'एक प्यार का नगमा..' गाने से स्टार बनीं रानू मंडल, लेकिन गुमनामी में खोए हैं इसे लिखने वाले गीतकार संतोष आनंद
संतोष आनंद ने 1995 के बाद से ही गाने लिखना बंद कर दिया था। बेटे और बहू की मौत के बाद उन्होंने खुद को घर में कैद कर लिया था।
मुंबई: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें रानू मंडल (Ranu Mandal) नाम की महिला स्टेशन पर गाना गा रही थीं। उनकी आवाज इतनी सुरीली थी कि लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का गाना 'एक प्यार का नगमा.. मौजों की रवानी है.. जिंदगी और कुछ भी नहीं.. तेरी मेरी कहानी है..' गाकर रातो रात स्टार बन गईं। एक्टर और सिंगर हिमेश रेशमिया (Himesh Reshammiya) ने उन्हें अपनी अपकमिंग मूवी 'हैप्पी हार्डी एंड हीर' में गाने का मौका दिया, लेकिन क्या आपको पता है कि इस गाने को लिखने वाले गीतकार संतोष आनंद आज बदहाली में जीवन गुज़ार रहे हैं। पांच साल पहले उनके बेटे और बहू ने सुसाइड कर लिया था। इस घटना के बाद वह बुरी तरह टूट गए। आज उनकी स्थिती यह है कि कार्यक्रमों में गाना गाकर अपना पेट पाल रहे हैं।
दैनिक भास्कर की के साथ खास बातचीत में संतोष आनंद ने बताया कि उन्हें लगातार लोगों के फोन आ रहे हैं कि उनके गीत को गाकर एक गरीब महिला को हिमेश रेशमिया की फिल्म में काम मिल गया, लेकिन उनके पास स्मार्ट फोन भी नहीं है कि वह रानू मंडल के गाए उस गाने को सुन सकें।
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'मैं ना भूलूंगा', 'तेरा साथ है तो', 'मेघा रे मेघा' जैसे सैकड़ों लोकप्रिय गीत लिखने वाले संतोष आनंद ने 1995 के बाद से ही गाने लिखना बंद कर दिया था। बेटे और बहू की मौत के बाद उन्होंने खुद को घर में कैद कर लिया था। हालांकि, बाद में कुछ दोस्तों के कहने पर मंच पर दोबारा गीतों को सुनाना शुरू किया।
79 साल के संतोष आनंद अब बूढ़े हो चले हैं। वह किसी कार्यक्रम में व्हील चेयर पर पहुंचते हैं और अपने कांपते हुए हाथों से माइक पकड़ते हैं तो सभी का गला रुंध जाता है, लेकिन घर चलाने के लिए उन्हें इस उम्र में संघर्ष करना पड़ रहा है।
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