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Hindi News मनोरंजन ओटीटी बच्चों की फौज के साथ बनाई मार्मिक फिल्म, आंसू रोकना हो जाएगा मुश्किल, रुंधे गले से दर्शकों ने देखी थी मूवी

बच्चों की फौज के साथ बनाई मार्मिक फिल्म, आंसू रोकना हो जाएगा मुश्किल, रुंधे गले से दर्शकों ने देखी थी मूवी

आज बाल दिवस के मौके पर 2011 में रिलीज हुई फिल्म 'स्टेनली का डब्बा' देखी जा सकती है। इस फिल्म ने लोगों को खूब रुलाया था। फिल्म ने 4 अवॉर्ड अपने नाम किए थे। फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर देखा जा सकता है।

stanley Ka Dabba- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM स्टेनली का डब्बा

आज देशभर के स्कूलों में चिल्ड्रन्स डे मनाया गया है। 14 नवंबर का दिन बच्चों के लिए समर्पित रहता है। आज के दिन स्कूलों में बच्चों की फन एक्टिविटी भी कराई जाती हैं। आज चिल्ड्रन्स डे के इस खास मौके पर आप अपने बच्चों को एक शानदार फिल्म दिखा सकते हैं। ये फिल्म बच्चों की फौज के साथ बनी थी और लोगों को रुलाकर चली गई थी। फिल्म न केवल लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रही, बल्कि कई अवॉर्ड्स भी अपने नाम करने में सफल रही थी। 13 मई 2011 को रिलीज हुई इस फिल्म का नाम था 'स्टेनली का डब्बा'। फिल्म में बच्चों और भूख के बीच कड़े संघर्ष को दिखाती है। फिल्म ने कई अवॉर्ड्स भी अपने नाम किए थे। फिल्म के बाल कलाकार पार्थो गुप्ता को इस फिल्म के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड में बेस्ट चाइल्ड एक्टर के तौर पर सम्मानित किया गया था। इसके अलावा फिल्म ने 6 नॉमिनेशन और 4 अवॉर्ड अपने नाम किए थे। 

बच्चों की फौज के साथ बनी थी कहानी

स्टेनली का डब्बा फिल्म को डायरेक्टर अमूल गुप्ते ने बनाया था। ये फिल्म लोगों को खूब पसंद आई थी। फिल्म में अमूल गुप्ते ने एक अहम किरदार भी निभाया था। अमूल गुप्ते के साथ बच्चों की एक बड़ी फौज की स्टारकास्ट इसमें की गई थी। फिल्म में लीड रोल अमूल गुप्ते के बेटे पार्थो गुप्ते ने प्ले किया था। फिल्म का संगीत हितेश सोनिक ने दिया था। फिल्म में अमूल, पार्थो, राज जुस्तानी और नुमान शेख ने लीड रोल निभाया था। फिल्म की कहानी ने दर्शकों को खूब रुलाया था। सिनेमाघरों में इस इमोशनल कहानी को दर्शकों ने रुंधे गले के साथ देखा था। 

फिल्म की कहानी ने ला दिए थे लोगों के आंसू

फिल्म की कहानी एक बच्चे की थी, जिसका नाम स्टेनली था। ये बच्चा अनाथ रहता है और एक होटल में काम करता है। दिन में स्कूल आता है और शाम को होटल में मजदूरी करता है। बच्चे के सामने लंच की एक बड़ी चुनौती रहती है। साथ ही जिस स्कूल में स्टेनली पढ़ता है वहां एक भूखा टीचर भी है, जो बच्चों से लेकर टीचर्स तक के टिफिन नहीं छोड़ता है। इस कहानी में स्कूल के बच्चे और भूख की ऐसी मार्मिक कहानी देखने को मिली कि दर्शक खुद को सिसकने से नहीं रोक पाए। फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया था।