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द प्रोटोकॉल: रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से चर्चा में है ये फिल्म, जानिए कब होगी रिलीज

नलिन सिंह माय वर्जिन डायरी, इन्द्रधनुष, गांधी टू हिटलर और ए नाइट बिफोर द सर्जिकल स्ट्राइक जैसी मशहूर फिल्मों के लिए जाने जाते हैं जिन्हें समीक्षकों और दर्शकों दोनों ने सराहा है।

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Highlights

  • यह शॉर्ट पीरियड फिल्म गांधी और हिटलर के टकराव को संजीदगी और ईमानदारी से पेश करती दिखेगी।
  • द प्रोटोकॉल' अप्रैल के पहले हफ्ते में एमएक्स प्लेयर पर आ जाएगी।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दुनियाभर में इन दिनों अलग-अलग विचारधाराओं का भी टकराव हो रहा है। विचारधारा का टकराव ऐसा है जो हमेशा चलता रहा है और चलता रहेगा। जहां दुनिया भर में कई लोग हैं जो सिर्फ शांति-अहिंसा और लोकतंत्र चाहते हैं लेकिन वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें तानाशाही, हिंसा और युद्ध का तरीका पसंद आता है। तभी तो एक तरफ लोग महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते हैं तो कई ऐसे लोग भी हैं जो हिटलर में भी अपना आइडियल खोज लेते हैं। महात्मा गांधी और एडॉल्फ हिटलर दुनिया की दो ऐसे पॉपुलर नाम हैं जिन्हें दुनियाभर के फिल्ममेकर्स ने अपनी-अपनी तरीकों से प्रस्तुत किया है। लेकिन नलिन सिंह की नई फिल्म 'द प्रोटोकॉल' एक ऐसी फिल्म है जिसमें एक्टर, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर नलिन सिंह बिल्कुल जुदा अंदाज में पेश कर रहे हैं। 

25 मिनट की यह शॉर्ट पीरियड फिल्म गांधी और हिटलर के टकराव को संजीदगी और ईमानदारी से पेश करती दिखेगी। 'द प्रोटोकॉल' 26 मार्च को ओटीटी प्लेटफार्म हंगामा डॉट कॉम और वीआई मूवीज पर रिलीज हो रही है। वहीं अप्रैल के पहले हफ्ते में ये फिल्म एमएक्स प्लेयर पर भी आ जाएगी। 

इससे पहले नलिन सिंह माय वर्जिन डायरी, इन्द्रधनुष, गांधी टू हिटलर और ए नाइट बिफोर द सर्जिकल स्ट्राइक जैसी मशहूर फिल्मों के लिए जाने जाते हैं जिन्हें समीक्षकों और दर्शकों दोनों ने सराहा है। 

फिल्म के मकसद और सामाजिक संदेश पर बात करते हुए नलिन सिंह ने कहा- "यह फिल्म दुनिया भर में लोकतांत्रिक सिद्धांतों को मजबूत करने की एक कोशिश है, जिससे अखंड भारत के सपने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। हम कहना चाहते हैं कि इस खूबसूरत ख्वाब को सिर्फ प्रेम, अहिंसा और सद्भाव के जरिये ही हकीकत में बदला जा सकता है। भारत विभिन्न संस्कृतियों और धार्मिक मान्यताओं वाला देश है। फिल्म के जरिये हम बताना चाहते हैं कि प्रेम और सद्भाव से ही हम देश में संविधान और लोकतंत्र को स्थापित कर सके। इसलिए आज पूरी दुनिया को शांति-अहिंसा को अपनाने की जरूरत है। हमारी फिल्म इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास है।"