एल्विश यादव का फोन खोलेगा सांप के जहर वाली रेव पार्टी के राज, नोएडा पुलिस खंगाल रही सोशल मीडिया चैट्स
एल्विश यादव की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। मामला और गहराता जा रहा है। इस मामले में नोएडा पुलिस लगातार तफ्तीश कर रही है। अब इस मामले में एल्विश के फोन और सोशल मीडिया चैट्स पर पुलिस का शिकंजा है। ऐसे में कई खुलासे होने की उम्मीद की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक एल्विश यादव का फोन सांप के जहर वाली रेव पार्टी के राज खोलेगा। एल्विश यादव के फोन की जांच होगी और आगे कार्रवाई इसी पर टिकी है। एल्विश यादव के सोशल मीडिया अकाउंट और उन पर की गई चैट्स को डिकोड करने में नोएडा पुलिस जुटी है। नोएडा पुलिस एल्विश यादव के व्हाट्सएप से कई पार्टी ग्रुप्स को खंगालने में लगी है। इन ग्रुप में लेट नाईट पार्टियों को लेकर चैट्स होने की संभावना बताई जा रही है। चैट्स की डिटेल खोजने में पूरी तरह से पुलिस लगी है। फोरेंसिक टीम की मदद भी मामले की तफतीश में ली जा रही है।
हो सकती हैं कई और गिरफ्तारियां
व्हाट्सएप ग्रुप को खंगालने के दौरान नोएडा पुलिस ने एक लिस्ट तैयार की है। इस लिस्ट में उन लोगों के नाम हैं जो रोव पार्टी को लेकर एल्विश यादव से संपर्क करते थे। इस लिस्ट में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं उन्हें जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। एल्विश यादव केस में जल्द कुछ और गिरफ्तारियां होने की संभावना बताई जा रही है। अभी तक इस केस में फाजिलपुरिया के अलावा किसी सेलेब्रिटी का नाम सीधे तौर पर सामने नहीं आया है। केस में फाजिलपुरिया के रोल की भी जांच के दायरे में रखा गया है। इसी मामले में आज दो लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें से एक का नाम ईश्वर है। वो एक बैंक्वेट हॉल का मालिक है। ईश्वर पहले से गिरफ्तार आरोपी राहुल के संपर्क में था। बता दें, इस मामले में अब तक सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
जानें पूरा मामला
एल्विश यादव पर नोएडा पुलिस ने 29 एनडीपीएस एक्ट लगाया है। 29 एनडीपीएस एक्ट तब लगाया जाता है जब कोई नशे से जुड़ी साजिश जैसे नशे की खरीद-फरोख्त में शामिल होता है। इस अधिनियम के तहत दर्ज आरोपियों को आसानी से जमानत भी नहीं मिलती है। पिछले साल पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) संगठन की शिकायत के आधार पर नोएडा पुलिस ने सेक्टर 51 स्थित एक बैंक्वेट हॉल पर छापा मारा था और पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।
पीएफए का दावा
पीएफए ने अपनी एफआईआर में एल्विश यादव का नाम भी लिया था और उन पर रेव पार्टियों का आयोजन करने का आरोप लगाया था। दावा किया गया था कि वे विदेशियों को आमंत्रित करते हैं और जहरीले सांपों की व्यवस्था करते हैं। बता दें कि छापेमारी के दौरान नौ जहरीले सांप बरामद किए गए। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत सांप की विष ग्रंथियां निकालना दंडनीय अपराध है और दोषी को सात साल की जेल हो सकती है। एल्विश हाल ही में गुरुग्राम में सागर ठाकुर (मैक्सटर्न) नाम के एक यूट्यूबर की पिटाई के लिए भी चर्चा में थे। बता दें, कोर्ट ने एल्विश को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जेल अधिकारियों की ओर से खबर आई थी कि एल्विश यादव की जेल में पहली रात बेचैनी और मायूसी में गुजरी। बीते दिन उनको क्वारंटीन सेल से हाई सिक्योरिटी सेल में उन्हें शिफ्ट किया गया।
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