Raju Srivastava Death: ऑटो ड्राइवर से बने कॉमेडी किंग, जानिए राजू श्रीवास्तव के संघर्ष से लेकर असली नाम तक सब कुछ
Raju Srivastava Death: 41 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ते हुए कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का निधन हो गया है। इस खबर से पूरा देश सदमे में हैं।
Highlights
- सत्य प्रकाश श्रीवास्तव से बने राजू
- गुजारा करने के लिए चलाया ऑटो
- कई फिल्मों में किया काम
Raju Srivastava Death: कॉमेडियन और एक्टर राजू श्रीवास्तव के निधन की खबर से पूरा देश सदमे में है। मनोरंजन जगत से लेकर राजनीतिक गलियारों तक राजू श्रीवास्तव के जाने से सन्नाटा पसर गया है। राजू श्रीवास्तव का 58 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। कॉमेडियन ने नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अंतिम सांस ली। राजू को 10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। आज राजू श्रीवास्तव हमारे बीच नहीं हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके चेहरों पर स्माइल लाने के लिए काफी संघर्ष किया है। उन्होंने फेमस कॉमेडियन का मुकाम पाने से पहले ऑटो चलाकर भी गुजाारा किया है। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें...
सत्य प्रकाश श्रीवास्तव से बने राजू
दरअसल, कई साल पहले एक महफिल में एक कम उम्र लड़के सत्यप्रकाश ने लोगों को हंसाने की गुजारिश की। उनकी गुजारिश मानकर अनाउंसमेंट करने वाले 'अंकल' ने कहा कि अब चंद चुटकुले सुनाने 'राजू' आ रहे हैं। बस फिर क्या था उस दिन के बाद सत्य प्रकाश का नाम स्टेच पर राजू श्रीवास्तव ही हो गया। कानपुर के किदवई नगर के निवासी रमेशचंद्र श्रीवास्तव का बेटा सत्यप्रकाश श्रीवास्तव एक दिन इस नाम से स्टार बनेगा ये शायद किसी को पता नहीं था।
गुजारा करने के लिए चलाया ऑटो
जिस दौर में अपने सपनों को साकार करने के लिए राजू मुंबई पहुंचे, उस दौर में जॉनी लीवर कॉमेडी के सरताज थे। जॉनी लीवर की लोकप्रियता के कारण किसी नए व्यक्ति को रोल मिलना काफी मुश्किल था। शुरुआत में काम नहीं मिला और आर्थिक तंगी रही। खर्च चलाने के लिए राजू ने ऑटो चलाया। राजू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो ऑटो में सफर कर रहे लोगों को जोक सुनाते थे। बदले में उन्हें किराये के साथ टिप भी मिल जाती थी। ऐसे ही एक दिन उनके एक ऑटो में बैठे कस्टमर ने उन्हें स्टैंडअप कॉमेडी के बारे में जानकारी दी। जिसके बाद उन्होंने स्टेज पर कॉमिक परफॉर्मेंस देना शुरू किया, हालांकि पहला शो मिलने में भी उन्हें लंबा समय लग गया। राजू ने एक इंटरव्यू में बताया था, "उस समय फीस के तौर पर 50 रुपये मिलते थे. स्ट्रगल के दिनों में मैं बर्थडे पार्टीज में जाकर 50 रुपये के लिए भी कॉमेडी किया करता था।"
इन शोज ने बनाया स्टार
भले ही राजू का करियर 'लाफ्टर चैलेंज' के भी लगभग 15 साल पहले शुरू हो चुका था। लेकिन इस शो ने राजू की किस्मत बदली और उनको वह सब मिला, जिसका कोई कलाकार सपना देखता है। 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' से अपनी पहचान बनाने के बाद राजू 'बिग बॉस', 'लाफ इंडिया लाफ', 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल', 'गैंग्स ऑफ हंसीपुर' जैसे कॉमेडी शोज में दिखते रहे।
कई फिल्मों में किया काम
फिल्मी करियर की बात करें तो राजू श्रीवास्तव साल 1988 में फिल्म 'तेज़ाब' में एक्स्ट्रा के तौर काम किया। फिर साल 1989 में वह सलमान की फिल्म 'मैंने प्यार किया' में एक ट्रक क्लीनर के किरदार में दिखे। फिर साल 1993 में उन्हें फिल्म 'बाज़ीगर' में देखा गया। जिसमें वे शिल्पा शेट्टी के कॉलेज के ही एक छात्र के रूप में नजर आए। इसके बाद ये सिलसिला लगातार चलता रहा। राजू श्रीवास्तव भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें उनके फैंस के दिलों में हमेशा धड़कती रहेंगी। जब भी कोई उदास होगा तो राजू के चुटकुले उसे हंसने पर मजूबर करेंगे।