अभिनेता कुशाल पंजाबी की आत्महत्या ने मनोरंजन जगत में मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषय पर सोचने को बाध्य किया है। अर्जुन बिजलानी का कहना है कि टीवी जगत के लोग तो अवसाद पर खुलकर बात भी नहीं कर सकते, क्योंकि इससे उनके काम पाने के मौके पर खतरा मंडरा सकता है। अर्जुन ने कहा, "जगत में बहुत ही कैच-22 (जटिल, विरोधाभासी) वाली परिस्थिति है। आप खुलकर बात नहीं कर सकते हैं, क्योंकि आपको लगता है कि जो भी छोटा मौका आपको मिलने वाला भी होगा वह आप खो सकते हैं। लोग आपको काम देना नहीं चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि आप अवसादग्रस्त हैं।"
उन्होंने कहा, "कई बार कलाकारों के लिए परिस्थिति काफी खराब हो जाती है। वह खुलकर बोलना चाहते हैं, लेकिन ऐसा कर नहीं सकते, वह किसी पर भरोसा नहीं कर पाते हैं, वास्तविक परिस्थिति यही है।"
अभिनेता ने आगे कहा, "इसका समाधान यही है कि हमें एक समाज के तौर पर बदलाव लाना होगा। अवसाद को लेकर और जागरूक होने की जरूरत है, इसके लिए केंद्र होने चाहिए और उन केंद्रों में सभी को भेजना चाहिए। अगर आप अवसादग्रस्त हैं या किसी चीज से गुजर रहे हैं या फिर आपके मन में आत्महत्या जैसे विचार आ रहे हैं, तो कृपया इस नंबर पर फोन करें। कुछ ऐसे नंबर होने चाहिए, जिससे कि कोई भी उस पर फोन कर अपनी बात कह सके।"