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Hindi News मनोरंजन टीवी 'जन्माष्टमी पर मुझे दूसरा जन्म मिला', टीवी एक्टर सुमेध मुद्गलकर ने आखिर क्यों कहा ऐसा?

'जन्माष्टमी पर मुझे दूसरा जन्म मिला', टीवी एक्टर सुमेध मुद्गलकर ने आखिर क्यों कहा ऐसा?

कृष्ण जन्माष्टमी के इस खास अवसर पर टीवी पर श्री कृष्ण का किरदार निभा चुके सुमेध मुद्गलकर ने बहुत ही प्यार पोस्ट शेयर किया है। 'राधाकृष्ण' में भगवान कृष्ण की भूमिका निभाने के बाद एक्टर की जिंदगी में कई बदलाव आए, जिसके बाद उनका दृष्टिकोण भी बदल गया है।

Sumedh Mudgalkar- India TV Hindi Image Source : INSATGRAM सुमेध मुद्गलकर

'राधाकृष्ण' में भगवान कृष्ण का किरदार निभाने वाले सुमेध वासुदेव मुद्गलकर की इस शो के बाद जिंदगी बदल गई। उन्होंने ये बात कई बार अपने सोशल मीडिया पर शेयर की है। इस बीच आज कृष्ण जन्माष्टमी के इस खास मौके पर अभिनेता ने बताया कि कैसे यह त्यौहार उनके लिए इतना खास हो गया है। 4 साल पहले सुमेध मुद्गलकर ने खुलासा किया था कि जन्माष्टमी पर उनका दूसरा जन्म हुआ था क्योंकि जब जन्माष्टमी आती है तो लोग मुझे इंस्टाग्राम पर हैप्पी बर्थडे मैसेज करते हैं। लोग बहुत प्यार बरसाते हैं और मुझसे कहते हैं 'आपके काम में हमें श्री कृष्ण दिखते हैं।' दुनिया मुझे कई बार ऐसा महसूस कराती है कि जन्माष्टमी मेरा दूसरा जन्मदिन है।'

एक्टर को जन्माष्टमी पर मिला दूसरा जन्म

अभिनेता से जब पूछा गया कि वह बचपन में इस त्यौहार को कैसे मनाते थे तो उन्होंने बताया था कि, 'मैंने दही हांडी को तोड़ने की बहुत कोशिश की है लेकिन हो नहीं पाया, लेकिन हां इस दिन में खूब डांस करता था।' 27 वर्षीय अभिनेता ने 'राधाकृष्ण' में पांच साल तक स्क्रीन पर भगवान कृष्ण की भूमिका निभाई है और उनका कहा है कि इस रोल से उनकी किस्मत बदल गई। उन्होंने लोगों को से वो प्यार मिलने लगा, जिसका उन्हें इंतजार था। सुमेध मुद्गलकर ने आगे कहा कि, 'सबसे बड़ी चुनौती मेरे लिए ये थी कि भगवान कृष्ण का किरदार इतने अच्छे से निभा सकूं की लोग को कोई शिकायत न हो और जब लोग मुझे जन्माष्टमी पर  हैप्पी बर्थडे मैसेज करते हैं तो लगता है कि ये मेरा दूसरा जन्मदिन है।'

राधाकृष्ण से सुमेध मुद्गलकर की बदली किस्मत

भगवान कृष्ण की भूमिका निभाने से उनके अंदर क्या बदलाव आए। इस बारे में बताते हुए अभिनेता सुमेध मुद्गलकर  आगे कहते हैं,'भगवान कृष्ण की भूमिका निभाने के बाद मुझे गुस्सा नहीं आता है मैं सबकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूं। मैं अभी भी अपने अंदर हुए बदलावों को समझ नहीं पाया हूं, लेकिन मेरे आस-पास के लोग भी इस बात से सहमत हैं कि मैं पहले से और भी ज्यादा बेहतर हो गया हूं। मैं परिस्थितियों से निपटने में पहले से बेहतर हो गया। भगवान कृष्ण का नाम हमेशा मेरे साथ, मेरे नाम और मेरी अंतरात्मा के साथ जुड़ा रहेगा।'