A
Hindi News Explainers Explainer: ईपीएफओ में आधार को लेकर इस वजह से UIDAI को लेना पड़ा ये फैसला, कई लाभार्थियों में था कन्फ्यूजन

Explainer: ईपीएफओ में आधार को लेकर इस वजह से UIDAI को लेना पड़ा ये फैसला, कई लाभार्थियों में था कन्फ्यूजन

ईपीएफओ ने इस सर्कुलर में कहा है कि आधार को जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, बल्कि यह मुख्य तौर पर एक पहचान सत्यापन उपकरण है। आधार भारत सरकार की ओर से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी 12 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या है।

ईपीएफओ ने इस बारे में हाल ही में एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। - India TV Hindi Image Source : INDIA TV ईपीएफओ ने इस बारे में हाल ही में एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

आधार की आज के जमाने में एक डॉक्यूमेंट के तौर पर क्या वैल्यू है, आप बखूबी जानते हैं। यूं कह लीजिए कि अब इसके बिना कोई भी वित्तीय या फाइनेंशियल काम-काज होता ही नहीं है। हर चीज में आधार अटैच करनी पड़ती है। लेकिन ठहरिये, अब एक नया एंगल भी है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में अब जन्म प्रमाण पत्र के तौर पर आधार की मान्यता नहीं रह गई है। आधार को मैनेज करने वाले संस्थान भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने इस पर फैसला किया है। इसी आधार पर ईपीएफओ ने इस बारे में हाल ही में एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। ईपीएफओ ने इस सर्कुलर में कहा है कि आधार को जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, बल्कि यह मुख्य तौर पर एक पहचान सत्यापन उपकरण है।

लिस्ट ऑफ डॉक्यूमेंट से हटाया गया

ईपीएफओ ने कहा है कि इस बारे में यूआईडीएआई से एक पत्र मिला है, जिसमें कहा गया है कि जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में आधार के इस्तेमाल को स्वीकार्य डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट से हटाने की जरूरत है। इसको देखते हुए आधार को लिस्ट से हटाया जा रहा है। केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) ने सर्कुलर पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। आधार भारत सरकार की ओर से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी 12 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या है। यह नंबर पूरे भारत में पहचान और पते के प्रमाण के रूप में कार्य करता है।

Image Source : INDIA TVजन्म प्रमाण पत्र के तौर पर ये डॉक्यूमेंट्स ही अब वैलिड होंगे।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में जरूरी करेक्शन किया जाएगा

यूआईडीएआई के निर्देश के मुताबिक, आधार को कई लाभार्थियों द्वारा जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में माना जा रहा था। आधार, जबकि एक विशिष्ट पहचानकर्ता है, को आधार अधिनियम, 2016 के मुताबिक जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में मान्यता नहीं दी गई थी। अपने निर्देश में, यूआईडीएआई ने इस बात पर जोर दिया कि आधार पहचान का प्रमाण है, जन्म का प्रमाण नहीं। अपडेटेड गाइडलाइंस के मुताबिक ईपीएफओ के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में जरूरी करेक्शन किया जाएगा। इंटरनल सिस्टम डिविजन (आईएसडी) इसमें जरूरी बदलाव करेगा। ईपीएफओ ने अपने सभी जोनल और क्षेत्रीय कार्यालयों को ताजा दिशानिर्देशों का व्यापक पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

Image Source : UIDAIसाल 2022-23 के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 136.9 करोड़ आधार नंबर जारी किए गए हैं।

आधार का बड़ा महत्व

साल 2022-23 के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 136.9 करोड़ आधार नंबर जारी किए गए हैं। आधार और डीबीटी ने मिलकर 2.73 खरब रुपये की बचत की है। एनुअल रिपोर्ट 2022-23 के मुताबिक, पहला यूआईडी साल 2010 में जेनरेट किया गया था, जबकि डीबीटी स्कीम साल 2012 में शुरू हुई थी। आम लोगों तक बेनिफिट डायरेक्ट पहुंच सके, इसके लिए 1700 से ज्यादा सरकारी स्कीम या प्रोग्राम (राज्य और केंद्र दोनों मिलाकर) आधार से अटैच हैं। इसी वजह से बेनिफिट सीधे बेनिफिशियरी के अकाउंट में पहुंचता है।