राशि भी दी जाएगी। इसकी गणना कर्मचारी के हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के तौर पर किया जाएगा। यूपीएस में रिटायरमेंट के बाद पेंशन बढ़ने का भी प्रावधान है, जिसे इंडेक्सेशन से जोड़ा गया है। कुल मिलाकर सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस से कहीं बेहतर यूपीएस है।
इनपुट: आईएएनएस