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Hindi News Explainers Explainer: ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर ने खुद को दिवालिया घोषित किया, 114 नोटिस जारी, सभी जरूरी खर्चों पर रोक

Explainer: ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर ने खुद को दिवालिया घोषित किया, 114 नोटिस जारी, सभी जरूरी खर्चों पर रोक

नगर परिषद के पास वैसी महिला सरकारी कर्मचारियों के समान वेतन दावों के लिए 760 मिलियन पाउंड ($955 मिलियन) का पेमेंट करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है, जिन्हें पहले पुरुषों के मुकाबले कम वेतन दिया जाता था।

 Birmingham City Council - India TV Hindi Image Source : REUTERS बर्मिंघम सिटी काउंसिल

विकसित देश की कैटेगरी वाले ब्रिटेन से एक हैरान करने वाली खबर आई है। वहां के दूसरे सबसे बड़े शहर बर्मिंघम (Birmingham city) ने खुद को दिवालिया घोषित कर लिया है. इस खबर से पूरे शहर में हड़कंप मच गया है। प्रशासन ने ऐसे हालात में 114 नोटिस जारी किए हैं और सभी जरूरी खर्चों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। ऐसा क्यों हुआ, इस पर लगातार चर्चा हो रही है। खबर के मुताबिक, एक समान वेतन का दावा इसके पीछे एक बड़ी वजह है. गार्डियन के हवाले से एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, नगर परिषद के पास वैसी महिला सरकारी कर्मचारियों के समान वेतन दावों के लिए 760 मिलियन पाउंड ($955 मिलियन) का पेमेंट करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है, जिन्हें पहले पुरुषों के मुकाबले कम वेतन दिया जाता था।

87 मिलियन पाउंड का हो सकता है घाटा

खबर के मुताबिक,बीते जून में, नगर परिषद ने यह बताया कि उसने महिला श्रमिकों को 1.1 बिलियन पाउंड का पेमेंट किया था, लेकिन अभी भी 650-750 मिलियन पाउंड की मौजूदा देनदारी थी, जो हर महीने 5 मिलियन पाउंड से 14 मिलियन पाउंड की दर से जमा हो रही थी। लेटेस्ट आंकड़े  बताते हैं कि बर्मिंघम (Birmingham) को अब वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 87 मिलियन पाउंड का घाटा हो सकता है। समान वेतन के भार को कम या खत्म करने के लिए फिलहाल कोई साधन नहीं आ रहा है। प्रशासन की तरफ से जारी नोटिस का मतलब है कि कमजोर लोगों और वैधानिक सेवाओं की सुरक्षा के अलावा सभी नए खर्च तुरंत बंद (Birmingham city bankrupt) होने चाहिए।

पुरुषों के समान लाभ और पेमेंट करने में विफल रहा प्रशासन

बर्मिंघम के दिवालियेपन के पीछे कई साल लग गए थे। बीबीसी का कहना है कि,  ये दावे 2012 के हैं, जब 170 महिलाओं के एक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में परिषद के खिलाफ समान वेतन के दावे के साथ आगे बढ़ने का अधिकार जीता था। दावा किया कि परिषद उन्हें समान कार्य करने वाले पुरुषों के समान लाभ और पेमेंट करने में विफल रही। महिलाओं के इस ग्रुप में टीचिंग असिस्टेंट, सफाईकर्मी और खानपान कर्मचारी शामिल थे। बताया जा रहा है कि परिषद ने अपनी वित्तीय परेशानियों के लिए ओरेकल द्वारा नए क्लाउड-आधारित आईटी सिस्टम के खर्च और सरकारों द्वारा सालों की फंडिंग में कटौती भी बड़ी वजह है।

आईटी सिस्टम की लागत लगातार बढ़ना भी कारण

रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी सिस्टम की लागत 19 मिलियन पाउंड होनी थी, लेकिन इसे सेट अप करने में तीन साल और लग गए. स्थापित होने के बाद समस्याओं के चलते अब इसकी लागत बढ़कर 100 मिलियन पाउंड होने की उम्मीद है। अन्य कारणों में महंगाई, सामाजिक देखभाल की बढ़ती मांग, इसके अलावा, मुद्रास्फीति, वयस्क सामाजिक देखभाल की बढ़ती मांग और बिजनेस टैक्स इनकम में भारी कटौती भी प्रमुख हैं.

भयंकर तूफान का सामना कर रही स्थानीय सरकार 

Birmingham काउंसिल के उपनेता शेरोन थॉम्पसन का कहना है कि स्थानीय सरकार भयंकर तूफान का सामना कर रही है। सरकार ने मुद्रास्फीति को देखते हुए पहले ही परिषद के लिए उसके बजट का लगभग 10 प्रतिशत अतिरिक्त धन मुहैया करा दिया था, लेकिन, यह स्थानीय रूप से निर्वाचित परिषदों के लिए है कि वे अपने स्वयं के बजट का प्रबंधन करें। बर्मिंघम सिटी काउंसिल के एक पूर्व सलाहकार ने बताया कि राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी बर्मिंघम के दिवालियापन के कारणों में से एक थी।