EXPLAINER: जानते हैं कितना पावरफुल होता है भाजपा अध्यक्ष का पद? कैसे होती है चुनाव प्रक्रिया
लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद खाली है। जेपी नड्डा के स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसपर सबकी नजरें टिकी हैं। जानते हैं कितना पावरफुल होता है भाजपा अध्यक्ष का पद?
लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न होने के बाद एक तरफ जहां पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में बनी नई कैबिनेट ने अपना कार्यभार संभाल लिया है और प्रधानमंत्री के पहले 100 दिन के लक्ष्य को पूरा करने में जुट गया है। लेकिन इन सबके बीच एनडीए गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन दिग्गज नेताओं में से एक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हैं, जिन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय संभालने का काम दिया गया है। इससे पहले नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और अब वह केंद्रीय मंत्री हैं। नड्डा से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद गृहमंत्री अमित शाह संभाल रहे थे। अब चूंकि दोनों नेता कैबिनेट मंत्री हैं तो लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि अब भाजपा अपनी पार्टी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी किसे सौंपेगी?
भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इस सवाल को लेकर कयासबाजी तेज है। इसे लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं लेकिन ये तय तब होगा जब पार्टी के पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक होगी और सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। जानकारी के मुताबिक फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी जेपी नड्डा ही संभालेंगे। पीएम मोदी अभी जी7 समिट में भाग लेने के लिए 13 जून से 15 जून तक इटली जा रहे हैं।उनके इटली से लौटने के बाद इस महीने के अंत तक भाजपा की संसदीय दल की बैठक हो सकती है और उसमें अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।
कैसे होता है भाजपा के अध्यक्ष पद का चुनाव
इस साल 18 फरवरी को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर एक प्रस्ताव पास हुआ। इसके मुताबिक पद खाली होने पर पार्लियामेंट्री बोर्ड अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकेगा। भाजपा के अपने संविधान की धारा-19 में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं। इस नियम के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य मिलकर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। अध्यक्ष पद का चुनाव पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बनाए गए नियमों के मुताबिक ही होता है।
अध्यक्ष बनने की क्या है योग्यता
भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए सबसे जरूरी है कि इसके लिए होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दर्ज करने वाला व्यक्ति कम से कम 15 साल तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो। इसके साथ ही प्रदेश या राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कम से कम 20 सदस्य अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए किसी व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव पेश कर सकते हैं और इस प्रस्ताव पर कम से कम 5 प्रदेशों के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों की सहमति होनी चाहिए। सबसे जरूरी बात कि अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए प्रस्ताव पर उम्मीदवार का दस्तखत होना चाहिए।
कितना होता है अध्यक्ष का कार्यकाल
भाजपा अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। एक व्यक्ति लगातार दो बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है। अध्यक्ष के अलावा पार्टी से जुड़े सभी कार्यकारिणी, परिषद, समिति और उसके पदाधिकारियों और सदस्यों का टर्म भी तीन साल का ही होता है। भाजपा का सदस्य वह कोई भी व्यक्ति बन सकता है जिसकी उम्र 18 साल या उससे अधिक हो, उसका किसी दूसरे दल से जुड़ाव नहीं हो। बता दें कि भाजपा अध्यक्ष पार्टी का सर्वोच्च पद होता है और उसपर पूरी पार्टी की अहम जिम्मेदारी होती है।
नड्डा, शाह और राजनाथ, गडकरी ने भी निभाई है जिम्मेदारी
जेपी नड्डा जून 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे और इसके कुछ ही महीनों के बाद 20 जनवरी 2020 को वह पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए गए थे। फिर साल 2022 में दोबारा उनके नाम से एक प्रस्ताव पास करके भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। उनके अलावा अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी सहित कई नेता इस अहम पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।