जबलपुर: हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला अभी थमा भी नहीं था कि इसकी चिंगारी मध्य प्रदेश तक पहुंच गई। सूबे के जबलपुर में स्थित रांझी मड़ई में विवादित स्थल पर बनी मस्जिद को लेकर जोरदार हंगामा हुआ है। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मस्जिद को तोड़ने की मांग कर रहे थे और इस मुद्दे पर जमकर नारेबाजी भी हुई। उनका कहना है कि इस मस्जिद का निर्माण मंदिर की जमीन पर किया गया है। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अपने दावे के समर्थन में सबूत भी दिखाए। लोगों के गुस्से को देखते हुए प्रशासन मौके पर पहुंचा और मस्जिद वाले इलाको को सील कर दिया गया।
हिंदू संगठनों ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
हिंदू संगठनों का कहना है कि दो हफ्तों से वे ज्ञापन देते आ रहे हैं कि जिस जमीन पर मस्जिद का निर्माण हो रहा है वह उनके नाम पर नहीं है, इसलिए शासन उसे अपने कब्जे में ले। उनका कहना है कि शासन अगर इसी समय इलाके को अपने कब्जे में लेगी तभी हम यहां से पीछे हटेंगे। बता दें कि हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मस्जिद के करीब जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। मामला इतना आगे बढ़ा कि इसी बात पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ हल्की झड़प हो गई।
मुस्लिम समुदाय ने आरोपों को बताया झूठा
दरअसल, यह पूरा विवाद मस्जिद के निर्माण को लेकर है। आरोप है कि ये मस्जिद गायत्री बाल मंदिर की जमीन पर बनाई जा रही है और इसके दस्तावेजी सबूत पेश करते हुए हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रोटेस्ट किया। हिंदू संगठन के लोगों ने अवैध मस्जिद को तोड़ने की आवाज बुलंद की तो मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग भी पहुंच गए और उनके आरोपों को झूठा बताया। मस्जिद के अवैध तरीके से निर्माण के सवाल पर मुस्लिम समुदाय का कहना है कि मामला कोर्ट में है जिसपर कोई भी फैसला नहीं आया है।
VHP और बजरंग दल ने किया बड़ा ऐलान
हालांकि जब हिंदू संगठनों ने दस्तावेज पेश कर मस्जिद निर्माण को लेकर कई सवाल खड़े किए तो जिले के आला अफसर समेत मौके पर पहुंची कई थानों के पुलिस ने मस्जिद के पहुंच मार्ग को सील कर दिया। पुलिस ने हिंदू संगठनों को भरोसा दिलाया कि मस्जिद के निर्माण की नए सिरे से जांच कराई जाएगी और दस्तावेजों का परीक्षण कर आगे की कार्रवाई होगी। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेताओं ने ऐलान किया है कि अगर जल्द से जल्द प्रशासनिक तौर पर जांच कर अवैध मस्जिद को तोड़ने की कार्रवाई नहीं की गई तो वो खुद मस्जिद को गिराने से पीछे नहीं हटेंगे।