Explainer: ताइवान में हर साल हजारों बार क्यों कांपती है धरती? 1999 में आए भूकंप ने मचाई थी तबाही
ताइवान दो टेक्टोनिक प्लेट्स के करीब स्थित है। यहां पर भूकंप आना सामान्य बात है। ताइवान में साल 1900 से अब तक 96 बार जानलेवा भूकंप आ चुके हैं। यहां हर साल हजारों की संख्या में भूकंपीय गतिविधियां दर्ज की जाती हैं।
Earthquake In Taiwan: ताइवान में बुधवार (03-04-2024) को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। भूकंप के चलते कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिसके बाद पूरे द्वीप में ट्रेन सेवा को निलंबित कर दिया गया। इस दौरान ताइपे में ‘सबवे’ सेवा को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। ताइवान की आबादी करीब 2.3 करोड़ है और यहां अक्सर भूकंप के झटके आते रहे हैं। रिक्टर पैमाने पर बुधवार को आए भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई है। भूकंप की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। भूकंप के लिहाज से ताइवान सेंसिटिव जोन है और यहां अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते है। आखिर ऐसा क्या है जिसकी वजह से यहां भूकंप आते रहते हैं और अब तक कितनी बार बड़े भूकंप आ चुके हैं...आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में।
डराने वाले हैं भूकंप के आंकड़े
ताइवान सरकम-पैसेफिक सेस्मिक जोन में आता है, इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि यह दो टेक्टोनिक प्लेट्स के करीब स्थित है। ऐसे में यहां पर भूकंप आना सामान्य बात है। सेंट्रल वेदर ब्यूरो की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि साल 1900 से 1991 तक देश में हर साल करीब 2200 भूकंप आए और इनमें से 214 खतरनाक थे। साल 1991 में सेस्मिक नेटवर्क को बेहतर किया गया तो भूकंप का पता लगा पाना और आसान हो गया। साल 1991 से 2004 तक भूकंप के 18,649 झटके आए। साल 1999 में सबसे ज्यादा बार भूकंप आया और 49,919 बार धरती कांपी। 3003 बार से झटके महसूस किए गए। रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान में साल 1900 से अब तक 96 बार जानलेवा भूकंप आ चुके हैं।
1999 में आया विनाशकारी भूकंप
ताइवान में हाल के वर्षों में 21 सितंबर 1999 को सबसे भीषण भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 7.7 थी। इसमें 2400 लोगों की मौत हो गई थी और करीब एक लाख लोग जख्मी हो गए थे। हजारों इमारतें नष्ट हो गई थी और भारी नुतसान हुआ था। साल 2016 में भी ताइवान में बड़ा भूकंप आया था जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
तीव्रता के लिहाज से निर्धारित होती है कैटेगरी
यहां यह भी जानना जरूरी है कि भूकंप को तीव्रता के लिहाज से अलग-अलग कैटेगरी में रखा जाता है। 2.5 से 5.4 तीव्रता वाले भूकंप माइनर कैटेगरी में होते हैं। 5.5 से 6 तीव्रता वाले भूकंप को हल्का खतरनाक भूकंप माना जाता है, इसमें मामूली नुकसान होने की संभावना रहती है। अगर 6 से 7 तीव्रता का भूकंप आता है तो नुकसान होने की संभावना भी बढ़ जाती है। 7 से 7.9 के भूकंप को खतरनाक माना जाता है। इस तीव्रता के भूकंप से इमारतों में दरार या उनके गिरने की आशंका रहती है। इससे ऊपर की तीव्रता वाले सभी भूकंप को बेहद खतरनाक कैटेगरी में रखा जाता है।
क्यों आता है भूकंप
पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
यह भी पढ़ें:
भूकंप के तेज झटकों से दहल गया ताइवान, रिक्टर स्केल पर 7.2 मापी गई तीव्रता, एक शख्स की मौत 50 घायल
गाजा में सहायता कर्मियों की मौत पर इजराइल ने भी दी प्रतिक्रिया, कहा 'यह एक गलती थी'