Explained: ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी, यह किस तरह इंडस्ट्री और गेमर पर बढ़ाएगा बोझ, जानें
जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ जाएगा। इसके चलते अवैध सट्टेबाजी में बढ़ोतरी हो सकती है।
मोदी सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाने का फैसला किया है। बुधवार को जीएसटी परिषद की 51वीं बैठक में 1 अक्टूबर से कर लगाने का फैसला किया गया। हालांकि जीएसटी परिषद की बैठक में तय किया गया कि ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर जीएसटी लगाने की छह महीने बाद अप्रैल, 2024 में समीक्षा की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि नियमों में किसी बदलाव की जरूरत है या नहीं। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि सरकार के इस फैसले से ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री और देशभर के लाखों गेमर पर क्या असर डालेगा?
Q. ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी कैसे काम करेगा?
A. मौजूदा समय में ऑनलाइन गेमर्स को ऑनलाइन गेमिंग कंपनी द्वारा लिए जाने वाले प्लेटफ़ॉर्म शुल्क को छोड़कर, उनके द्वारा लगाए गए दांव या जीत के मूल्य पर जीएसटी नहीं चुकाना होता है। हालांकि, 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमर्स को प्रत्येक दांव के मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।
इसका मतलब यह है कि एक गेम के लिए कुल पूल राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। अगर गेमर जीत जाता तो उसे जीत की राशि पर 30 प्रतिशत टीडीएस देना होगा। इसके अलावा गेमिंग कंपनी प्लेटफ़ॉर्म शुल्क अलग से लेगी।
Q.अगर मैं गेमर हूं तो मुझे किस तरह चुकाना होगा टैक्स?
A. अगर किसी ऑनलाइन गेम खेलने के लिए एंट्री फीस 100 रुपये है तो 28 फीसदी जीएसटी 1 अक्टूबर से लागू हो जाने के बाद 128 रुपये (28/- रुपये जीएसटी के रूप में) चुकाने होंगे। जानकारों का कहना है कि इस फैसले से गेमर के लिए ऑनलाइन गेमिंग की लागत बढ़ जाएगी। इसके अलावा गेमिंग कंपनी अपना प्लेटफॉर्म चार्ज पहले जैसा वसूल करेंगी।
Q. अगर मैं ऑनलाइन गेम में कोई राशि जीतता हूं तो उस पर भी जीएसटी देना होगा?
A. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद बताया कि मान लिया जाए अगर कोई गेमर 1,000 रुपये का दांव लगाता है और वह 300 रुपये जीतता है। फिर वही व्यक्ति 1,300 का दांव लगाता है, तब जीएसटी जीती गयी राशि पर नहीं लगेगा।
Q. सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाने का फैसला क्यों किया?
A. हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा था कि 2022-23 में गेमिंग इंडस्ट्री से सरकार को राजस्व के रूप में 1,700 करोड़ रुपये मिला। उन्होंने कहा कि 28% जीएसटी लगाने के बाद अगर गेमर की संख्या समान रहती है तो सरकारा को 10 गुना ज्यादा रिवन्यू मिलेगा जो लगभग 15,000-20,000 करोड़ रुपये हो सकता है।
Q. सरकार के इस फैसले से ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर क्या होगा असर?
A. ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) का कहना है कि सरकार का यह फैसला, ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। एआईजीएफ का मनना है कि इस फैसले से छोटे प्लेयर मार्केट से बाहर हो जाएंगे, ऐसा इसलिए कि उनको 400% की बढ़ी हुई दर से टैक्स चुकाना होगा। इस कर बढ़ोतरी के बाद कुछ ही बड़ी कंपनियां इस सेक्टर में रह जाएंगी। इससे बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जाएंगी।
Q. इस फैसले का क्या बुरा असर देखने को मिल सकता है?
A. जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ जाएगा। इसके चलते अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्म की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, कर बचत करने के लिए घरेलू गेमिंग कंपनियां अपना कारोबार विदेशों में स्थानांतरित कर सकती है। इससे भारत सरकार को रेवन्यू लॉस हो सकता है। इससे इस सेक्टर में काम करने वाले बेरोजगार हो सकते हैं। नई नौकरियों में भी कमी होगी। इसके साथ ही यह निर्णय फैंटेसी गेमिंग उद्योग के लिए एक बड़ा झटका होगा, जिसका राजस्व 2027 तक 25,000 करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है।